महाराष्ट्र के सियासी घमासान पर बोले मुख्यमंत्री गहलोत- राष्ट्रपति शासन लगाना गलत है

अगर प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा आ गई तो राज्यपाल महोदय की ड्यूटी बनती थी कि स्थिति कैसे सम्भाली जा सकती है और किस प्रकार एक स्थाई सरकार बन सकती है

Gehlot on Maharashtra
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पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र में पिछले 18 दिनों से जारी सियासी घमासन के बीच आखिर मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लग गया. वहीं पिछले 4 दिनों से जयपुर में रहकर राजस्थान की मेहमान नवाजी का लुफ्त उठा रहे महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक भी बुधवार को वापस मुंबई के लिए रवाना हो गए. बुधवार को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महाराष्ट्र (Gehlot on Maharashtra) में राष्ट्रपति शासन की निंदा करते हुए कहा कि यह अच्छा फैसला नहीं किया राज्यपाल महोदय ने, स्थिरता कायम करने के जगह अस्थिरता कायम कर दी महाराष्ट्र के अंदर राष्ट्रपति शासन लगा कर.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र देश का बहुत महत्वपूर्ण राज्य है, अगर वहां त्रिशंकु विधानसभा आ गई तो राज्यपाल महोदय की ड्यूटी बनती थी कि स्थिति कैसे सम्भाली जा सकती है और किस प्रकार एक स्थाई सरकार बन सकती है. राज्यपाल ने जल्दबाजी में पहले शिव सेना को बुलाया और टाइम बाउंड कर दिया, उन्होंने दो दिन या तीन दिन का समय देने के बजाए शाम 7.30 बजे तक का टाइम दिया और तुरन्त रिएक्शन भी दे दिया. ये कहां लिखा हुआ है आपने 7.30 का टाइम दिया. इसके बाद एनसीपी को बुलाया गया और एनसीपी का मामला क्या हुआ ये सब जानते हैं पूरा देश जानता है.

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वहीं सीएम गहलोत ने महाराष्ट्र बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि मिस्टर नारायण राणे जो पहले कांग्रेस में थे फिर शिवसेना में थे और अब वह बीजेपी में हैं, वह कहते हैं कि हम तो साम-दाम-दंड-भेद कुछ भी करेंगे पर सरकार बनाएंगे. अब आप सोच सकते हैं कि आज देश किस दिशा में जा रहा है. गहलोत ने कहा कि आज मोदी जी, अमित शाह जी और एनडीए गवर्नमेंट जिस रूप में देश को चला रहे है, पूरा मुल्क देख रहा है. इनको हरियाणा और महाराष्ट्र के अंदर झटका भी मिल गया है, तब भी अगर इनकी सोच नहीं बदली तो आने वाले वक्त के अंदर जनता इनको और सबक सिखाएगी.

महाराष्ट्र के वर्तमान हालात पर गहलोत (Gehlot on Maharashtra) ने कहा कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना जो भी फैसला करेगी सबको मंजूर होगा. वहां हमारे हाईकमान के जो प्रतिनिधि हैं वे आपस में चर्चा कर रहे हैं. अब ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा की क्या फैसला होता है. सीएम गहलोत ने कहा कि पं.नेहरू के व्यक्तित्व को आज दुनिया मान रही है, यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे लोग सत्ता में बैठे हैं जो सोशल मीडिया द्वारा नई पीढ़ी को गुमराह कर रहे हैं देश इन्हें कभी माफ नहीं करेगा. पं.नेहरू का व्यक्तित्व, कृतित्व खत्म नहीं हो सकता वह इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है.

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