पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. 15वीं विधानसभा के चौथे सत्र के दौरान शुक्रवार को एक चौंकाने वाला नजारा देखने को मिला जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सीट से उठकर माकपा विधायक बलवान पूनिया के पास पहुंचे और मुस्कुराते हुए पूनियां की पीठ थपथपाई. माकपा विधायक बलवान पूनियां अपने दमदार और प्रभावी भाषण के चलते सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं.
दरअसल, शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल में प्रदेश में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से हुए फसल खराबे का मुद्दा जोरशोर से गुंजा. इस दौरान पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने सरकार से सवाल किया कि तीन साल में कितने किसानों का फसल बीमा कराया गया, कितने किसानों को इसका लाभ नहीं मिल सका और इसके क्या कारण रहे? देवनानी के सवाल के जवाब में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने सदन में स्वीकार किया कि इसमें थोड़ी देरी हुई है, लेकिन सरकार कहीं से भी व्यवस्था करेगी. कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया के जवाब को सुनते ही विपक्ष ने जोरदार हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी. सरकार के खिलाफ किसान विरोधी नारे लगाते हुए बीजेपी विधायक वैल में पहुंच गए और लगातार नारेबाजी करते रहे.
बीजेपी विधायकों के हंगामे के दौरान ही अध्यक्ष सीपी जोशी ने प्रश्नकाल में अगले सदस्यों का नाम पुकारना शुरू कर दिया, जिस पर माकपा विधायक बलवान पूनियां ने बोलना शुरू किया. इसके कुछ देर बाद अध्यक्ष जोशी ने बीजेपी सदस्यों से अपनी जगह लौटने की अपील की. इसके बाद बीजेपी विधायकों के अपनी सीट पर लौटते ही विधायक बलवान पूनिया और बीजेपी विधायकों के बीच तीखी नोंकझोंक शुरू हो हुई. इस दौरान बलवान पूनिया भाजपा सरकार के समय हुई किसानों की परेशानी को लेकर जोर-जोर से बोलने लगे, वहीं बीजेपी विधायकों ने भी जवाब देना शुरू कर दिया और फिर से सदन में हंगामा शुरू हो गया.
विपक्ष का हंगामा शांत नहीं हुआ तो स्पीकर जोशी ने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी. सदन की कार्यवाही स्थगित होने पर बीजेपी विधायक बाहर चले गए लेकिन इसके बाद भी माकपा विधायक बलवान पूनिया जोर जोर से बोलकर भाजपा सरकार के समय की स्थिति बताते रहे. इस पर कुछ देर बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बलवान पूनिया के पास गए और पूनिया की पीठ थपथपाई. इस दौरान कांग्रेस के कई मंत्री और विधायक अधिकारी दीर्घा के पास मौजूद रहे.