नहीं थमा चिट्ठी पर मचा बवाल, देर रात राजे समर्थक विधायकों और नेताओं को अरुण सिंह ने किया तलब

सभी विधायकों और नेताओं ने खुद को संगठन द्वारा दरकिनार करने के लगाए आरोप, इस पर अरुण सिंह ने साफ तौर पर कहा कि आपकी बात वाजिब हो सकती है, मगर आप सभी वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए ऐसी बयानबाजी से बचें जिससे पार्टी को नुकसान हो

Raje Meeting
Raje Meeting

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में वसुंधरा राजे समर्थक 20 विधायकों द्वारा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां को लिखी गई चिट्ठी पर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश भाजपा कार्यालय पर हुई कोर ग्रुप की बैठक के बाद चिट्ठी लिखने वाले कुछ विधायक और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के नजदीकी कुछ नेताओं प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने मंगलवार देर रात एमएनआईटी गेस्ट हाउस में तलब किया. इस दौरान चिट्ठी लिखने की अगुवाई करने वाले छबड़ा विधायक प्रतापसिंह सिंघवी को सबसे पहले तलब कर उनसे सफाई मांगी गई, इसके बाद एक एक करके बाकी विधायकों को बुलाया गया.

सूत्रों की मानें तो इन सभी विधायकों ने खुद को संगठन द्वारा दरकिनार करने के आरोप लगाए हैं हालांकि सभी विधायकों से अरुण सिंह ने साफ तौर पर कहा कि आपकी बात वाजिब हो सकती है, मगर आप सभी वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए ऐसी बयानबाजी से बचें जिससे पार्टी को नुकसान हो. बताया जा रहा है कि विधायक नरपत सिंह राजवी, कालीचरण सराफ और प्रताप सिंह सिंघवी से अरुण सिंह ने चिट्ठी लिखने की वजह जानी गई.

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बताया जा रहा है कि इस दौरान वसुंधरा राजे की आठ मार्च से होने वाली धार्मिक यात्रा को लेकर भी चर्चा की गई. इसके लिए प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने पूर्व विधायक एवं मंत्री राजपाल सिंह, युनूस खान और अशोक परनामी को गेस्ट हाउस बुलाकर इन नेताओं से राजे की धार्मिक यात्रा के संबंध में जानकारी ली गई है. इस दौरान इन नेताओं ने भी संगठन पर खुद को दरकिनार करने के आरोप लगाए हैं. इन नेताओं का कहना था कि वरिष्ठ होने के बाद भी उन्हें संगठन से लगातार दूर रखा जा रहा है. आपको बता दें, मैडम राजे की भरतपुर से प्रस्तावित धार्मिक यात्रा की तैयारियों में पूर्व विधायक युनूस खान और अशोक परनामी ही अग्रणी भूमिका में हैं.

वहीं अरुण सिंह से मिलकर गेस्ट हाउस से बाहर निकले पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी और पूर्व मंत्री युनूस खान ने मीडिया के सवालों पर किसी भी तरह की राजनीतिक बात होने से इनकार कर दिया. अशोक परनामी ने कहा कि मेरे अरुण सिंह से पुराने संंबंध है और मेरे प्रदेशाध्यक्ष के समय वो राष्ट्रीय महामंत्री थे, इसलिए उनसे मिलने आया था, कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है. इसी प्रकार युनूस खान ने भी इसे सामान्य मुलाकात ही बताया.

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आपको बता दें, इससे पहले मंगलवार शाम प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में भी चिट्ठी विवाद पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसे गलत बताया था. लेकिन इस दौरान बैठक में मौजूद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे खामोश रहीं. वहीं बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने मीडिया के सामने यह माना कि इस तरह चिट्ठी सार्वजनिक करना गलत था.

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