राजस्थान विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव 50 के अंतर्गत बोलते हुए आज चित्तौड़गढ़ के बीजेपी विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने हिंदूस्तान जिंक प्लांट और उसके कारण आसपास फैल रहे प्रदूषण का मुद्दा सदन में उठाया. उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में हिंदूस्तान जिंक का एक प्लांट है. इस प्लांट के होने से आसपास वायु प्रदूषण तो फैल ही रहा है, प्लांट से निकलने वाले एसिड के प्रभाव से आसपास का पानी भी दूषित हो रहा है. प्लांट के पास एक नदी निकलती है और प्लांट का एसिड उसी नदी में छोड़ दिया जाता है जिससे नदी में मछलियां तो दम तोड़ ही रही हैं, उस प्रदूषित पानी को पानी से जानवार भी मर रहे हैं.
चंद्रभान ने अपने विधानसभा क्षेत्र के बिलिया गांव की स्थिति साझा करते हुए बताया कि इस गांव में 300-400 मीटर तक खोदने पर भी पीने लायक पानी उपलब्ध नहीं है. कई-कई किमी.तक केवल पीने का पानी लाने जाना पड़ता है. यहां कोई भी जानवर दो महीने से ज्यादा जीवित नहीं रहता और यह सब इस प्लांट और इससे हो रहे प्रदूषण की वजह से है.
चित्तौड़गढ़ विधायक ने यह भी कहा कि इस बारे मेें शिकायत करने पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शायद हिंदूस्तान जिंक की जड़े इतनी गहरी हैं जो सरकार से भी मिली हुई हों, इसलिए कोई सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि यहां के लोग पलायन करने पर बेबस हैं.
उन्होंने विधानसभा में मांग की कि यही से एक समिति गठित कर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से रिपोर्ट तैयार की जाए ताकि सारी स्थिति का सच पता चल सके. उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से रिपोर्ट कराने का कोई फायदा अभी तक नहीं हुआ क्योंकि वे वास्तविक रिपोर्ट दबा जाते हैं. इस दौरान उन्होंने स्थानीय चारागाह पर कब्जा करने की बात भी बताई. इस मसले पर उन्होंने सरकार से भी जवाब दिलाने की पेशकश की.