चांदना ने बैंसला को हिंडौन में वार्ता का दिया न्यौता, तो विरोधी गुट ने विजय बैंसला का नेतृत्व किया अस्वीकार

9 नवंबर को प्रदेश भर में चक्काजाम करने का ऐलान, सरकार से समझौता कर लौटे 80 गांव के 41 सदस्यीय दल ने विजय बैंसला को नेता मानने से किया इनकार, चांदना बोले- कर्नल साहब मेरे पिता तुल्य, उनके स्वागत एवं सत्कार के लिए हूं मैं तत्पर, आज गुर्जर समाज की बैठक के बाद होगा निर्णय

Ashok Chandna News
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Politalks.News/Rajasthan/Gurjar Movement. प्रदेश में जारी गुर्जर आंदोलन के सात दिन बीत जाने के बाद भी कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने दौसा जिले के सिकंदरा पहुंचकर सरकार द्वारा मांगे नहीं मानने पर 9 नवंबर को प्रदेश भर में चक्काजाम करने का ऐलान कर दिया है, तो वहीं, 41 सदस्यीय कमेटी के सदस्यों ने कर्नल के पुत्र विजय बैंसला के नेतृत्व को अस्वीकार कर दिया है. इसके साथ ही आंदोलन को रोकने के लिए प्रयासरत गहलोत सरकार ने एक बार फिर से गुर्जरों को वार्ता का न्योता भेजा है. सरकार में मंत्री अशोक चांदना ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला व अन्य गुर्जर नेताओं को हिंडौन में वार्ता करने के लिए आमंत्रित किया है.

खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि मुझे मीडिया के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और उनके प्रतिनिधि सरकार के साथ वार्ता के लिए तैयार है. कर्नल साहब मेरे पिता तुल्य है, उनके स्वागत एवं सत्कार के लिए मैं तत्पर हूं. मैं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को हिंडौन में वार्ता के लिए आमंत्रित करता हूँ.

मंत्री अशोक चांदना ने आगे कहा कि पूर्व में भी गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा बयाना में वार्ता हेतु मुझे आमंत्रित किया गया था. मैं तत्काल ही भरतपुर पहुंचकर संघर्ष समिति के सदस्यों से वार्ता की थी. पुनः कर्नल साहब के द्वारा मुझे गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की मांगों के लिए वार्ता हेतु पीलूपुरा में आमंत्रित किया गया था. मैं तत्काल ही जयपुर से पीलूपुरा के लिए रवाना हुआ था, लेकिन दुर्भाग्यवश मुलाकात नहीं हो पाई थी. जब मैं पीलूपुरा जा रहा था तो रास्ते में अवरोध उत्पन्न होने के कारण यथा स्थान पर नहीं पहुंच पाया था. वहीं, से तत्काल कर्नल साहब से मोबाइल पर बात की, उन्होंने विजय बैंसला से बात करने हेतु कहा, लेकिन विजय बैंसला से बात होने के उपरान्त उन्होंने थोड़ी देर से बात करने को कहा किन्तु काफ़ी प्रयास के बाद भी सम्पर्क नहीं हो पाया.

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अशोक चांदना ने कहा कि राज्य सरकार, गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति से उनकी मांगों के लिए वार्ता हेतु सदैव तत्पर है एवं वार्ता के दरवाजे हमेशा ही खुले हुए हैं. कर्नल साहब एवं उनके प्रतिनिधि सहित पूरा राज्य जानता है कि यह समय दीपावली त्यौहार का है और आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मैं कर्नल साहब एवं उनके प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए हिड़ौन में आमंत्रित करता हूं. ताकि उनकी मांगों पर चर्चा कर यथोचित निर्णय लिया जा सके.

9 नवम्बर को प्रदेशभर में चक्काजाम का एलान

वहीं शनिवार को गुर्जर आंदोलन को समाप्त कराने को लेकर सरकार की तरफ से भी कोई पहल होती हुई नजर नहीं आई. पूरे दिन सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कोई भी पीलूपुरा नहीं पहुंचा. बयाना के पीलूपुरा रेलवे ट्रैक पर दिनभर गुर्जर समाज के लोग आंदोलनरत रहे. इसी बीच कर्नल बैंसला करौली जिले के हिंडौन स्थित अपने आवास से दौसा जिले के सिकंदरा के लिए रवाना हुए और वहां पर समाज के लोगों के साथ बैठक की. बैठक में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने 9 नवंबर को प्रदेशभर में चक्काजाम करने का एलान किया. लेकिन इससे पहले रविवार को गुर्जर समाज के लोगों की फिर से एक बार बैठक होगी और उसके बाद ही आंदोलन को लेकर निर्णय लिया जाएगा.

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विजय बैंसला के नेतृत्व को स्वीकार करने से साफ इनकार

इधर, सरकार से वार्ता के दौरान समझौता कर लौटे 80 गांव के 41 सदस्यीय दल ने शनिवार को एक बार फिर प्रेस वार्ता की जिसमें श्रीराम बैंसला, यादराम, विजय राम समेत कई समाज के लोग मौजूद थे. सभी लोगों ने एक स्वर में विजय बैंसला के नेतृत्व को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. साथ ही कहा कि समाज का नेता चुनने का अधिकार सिर्फ समाज को है कर्नल बैंसला अकेले समाज का नेता नहीं चुन सकते. इस अवसर पर यादराम ने कहा कि पीलूपुरा में जिस स्थान पर समाज के 16 लोग शहीद हुए विजय बैंसला उसी स्थान पर अपना जन्मदिन का केक काटकर खुशी मना रहे हैं जो कि उन्हें स्वीकार नहीं है.

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