वैक्सीन सप्लाई जल्द बढ़ाए केन्द्र, वैक्सीनेशन बंद करने से जनता में पनपता आक्रोश-गहलोत

राजस्थान में कोरोना वैक्सीन संकट, सीएम गहलोत ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र, राजस्थान को उचित मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध करवाने की मांग, वैक्सीन नहीं मिली तो रोकना पड़ेगा वैक्सीनेशन, राजस्थान के लिए जल्द ही 1.50 करोड़ वैक्सीन की रखी मांग, वैक्सीनेशन के रिकॉर्ड बनाकर वाहवाही लूटने वाली मध्यप्रदेश सरकार पर गहलोत का तंज- 'यह जीवन बचाने का अभियान, दिखावे की नहीं आवश्यकता', केन्द्र सरकार पर निशाना- वैक्सीन वितरण में रखी जाए पारदर्शिता, वैक्सीन नेगेटिव वेस्टेज की आलोचना करने वालों को कहा- इन्हें नहीं जानकारी का अभाव

मरुधरा को चाहिए 1.50 करोड़ कोरोना वैक्सीन
मरुधरा को चाहिए 1.50 करोड़ कोरोना वैक्सीन

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम में केन्द्र सरकार द्वारा समय पर वैक्सीन आपूर्ति ना होने के कारण आ रही परेशानियों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गहरी चिंता जताई है. सीएम गहलोत ने वैक्सीन की कमी को लेकर 26 जून को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भी लिखा था और वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध किया था. अब सीएम गहलोत ने कहा है कि- ‘जब केन्द्र सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयु के लिए 21 जून से वैक्सीनेशन का ऐलान किया तब केन्द्र सरकार ने राज्यों को भरोसा दिया था कि वैक्सीन की कमी नहीं आने दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. राजस्थान को आवश्यकतानुसार वैक्सीन नहीं मिल रही है जिसके कारण बार-बार वैक्सीनेशन का काम रोकना पड़ रहा है इससे आमजन में आक्रोश फैल रहा है’.

राजस्थान को उचित मात्रा में उपलब्ध करवाई जाए वैक्सीन-गहलोत
सीएम गहलोत ने बताया- ‘प्रदेश में अभी तक लगभग 2 करोड़ 44 लाख वैक्सीन लगाई जा चुकी है और प्रतिदिन 15 लाख वैक्सीन लगाने की क्षमता है. अगर केन्द्र सरकार समय पर उचित मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध करवाए तो हम समय रहते प्रदेशवासियों को वैक्सीन लगा सकते हैं जिससे थर्ड वेव का खतरा समाप्त होना सुनिश्चित हो सके’.

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वैक्सीन नहीं मिली तो पहली डोज लगाने का काम रोकना पड़ेगा-गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया- ‘प्रदेश में 2 करोड़ 5 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. इनमें से करीब 75 लाख लोगों की दूसरी डोज जुलाई महीने में लगाई जानी है लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा पूरे जुलाई महीने में अभी तक सिर्फ 65 लाख वैक्सीन डोज का ही आवंटन किया गया है. इनमें से भी 16 लाख डोजेज निजी अस्पतालों को आवंटित की जाएंगी. यदि समय रहते राजस्थान को अधिक वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हुई तो पहली डोज लगाने का काम रोकना पड़ेगा और बड़ी संख्या में लोगों को दूसरी डोज भी समय पर नहीं लग सकेगी’.

जल्द ही 1.50 करोड़ वैक्सीन करवाई जाए उपलब्ध-गहलोत
सीएम गहलोत ने बताया- ‘वैक्सीनेशन की शुरुआत से ही राजस्थान अव्वल रहा है. यहां सबसे पहले 50 लाख वैक्सीन और दूसरे स्थान पर 1 करोड़ वैक्सीन लगाई गई थी. यही वजह है कि यहां बड़ी संख्या में लोगों की दूसरी डोज लगना बाकी है. गहलोत ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि-‘ केन्द्र सरकार को अविलंब राजस्थान को 1.50 करोड़ वैक्सीन भेजनी चाहिए’

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‘यह जीवन बचाने का अभियान, दिखावे की नहीं आवश्यकता’
कोरोना वैक्सीनेशन में रिकॉर्ड बनाने वाले राज्यों पर अशोक गहलोत ने कसा तंज, कहा- ‘कुछ राज्यों ने वैक्सीनेशन महाअभियान कार्यक्रम को ध्यान में रखकर 21 जून से पहले वाले सप्ताह में जानबूझकर सिर्फ कुछ हजार लोगों को ही वैक्सीन लगाई और वैक्सीन का स्टॉक बचाकर रखा. अब इन राज्यों द्वारा रोज लाखों वैक्सीन लगाकर रिकॉर्ड बनाने का भ्रम फैलाया जा रहा है. जैसे मध्यप्रदेश ने 18 जून को 15 हजार, 19 जून को 22 हजार, 20 जून को 692 वैक्सीन ही लगाई, लेकिन 21 जून को 16 लाख वैक्सीन लगा दी. यह लोगों के जीवन को बचाने का अभियान है. जिसमें किसी दिखावे की आवश्यकता नहीं है’.

वैक्सीन वितरण में हो पारदर्शिता-गहलोत
सीएम गहलोत ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को वैक्सीन के वितरण में पारदर्शिता रखनी चाहिए और राज्यों को सप्लाई की जा रही वैक्सीन की जानकारी भी सार्वजनिक करनी चाहिए जिससे पता चल सके कि किस राज्य को कितनी संख्या में वैक्सीन दी जा रही है.

‘राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां काफी विकट’
सीएम गहलोत ने बताया कि- ‘राजस्थान भौगोलिक रूप से देश का सबसे बड़ा राज्य है. यहां गांवों की दूरी भी
काफी अधिक है. यहां वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन में अधिक समय लगता है. एक बार प्रदेश में वैक्सीन खत्म होने पर ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज के समय के कारण दोबारा कार्य सुचारू होने में दो से तीन दिन का समय लगता है
जिससे में वैक्सीनेशन का कार्य बुरी तरह प्रभावित होता है’.

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‘नेगेटिव वेस्टेज की आलोचना वालों को जानकारी का अभाव’
प्रदेश में वैक्सीन के कुशल प्रबंधन पर सीएम गहलोत ने कहा- ‘राज्य सरकार और हेल्थ वर्कर्स द्वारा किए गए प्रबंधन का नतीजा है कि आज राजस्थान में वैक्सीन का वेस्टेज नेगेटिव -0.27% है यानी केन्द्र सरकार से जितनी डोजेज मिलीं, उससे अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई गई हैं. हालांकि कुछ लोगों ने जानकारी के अभाव में नेगेटिव वेस्टेज की आलोचना करने का असफल प्रयास भी किया. इन्हें जानकारी होनी चाहिए कि कुछ वैक्सीन वायल में 10 की जगह 11 डोज आती हैं. सावधानी से इस्तेमाल के कारण वायल में आने वाली एक्स्ट्रा डोज का भी इस्तेमाल किया गया जिससे अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लग सके. इस कार्य में फील्ड में कार्य कर रहे सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, नर्सिंग स्टाफ, आशा सहयोगिनी आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. साथ ही, राजस्थान में अन्य राज्यों की तुलना में आमजन में वैक्सीन को लेकर झिझक बेहद कम है. जनप्रतिनिधियों ने भी इसमें भूमिका निभाई है. ये सभी धन्यवाद के पात्र हैं.

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