Politalks.News/Rajasthan/Ashok-Gehlot. केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में जहां दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन उग्र होने जा रहा है, वहीं सियासी बयानबाजी भी बहुत तेज हो गई है. इस कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार से इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए देश के किसानों से माफी मांगने को कहा है. सीएम गहलोत ने एक के बाद एक पांच ट्वीट करते हुए केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. मुख्यमंत्री गहलोत ने इस सम्बंध में राष्ट्रपति से मिलने का दो बार समय मांगने के बावजूद समय नहीं मिलने पर भी सवाल उठाए.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया कि, ‘केंद्रीय कृषि कानूनों पर राष्ट्रपति से मिलकर किसानों की बात रखना चाहते थे. पहले पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मिलने का वक्त मांगा लेकिन राष्ट्रपति ने मिलने का समय नहीं दिया. इसके बाद हम 4 कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मिलकर समय मांगा लेकिन राष्ट्रपति महोदय की कोई मजबूरी रही होगी, इस कारण हमें मिलने का समय नहीं मिल सका.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक अन्य ट्वीट में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि, ‘केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों, किसान सगंठनों, कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किये तीनों कृषि बिल बनाए. इन तीनों बिलों को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किए बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया, जबकि विपक्ष इन बिलों को सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था. केंद्र सरकार ने इन बिलों पर किसी से कोई चर्चा नहीं की, जिसके चलते आज पूरे देश के किसान सड़कों पर हैं.’
एक अन्य ट्वीट में सीएम अशोक गहलोत ने लिखा कि, ‘किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी, जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं. लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते, तो यह चक्काजाम के हालात नहीं बनते. आमजन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता. ऐसे में केंद्र सरकार अविलंब तीनों कृषि कानून वापस ले, और अन्नदाता के साथ किये दुर्व्यवहार के लिये माफी मांगनी चाहिए.’



























