पॉलिटॉक्स न्यूज/महाराष्ट्र. शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मोदी सरकार पर लॉकडाउन को लेकर गंभीर आरोप लगाया है. मुखपत्र सामना के साप्ताहिक कॉलम में शिवसेना ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए लिखा कि लॉकडाउन बिना किसी योजना के लागू किया गया लेकिन अब इसे हटाने की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ दी गई है. राउत ने राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लॉकडाउन के विफल होने का सटीक विश्लेषण किया था लेकिन सरकार इससे चूक गई. साथ ही शिवसेना सांसद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत कार्यक्रम को देश में कोरोना वायरस फैलाने का जिम्मेदार बताया.
गौरतलब है कि ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को अहमदाबाद में एक रोडशो में हिस्सा लिया था जिसमें हजारों लोग शामिल हुए थे. रोडशो के बाद दोनों नेताओं ने मोटेरा में बने नए क्रिकेट मैदान में एक लाख से ज्यादा लोगों को संबोधित किया था.
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इस पर संजय राउत ने कहा, ‘इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में इकट्ठा हुई भीड़ के कारण गुजरात में कोरोना वायरस फैला. ट्रंप के साथ आए शिष्टमंडल के कुछ सदस्य मुंबई, दिल्ली भी गए थे जिसके कारण वायरस फैला. गुजरात और बाद में मुंबई और दिल्ली में कोरोना वायरस फैलाने के लिए फरवरी में अहमदाबाद में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में आयोजित किया गया कार्यक्रम जिम्मेदार है जिसमें ट्रंप के शिष्टमंडल के कुछ सदस्यों ने हिस्सा लिया था.’
शिवसेना नेता ने राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लॉकडाउन के विफल होने का सटीक विश्लेषण किया था लेकिन सरकार इससे चूक गई. राउत ने केंद्र सरकार की भी आलोचना करते हुए कहा कि लॉकडाउन बिना किसी योजना के लागू किया गया लेकिन अब इसे हटाने की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ दी गई है. इस अनिश्चितता से संकट और बढ़ेगा.
राष्ट्रपति शासन लागू करने का कोई भी प्रयास आत्मघाती सिद्ध होगा
संजय राउत ने प्रदेश की राजनीति का जिक्र करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार को गिराने की भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद महा विकास अघाडी सरकार को कोई खतरा नहीं है क्योंकि इसका अस्तित्व कायम रखना शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की मजबूरी है. राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाडी सरकार को गिराने और कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम में विफल रहने का आरोप लगाकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का कोई भी प्रयास आत्मघाती सिद्ध होगा.
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पुरानी राजनीति का जिक्र करते हुए संयज राउत ने कहा, ‘राज्य ने देखा है कि कैसे मनमानी से 6 महीने पहले राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था और हटा लिया गया था. अब यदि राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए कोरोना वायरस मामलों से निपटने में विफलता को आधार बनाया जा रहा है तो कम से कम 17 अन्य राज्यों में भी यही किया जाना चाहिए जिनमें भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं.’ राउत ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कोरोना वायरस मामलों में बढ़ोतरी के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर लोग राजनीति चमका रहे हैं.