पॉलिटॉक्स ब्यूरो. पिछले लगभग 20 दिनों से जारी महाराष्ट्र का राजनीतिक घमासान सूबे में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद और तेज हो गया है. विधानसभा को भंग न करके निलंबन मोड़ पर छोड़ देने से ये सम्भव हो पाया है. अब एक तरफ शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार गठन की तैयारियों में जुट गई है तो दूसरी ओर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री वर्तमान में बीजेपी नेता नारायण राणे ने बुधवार को कहा कि शिवसेना को उल्लू बनाने का काम चल रहा है, साथ ही राणे ने साम-दाम-दंड-भेद कैसे भी हो सरकार बनाने का दावा ठोक कर बीजेपी (BJP-NCP Alliance) को एक बार फिर सत्ता की रेस में लाकर खड़ा कर दिया है.
वहीं बुधवार शाम आए बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बयान के बाद अब बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन की सम्भावनाएं तो एकदम खत्म सी हो गई हैं क्योंकि अब अमित शाह ने भी इस बात से साफ इंकार कर दिया है कि उनके और उद्वव ठाकरे के बीच कभी मुख्यमंत्री पद को लेकर 50:50 पर सहमति बनी थी. वहीं बीजेपी और कांग्रेस तो कभी मिलकर सरकार बनाएंगे नहीं वरना हिंदुस्तान में तो राजनीति ही खत्म हो जाएगी. तो फिर नारायण राणे का सरकार बनाने का दावा कैसे पूरा होगा इस पर शंका होना वाजिब है.
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ऐसे में क्या बीजेपी शरद पवार की एनसीपी के सपोर्ट (BJP-NCP Alliance) से सरकार बना सकती है, जैसा कि नारायण राणे के दावे के बाद कुछ चैनल्स और डिजिटल मिडिया में बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में बीजेपी और एनसीपी के गठबंधन से भी इंकार नहीं किया जा सकता. नहीं-नहीं पॉलिटॉक्स तो अभी इस बात को मानने को बिलकुल भी तैयार नहीं है. क्योंकि जिस बीजेपी के ED वाले कारनामे ने महाराष्ट्र में बिलकुल हाशिये पर पहुंच चुकी एनसीपी पार्टी में नई जान डाली, यहां तक कि एनसीपी के कई बड़े नेता शरद पवार को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए, बावजूद इसके महाराष्ट्र की जनता ने अपने ईमानदार बुजुर्ग नेता शरद पवार की बीजेपी द्वारा महाराष्ट्र बैंक घोटाले में नाम घसीटे जाने की बेइज्जती का बदला लेते हुए शरद पवार को आज इस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया कि पवार के हाथ आज सत्ता की पूरी पावर है, उस भोली-भाली जनता के साथ इतना बड़ा विश्वासघात एनसीपी या शरद पवार कैसे कर सकते हैं?
चाहे कितना ही यह कहा जाए कि राजनीति में सबकुछ जायज (BJP-NCP Alliance) है, लेकिन इतना भी नीचे नहीं गिरा जा सकता कि जहां एक ओर नतीजे आने के बाद से आप (शरद पवार) लगातार बोलते रहे कि हमें विपक्ष में बैठने का मैंडेट मिला है, हमतो विपक्ष में बैठेंगे, विपक्ष में बैठेंगे. विपक्ष में बैठने की बात करते-करते आज आप किंगमेकर की भूमिका में आ गए तो ये नहीं भूलना चाहिए कि किस वजह से? केवल एक पॉइंट जिसने आपको आज यह पावर दी वो है ‘बीजेपी से दुश्मनी’, बीजेपी को गलत साबित कर कर के ही आपने जनता का वोट लिया, आपके विश्वास पर ही शिवसेना ने बीजेपी से अपने सारे सम्बन्ध तोड़ दिए और बाद में समर्थन की चिट्ठी देने में देरी करके आपने शिवसेना को आज अपनी कट्टर दुश्मन रही कांग्रेस के नेताओं के पास आगे से जाने पर मजबूर कर दिया और खुद किंगमेकर बन गए हैं तो वो सिर्फ और सिर्फ बीजेपी से दुश्मनी की बदौलत (BJP-NCP Alliance).
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खैर, होई है वही जो राम रची राखा, लेकिन अगर ऐसा हुआ कि महाराष्ट्र में बीजेपी ने एनसीपी के सपोर्ट (BJP-NCP Alliance) से सरकार बनाई तो यह जनता और शिवसेना के साथ सबसे बड़ा धोखा होगा और दूसरा बड़ा झटका होगा कांग्रेस के लिए. लेकिन इतना भी तय है फिर 2019 का यह चुनाव एनसीपी का आखिरी चुनाव साबित होगा, क्यों कि इस महाधोखे के बाद क्या एनसीपी को महाराष्ट्र की जनता माफ कर पाएगी, कभी नहीं.