‘माता-पिता को ‘ना’ का मतलब समझाने की जरूरत’- #BoysLockerRoom

#BoysLockerRoom पर फूटा बॉलीवुड का गुस्सा, मीरा राजपूत, ऋचा चढ्ढा, सोनम कपूर और सिद्धांत चतुर्वेदी ने रखी अपनी राय, स्वरा भास्कर ने कहा- बलात्कारियों के लिए फांसी की सजा ही नहीं है काफी

Boys Locker Room
Boys Locker Room

पॉलिटॉक्स न्यूज. लड़कियों पर भद्दे कमेंट वाले इंस्टाग्राम ग्रुप बॉयज लॉकर रूम (Boys Locker Room) के एडमिन सहित दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. ग्रुप नोएडा का है जिससे कई लड़के जुड़े हैं. इस ग्रुप में लड़कियों की आपत्तिजनक तस्वीर और मैसेज पोस्ट किए जाते थे. हालांकि ग्रुप से आपत्तिजनक कंटेंट हटा दिया गया है लेकिन युवाओं की सोच पर अब बॉलीवुड का गुस्सा फूट पड़ा है. यहां मीरा राजपूत, स्वरा भास्कर, ऋचा चढ्ढा, सोनम कपूर और सिद्धांत चतुर्वेदी सहित कई सेलेब्स ने ऐसी सोच पर अपनी राय रखी है.

एक ओर जहां शाहिद कपूर की पत्नी मीरा राजपूत ने बेटों की परवरिश करने का तरीका बताया तो स्वरा भास्कर ने बलात्कारियों के लिए फांसी की सजा को नाकाफी बताते हुए अपनी राय रखी. वहीं एक सेलेब्स ने कहा कि मानसिकता को बदलने के लिए माता पिता को अपने बेटों को ‘ना’ का मतलब समझाने की जरूरत है.

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दरअसल दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल की पहल पर ये मामला सामने आया. उन्होंने एक खबर को टैग करते हुए कहा कि ये हरकत एक घिनौनी, अपराधी और बलात्कारी मानसिकता का प्रमाण है. एक कड़ा संदेश देने की ज़रूरत है. इस ग्रुप में लड़कियों की तस्वीरें एडिट की जाती है और यौन शोषण व रेप करने जैसी बातें होती हैं. लड़के स्कूली ऐज के हैं. इसके बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरु की.

स्वरा भास्कर ने अपनी राय रखते हुए लिखा कि बॉयज लॉकर रूम युवाओं की जहरीली मर्दानगी की कहानी कह रहा है. कम उम्र के लड़के नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार और गैंगरेप करने की योजना बना रहे हैं. माता-पिता और शिक्षकों को उन बच्चों के साथ यह पता करना चाहिए. दरअसल बलात्कारियों को फांसी देने के लिए पर्याप्त नहीं है बल्कि वो मानसिकता बदलनी होगी जो उन्हें रेपिस्ट बनाती है.

मामला सामने आते ही अनिल कपूर की बेटी सोनम कपूर ने इस मामले को लेकर पैरेंट्स को दोष देते हुए लिखा कि पैरंट्स की लापरवाही है.

इसके बाद मीरा राजपूत ने ब्लॉगर रेगा झा का एक लेख शेयर करते हुए ‘माता-पिता अपने बेटों की परवरिश कैसे करें’ के बारे में बताया. इस पोस्ट में लिखा है कि अगर आप अपने बेटे की परवरिश भारत में कर रहे हैं तो इसे एक अनुरोध मानें. हमारी जिंदगी आपके हाथों में है. हमें सावधान रहने की सीख देने के बजाए अपने बेटों को कंसेंट के बारे में सिखाएं. हमें डर कर रहने के बजाए अपने बेटों को इज्जत करना सिखाएं. अपने बेटों को सिखाएं लैंगिक समानता. सिखाएं की ‘ना’ का मतलब क्या हुआ है. अपने बेटों को सिखाएं कि उनका महिलाओं के शरीर, अटेंशन और समय पर कोई हक नहीं. हमें नम्रता सिखाने के बजाए अपने बेटों को पर्सनल स्पेस के बारे सिखाएं. अपने बेटों को सिखाएं ना घूरना. उन्हें हेल्थी मर्दानगी, रोमांस और सेक्सुअल रिलेशनशिप के बारे में सिखाएं.

रिचा चड्ढा ने ट्विटर पर पोस्ट शेयर की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि लोग सेक्स एजुकेशन को लेकर नाक-भौ सिकोड़ने लगते हैं. टीनेजर पॉर्न को सेक्स एजुकेशन समझ रहे हैं. अब तो डेटा भी फ्री है. यह यह उनके लिए बेहद खतरनाक है.

वहीं, एक्टर सिद्धांत चतुर्वेदी ने बॉयज/गर्ल्स लॉकर रूम को सारे वायरस से खतरनाक बताया है.

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