Politalks.News/Rajasthan. राजधानी जयपुर में शुक्रवार को भाजयुमो कार्यकर्ताओं द्वारा बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर किए गए धरना प्रर्दशन के दौरान रास्ता जाम करने के बाद पुलिस और भाजयुमो कार्यकर्ताओं के बीच हुई भारी झड़प के बाद सियासित गरमा गई है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने लाठीचार्ज के विरोध में गहलोत सरकार पर निशाना साधा है और इसे सत्ता की तानाशाही करार दिया है.
दरअसल, जयपुर में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने शुक्रवार को प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ कड़ा प्रदर्शन किया. भाजयुमो कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कांग्रेस राज में प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति पर अत्याचार बढ़ रहा है. इसी का विरोध जताने के लिए भाजयुमो कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट सर्किल पर प्रदर्शन कर रहे थे. सुबह करीब साढ़े 10 बजे इकट्ठे हुए भाजयुमो कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट के बाहर जयसिंह हाईवे पर धरना देने लगे. पुलिस ने प्रवेश द्वार बंद कर दिए थे. धरने से जब आम लोग परेशान होने लगे तो दोपहर साढ़े बारह बजे पुलिस ने कार्यकर्ताओं को उठाना शुरू किया. इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई. इसके बाद पुलिस ने धरना स्थल खाली कराने के लिए कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. भाजयुमो पदाधिकारियों का दावा है कि पुलिस की इस कार्रवाई से दर्जनभर से ज्यादा कार्यकर्ता घायल हुए हैं.
कलेक्ट्रेट में जबरन घुसने की कोशिश कर रहे थे कार्यकर्ता
बताया जा रहा है कि युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की. इसी दौरान सदर एसीपी नवाब खान से कार्यकर्ता उलझ गए. मामला तूल पकड़ लिया और पुलिसकर्मियों ने भाजयुमो के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया. युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री राजकुमार बिवाल, प्रदेश मंत्री रामकिशन मीणा, विजेंद्र गुर्जर, विक्रम सिंह शेखावत और अमित शर्मा को चोटें आई हैं. घायलों को एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया.
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झालरापाटन में कृष्णा वाल्मीकि हत्याकांड में कार्रवाई की मांग
भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों झालावाड़ जिले के झालरापाटन में कृष्णा वाल्मीकि पर दिनदहाड़े समुदाय विशेष के लोगों ने लाठी, भाला, सरिया से हमला बोल दिया था. आखिरकार उसकी हत्या कर दी गई थी. यह घटना प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति पर हो अत्याचार को दर्शाती है. प्रदेश में गहलोत सरकार एसटी एससी पर हो रहे हमलों को रोकने में नाकाम रही है.
शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर दमनात्मक कार्रवाई- हिमांशु
इस तरह की घटनाओं पर प्रदेश सरकार कोई कड़े कदम नहीं उठा रही है. इन अत्याचारों पर अंकुश लगाने एवं दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सर्किल पर धरना प्रदर्शन किया था. प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु शर्मा ने आरोप लगाया कि मोर्चा के पदाधिकारियों ने कलेक्टर से बातचीत करने की कोशिश की, तो उन्होंने भी बुरा बर्ताव किया. उन्होंने बताया कि वे शांतिपूर्वक कलेक्टर से मिलकर अपनी बात बताना चाहते थे, लेकिन उनके साथ जानबूझकर बदसलूकी की. लाठीचार्ज में मोर्चे के कई कार्यकर्ता गंभीर घायल हो गए.
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लोकतंत्र का पाखंड करने वाली सरकार ने किया लाठीचार्ज- सतीश पूनियां
लाठीचार्ज में घायल हुए युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं से बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर पहुंच कर मुलाकात की. इस दौरान पूनियां ने कहा कि- प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था और दलितों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे भाजयुमो कार्यकर्ताओं पर जयपुर पुलिस ने बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया है, प्रदेश में बढ़ता अपराध लोकतंत्र की दुहाई देने वाली गहलोत सरकार की विफलता का सबसे बड़ा पैमाना है. झालरापाटन में दलित युवक कृष्णा वाल्मीकि की पीट-पीट कर हत्या और अपराधियों का बेखौफ घूमना और इस मामले पर शांतिपूर्ण ज्ञापन देने गए भाजयुमो के कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज निंदनीय है. लोकतंत्र का पाखंड करने वाली सरकार द्वारा युवाओं पर चलाई गई एक-एक लाठी भारी पड़ेगी. लाठियों की गूंज में सरकार के विरूद्ध भविष्य के आंदोलन की आहट सुनाई दे रही है.
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अपराधों के खिलाफ प्रदर्शन कौनसा गुनाह- राठौड़
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के मामले में गहलोत सरकार को आड़े हाथ लिया है. राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि- ‘राज्य में अनुसूचित जाति एवं जनजाति पर आये दिन बढ़ रहे अत्याचारों के खिलाफ जयपुर कलेक्ट्रेट पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज, दुर्व्यवहार बेहद निंदनीय है, गहलोत सरकार के कुशासन में अपराधों के खिलाफ प्रदर्शन कौनसा गुनाह है?, कांग्रेस सरकार के मुखिया अशोक गहलोत अपराधों को रोकने में पूर्णतः विफल साबित हो रहे हैं और जब युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कुम्भकर्णी नींद में सोई हुई इस गूंगी-बहरी सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करना चाहा तो सरकार पुलिस के दम पर हमारे कार्यकर्ताओं की आवाज दबा रही है, लोकतंत्र में हर किसी को विरोध-प्रदर्शन करने का अधिकार है, गहलोत सरकार विपक्ष की आवाज को कुचलकर अपनी नाकामी को छिपा नहीं सकती है, युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं लाठी-डंडों से भयक्रांत होने वाले नहीं हैं, तानाशाही और दमनात्मक रवैये को अपनाने वाली इस सरकार को माकूल जवाब दिया जाएगा’.