बहुमत से दूर बीजेपी को सरकार बनाने के लिए चाहिए 6 विधायक, मनोहर लाल खट्टर लगातार कर रहे बागियों को मनाने की मान मनोहार
हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Election 2019) के बाद फाइनल नतीजे सामने आ गए हैं. मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई में भाजपा ने यहां 40 सीटों पर कब्जा जमाया. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस को 31 सीटों पर विजयश्री मिली. दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी को 10, इनोलो को एक और आठ निर्दलीय जीतकर आए. बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत है जो किसी के पास नहीं है. तमाम कयासों के बाद मनोहर लाल खट्टर ने सरकार बनाने का दावा पेश किया. उन्होंने पांच निर्दलीय विधायकों को भाजपा के समर्थन देने की बात कही. शनिवार को उनके मुख्यमंत्री शपथ लेने की चर्चाएं सियासी गलियारों में गर्म है.
मनोहर लाल खट्टर को सरकार बनाने के लिए अभी भी एक विधायक की आवश्यकता है. इसके बिना उनकी सरकार बन नहीं पाएगी. अब सवाल ये है कि पांच निर्दलीय विधायकों को अपने पक्ष में कर लेने के बाद वो कौन एक होगा जिसपर खट्टर अंतिम दांव खेलेंगे. पॉलिटॉक्स बताएगा कि वो कौन होगा. पॉलिटॉक्स के आंकलन के हिसाब से खट्टर नयन पाल रावत और सोमवीर सांगवान को समर्थन में लाने की पूरी कोशिश करेंगे. दोनों निर्दलीय विधायक हैं और भाजपा के प्रत्याशी को मैदान में कड़ी धूल चटा चुके हैं. रावत ने फरीदाबाद जिले की पृथला विधानसभा सीट और सांगवान ने दादरी सीट से जीत दर्ज की है.
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अब सवाल ये है कि भाजपा आखिर इन दो पर ही क्यों दांव खेलेंगी. दरअसल बात ये है कि ये दोनों भाजपा के वे बागी हैं. टिकट न मिलने पर दोनों ने ही निर्दलीय चुनावी मैदान में ताल ठोकी और जीतने में कामयाब हुए. हालांकि निलोखेरी से निर्दलीय विधायक धरमपाल गोंदर से भी खट्टर और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा संपर्क में हैं लेकिन अगर गोंदर से बात नहीं बनती तो भाजपा नयन पाल रावत और सोमवीर सांगवान पर अपना अंतिम दाव खेलेगी.
पृथला सीट से सोहन पाल को टिकट देने पर नयन पाल भाजपा छोड़ निर्दलीय मैदान में उतरे. सोहन पाल तीसरे नंबर पर रहे. कांग्रेस के रघुवीर तेवतिया दूसरे नंबर पर रहे. वहीं दादरी सीट पर बीजेपी ने दंगल गर्ल बबीता फोगाट को मैदान में उतारा. टिकट न मिलने से नाराज होकर सोमवीर सांगवान ने निर्दलीय ताल ठोकी और जीत दर्ज की. यही वजह है कि खट्टर की पहली कोशिश इन दोनों को पार्टी में वापसी कराने की होगी. अगर वे नयन पाल और सांगवान को घर वापसी कराने में कामयाब हो जाते हैं तो न केवल उनकी सरकार बन जाएगी. साथ ही उन क्षेत्रों में बीजेपी का दबदबा कायम रहेगा.