Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कांग्रेस की आंतरिक कलह को खत्म करने के लिए दो दिन से जारी विधायकों से ‘रायशुमारी’ पूरी हो गई है. अब कल कांग्रेस के हारे प्रत्याशियों और पार्टी पदाधिकारियों से माकन फीडबैक लेंगे. कांग्रेसी और समर्थित निर्दलीय विधायकों के साथ लगभग 17 घण्टे चली इस रायशुमारी के परिणाम क्या होंगे ये तो समय बताएगा, लेकिन इस पूरी कवायद को लेकर प्रदेश भाजपा कांग्रेस पर हमलावर है. बीजेपी ने विधानसभा भवन में कांग्रेस की रायशुमारी पर सवाल उठाये हैं और कांग्रेस की कलह पर तंज कसे हैं.
पूनियां ने सरकार को बताया ‘टाइमपास’, रायशुमारी ‘औचित्यहीन’
बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, ‘प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर कहावत है, नौ दिन चले अढ़ाई कोस..ये तो ढाई साल में भी नहीं चले…अब क्या चलेंगे, टाइमपास (मूंगफली) सरकार, जब इनके विधायक ही संतुष्ट नहीं हैं तो आम जन की क्या हालत होगी.’ सतीश पूनियां कांग्रेस की रायशुमारी को औचित्यहीन बता चुके हैं. पूनियां ने विधानसभा में रायशुमारी के औचित्य पर सवाल उठाये, लेकिन साथ ही उन्होंने माकन से यह भी कह दिया कि उनका मंथन तभी सार्थक है, जब वे भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे मंत्रियों को हटवाकर इस गंगा की सफाई में अपना योगदान दें. इसके साथ ही सतीश पूनियां ने मंत्रिमंडल विस्तार के बाद एक बार फिर बाडाबंदी की आशंका भी जताई है.
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विधानसभा का ना कर दें राजनीतिकरण- कटारिया
वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया तो यहां तक आशंका जता रहे हैं कि कहीं कांग्रेस की इस पूरी कवायद से सदन का राजनीतिकरण न हो जाए. कटारिया ने विधानसभा की इमारत में रायशुमारी को लेकर सवाल खड़े किए हैं. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि, ‘अगर इस तरह की परिपाटी शुरू हो गई तो सदन का राजनीतिकरण हो जाएगा और भविष्य में भी सरकार में बैठी पार्टियां विधानसभा भवन का मनमर्जी से इस्तेमाल करेंगी’.
‘विधानसभा में रायशुमारी, जनता का अपमान‘
कांग्रेस की रायशुमारी पर वार करते हुए नेता प्रतिपक्ष कटारिया कहते हैं कि वे पुरानी विधानसभा से लेकर नई विधानसभा तक में सदस्य के रूप में बैठे हैं, लेकिन विधानसभा में रायशुमारी इससे पहले कभी नहीं हुई. कटारिया ने इसे प्रदेश की जनता का अपमान बताने के साथ ही सरकार की क़वायद को भी बेकार बताया. कटारिया ने अपने पुराने दावे को एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि जैसे ही गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार या फेरबदल होगा, असंतोष का विस्फोट होगा और वह सरकार पर भारी पड़ेगा. कटारिया ने कहा कि अपनी सरकार बचाने के लिए पहले ही विधायकों से मुखिया इतने वादे कर चुके हैं कि कोई भी इतने वादे पूरे ही नहीं कर सकता.
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‘लोकतंत्र के पवित्र मंदिर में कांग्रेस ने बनाया अस्थाई कार्यालय’- राठौड़
वहीं बीजेपी के कद्दावर नेता और उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस की इस रायशुमारी को आड़े हाथ लिया है. रायशुमारी विधानसभा भवन में होने को लेकर राठौड़ बोले कि, ‘लोकतंत्र के पवित्र मंदिर विधानसभा में कांग्रेस ने अस्थाई कार्यालय बना लिया है’. राठौड़ बोलते हैं कि, ‘ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोकतंत्र के पवित्र मंदिर ‘राजस्थान विधानसभा’ को कांग्रेस ने मंत्री-विधायकों से रायशुमारी के नाम पर अपना स्थाई कार्यालय बना रखा है, अंदर-अंदर कड़ाही में गुड़ तो पग रहा है लेकिन कांग्रेस में जारी अंतर्कलह तो जगजाहिर है, मंत्रियों-विधायकों से वन टू वन संवाद करने की बजाय प्रदेश की जनता से संवाद स्थापित कर उनके दुःख-दर्द को समझा जाना था, उनकी समस्याओं पर चर्चा कर उसे सुलझाया जाता तो बेहतर होता’.