देश में लोकसभा चुनाव के बाद आए एग्ज़िट पोल पूर्ण बहुमत की बीजेपी सरकार रच रहे हैं. अगर यह सच साबित होता है तो भारतीय राजनीति में एक बार फिर इतिहास रचा जाएगा. जवाहर लाल नेहरु और इंदिरा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली यह तीसरी सरकार होगी जो सत्ता में वापसी करेगी. बीजेपी 2014 में भी केंद्र में विराजमान हो चुकी है.
इससे पहले जवाहर लाल नेहरु के नेतृत्व में कांग्रेस ने लगातार 15 साल तक सत्ता पर अपना कब्जा कायम रखा था. उन्होंने 1952, 1957 और 1962 में लगातार कांग्रेस की सत्ता में भारी बहुमत के साथ वापसी करायी. कांग्रेस ने नेहरु के नेतृत्व में 1952 के चुनाव में 364 सीटों पर जीत हासिल की. 1957 के चुनाव में नेहरु के दमदार नेतृत्व के दम पर कांग्रेस की सीटें 364 से बढ़कर 371 हो गई. 1962 के चुनाव में नेहरू ने अपने शासन के दम पर बहुमत की हैट्रिक लगाई. इस बार कांग्रेस को 361 सीटें मिलीं.
मई, 1964 में नेहरु का निधन हो गया. कांग्रेस के भीतर सत्ता के शीर्ष को लेकर संघर्ष शुरु हुआ. आखिरकार लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर सहमति बनी. लेकिन डेढ़ साल के भीतर उनका भी निधन हो गया.
शास्त्री के निधन के बाद कांग्रेस में फिर से सत्ता संघर्ष स्वभाविक था. अंत में प्रधानमंत्री पद के दो दावेदार सामने आए. एक तरफ मोरारजी देसाई तो दूसरी तरफ जवाहर लाल नेहरु के बेटी इंदिरा गांधी.
यह मामला तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष कामराज के लिए कठिन परीक्षा का दौर था. उन्हें पार्टी में बगैर किसी विरोध के दोनों में से किसी एक के नाम पर सहमति बनानी थी. उन्होंने मोरारजी देसाई को समझाने की तमाम कोशिशें की लेकिन मोरारजी वोटिंग पर अड़ गए. बाद में वोटिंग पर सहमति बनी और यहां इंदिरा गांधी ने मोरारजी देसाई को पॉपुलर्टी की रेस में काफी पीछे छोड़ दिया.
1967 का संसदीय चुनाव इंदिरा गांधी के नेतृत्व में लड़ा गया. इंदिरा ने पार्टी में आंतरिक विरोध होने के बावजूद अपने नेतृत्व में दमदार वापसी की. कांग्रेस को इस चुनाव में 284 सीटों पर जीत मिली. हालांकि वह दौर कांग्रेस के लिए सुखद नहीं था. इसके बावजूद पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ. 1971 में इंदिरा गांधी ने फिर से सत्ता में वापसी की और अपने नेतृत्व में कांग्रेस को 352 सीटें दिलाईं.
2014 के चुनाव में मोदी के करिश्माई नेतृत्व में बीजेपी ने 282 सीटों पर फतेह हासिल की थी. उस समय नतीजे देखने वालों के लिए एक चमत्कार से कम नहीं था. देश के इतिहास में बीजेपी पहली गैर-कांग्रेसी पूर्ण बहुमत सरकार थी. कांग्रेस का इस चुनाव में लगभग सूपड़ा साफ हो गया था.
हालात यह रहे कि देश का सबसे बड़ा राजनीतिक दल केवल 44 सीटों पर सिमट कर रह गया. राजस्थान, गुजरात, उतराखंड़, गोवा और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला पाया. अब अगर बीजेपी फिर से सत्ता वापसी करती है तो नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद तीसरी पूर्ण बहुमत सरकार होगी जो सत्ता में वापसी करेगी.