Politalks.News/Bharat. कोरोना की दूसरी लहर के महाकोहराम के दौरान ऐलोपैथी पद्धति को लेकर योगगुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बीच शुरू हुआ बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पहले ऐलोपैथी को लेकर विवादित बयान, फिर इस पद्धति पर उठाए 25 सवालों के बाद आईएमए ने बाबा रामदेव को कानूनी नोटिस भेजकर 1000 करोड़ रुपये का दावा ठोका है. वहीं दूसरी ओर आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए योगगुरु पर देशद्रोह का मामल दर्ज करने की मांग की है. संस्था का कहना है कि उन्होंने कोरोना टीके को लेकर भ्रामक और गलत बयान दिए है. इसी बीच बिहार की पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बाबा रामदेव पर निशाना साधते हुए कहा कि रामदेव योग गुरू हैं, योगी नहीं क्योंकि योगी अपने मस्तिष्क सहित सभी इंद्रियों पर काबू पा लेता है.
बीजेपी सांसद जायसवाल ने कहा कि योग को घर-घर पहुंचाने में बाबा रामदेव के योगदान को नकारा नहीं जा सकता. जायसवाल ने अपने आईएमए साथियों से अपील करते हुए कहा कि हमें निरर्थक बातों में प्रतियोगिता कर अपने वर्षों की साधना को बर्बाद नहीं करना चाहिए. यही कोरोना काल में जान गंवाने वाले हमारे मेडिकल चिकित्सकों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. सांसद जायसवाल ने फेसबुक पर लिखा कि, ‘विगत कुछ दिनों से एक अजीब प्रतियोगिता देख रहा हूं. हर बेतुकी बात का जवाब देना कोई आवश्यक नहीं होता है. ज्यादा बोल कर आप किसी को जरूरत से ज्यादा तवज्जो देने लगते हैं. अभी आईएमए भी ऐसा ही कर रहा है. बाबा रामदेव एक अच्छे योग गुरु जरूर हैं पर योगी नहीं हैं. योग के प्रति उनके ज्ञान पर कोई सवाल नहीं उठा सकता. लेकिन योगी उसको कहते हैं जो अपने मस्तिष्क सहित सभी इंद्रियों पर काबू पा ले.’
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दरअसल, ऐलोपैथी की आलोचना को लेकर बुरी तरह घिरे योगगुरु बाबा रामदेव ने अपना बयान भले ही वापस ले लिया हो, लेकिन इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) की नाराजगी खत्म नहीं हुई है. बाबा रामदेव पर 1 हजार करोड़ रुपए का मानहानि का केस करने के बाद अब पीएम मोदी से भी शिकायत की गई है. आईएमए ने पीएम मोदी से कहा है कि रामदेव को झूठी जानकारियां फैलाने से रोका जाए और उनके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज होना चाहिए.
आईएमए ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि, ”पतंजलि के मालिक रामदेव की ओर से टीकाकरण पर गलत सूचनाओं के प्रचार को रोकना चाहिए. एक वीडियो में उन्होंने दावा किया कि 10 हजार डॉक्टर और लाखो लोग दोनों डोज के बावजूद मर चुके हैं. उनके खिलाफ देशद्रोह के आरोप में मुकदमा दर्ज होना चाहिए.” आईएमए ने आगे कहा, ”हम स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर या नेशनल टास्क फोर्स की ओर से जारी गाइडलाइंस और प्रोटोकॉल के तहत अस्पतालों में आने वाले लाखों लोगों का इलाज कर रहे हैं. यदि कोई यह दावा करता है कि ऐलोपैथिक दवाओं की वजह से लोग मरे हैं तो यह मंत्रालय को चुनौती है जो हमें इलाज का प्रोटोकॉल देता है.”
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पत्र में आगे आईएमए ने कहा कि, ‘पहली लहर में 753 डॉक्टरों ने फ्रंटलाइन में काम करते हुए अपनी जान गंवाई, जबकि दूसरी लहर में 513 डॉक्टरों की जान गई. पहली लहर जान गंवाने वाले किसी डॉक्टर का टीकाकरण नहीं हुआ था, जबकि दूसरी लहर में भी जिन डॉक्टरों की मौत हुई, उनमें से अधिकतर का विभिन्न कारणों से टीकाकरण नहीं हुआ था. अब कहा जा रहा है कि दोनों डोज टीका लेने के बाद 10 हजार लोगों की मौत हुई, यह जानबूझकर टीकाकरण को बाधित करने का प्रयास है, इसे तुरंत रोका जाए.’
आईएमए ने बाबा रामदेव पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी से कहा है कि जो लोग टीकाकरण पर डर फैला रहे हैं और अपनी कंपनी के उत्पादों के हित में सरकार की ओर से जारी इलाज के प्रोटोकॉल को चुनौती दे रहे हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए. यह देशद्रोह का मामला है और ऐसे लोगों के खिलाफ बिना किसी देरी के देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए.
आईएमए (उत्तराखंड) ने बाबा रामदेव को ऐलोपैथी और ऐलोपैथिक चिकित्सकों पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उन्हें मानहानि का नोटिस देते हुए उनसे एक पखवाड़े के भीतर माफी मांगने या 1000 करोड़ रुपए का मुआवजा देने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है. आइएमए (उत्तराखंड) के सचिव अजय खन्ना की तरफ से दिए गए 6 पन्नों के नोटिस में उनके वकील नीरज पांडेय ने रामदेव की टिप्पणी को ऐलोपैथी और एसोसिएशन से जुड़े करीब 2000 चिकित्सकों की प्रतिष्ठा और छवि के लिए नुकसानदायक बताया है. योग गुरू की टिप्पणी को भारतीय दंड विधान की धारा 499 के तहत ‘आपराधिक कार्रवाई’ बताते हुए नोटिस में रामदेव से नोटिस प्राप्ति के 15 दिन के भीतर ‘लिखित माफी’ की मांग की गई है और कहा गया है कि ऐसा न होने की स्थिति में 50 लाख रू प्रति आइएमए सदस्य की दर से उनसे 1000 करोड रूपए का मुआवजा मांगा जाएगा. नोटिस में रामेदव से कहा गया है कि वह अपने सभी झूठे और अपमानजनक आरोपों का खंडन करते हुए एक वीडियो क्लिप बनाएं और उसे उन सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित करें जिन पर उन्होंने अपने आरोपों के वीडियो क्लिप डाले थे.
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वहीं दूसरी ओर एलौपेथिक डाॅक्टर्स और सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव को अरेस्ट किए जाने के ट्रेंड्स के बीच रामदेव बाबा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में रामदेव कहते हुए दिख रहे हैं कि ‘अरेस्ट तो उनका बाप भी नहीं कर सकता बाबा रामदेव को. वह लोग कभी सोशल मीडिया में रामदेव की गिरफ्तारी का ट्रेंड चलाते हैं तो कभी रामदेव ठग है चलाते हैं चलाने दीजिए, अब यह गुण हम भी सीख गए हैं और जो हम लोग ट्रेंड चलाते हैं वह सबसे ऊपर ही रहता है.
इस बीच, रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने इसे साजिश बताते हुए कहा कि आइएमए संगठन के तहत एलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा रामदेव के जरिए आयुर्वेद को निशाना बनाया जा रहा है. सोमवार को अपने एक ट्वीट में बालकृष्ण ने कहा कि पूरे देश को इसाइयत में बदलने की साजिश के तहत रामदेव को निशाना बनाकर योग और आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है. बालकृष्ण ने कहा कि देशवासियों, अब गहरी नींद से जागो अन्यथा आने वाली पीढियां आपको माफ नहीं करेंगी.