Politalks.News/Uttarpradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में अब 5 महीने से भी कम का समय बचा है और पिछली बार वाली जीत को दोहराने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरे घोड़े खोल रखे हैं. अब भाजपा अपने चुनावी एजेंडे के तहत 100 दिनों के अंदर 100 प्रोग्राम करने की तैयारी में है. मतदाताओं से जुड़ने के लिए पार्टी के 100 दिनों के इस कार्यक्रम पर आखिरी दौर की वार्ता के लिए मंगलवार को दिल्ली में रणनीतिक बैठक भी बुलाई गई. भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, संगठन महासचिव सुनील बंसल, यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, यूपी बीजेपी चीफ स्वतंत्र देव सिंह रणनीति पर चर्चा के लिए दिल्ली में पार्टी राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष से दिल्ली में मिल रहे हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि बीजेपी सरकार की तरफ से शुरू की गईं कल्याणकारी योजनाओं के साथ मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की जा रही है. पार्टी सूत्रों के अनुसार ‘हर मोर्चे को विधानसभावार अपने कार्यक्रमों और बैठकों को पूरा करने के लिए कुछ दिनों का समय दिया जाएगा’. ताकि फिर से योगी सरकार की वापसी तय हो सके.
हर मतदाता तक पहुंचने की रणनीति!
दिल्ली में बुलाई गई बैठक के दौरान न सिर्फ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा होनी है बल्कि अपने काडर और नेताओं को एक-एक वोटर तक कैसे पहुंचाना है, इस पर भी विचार किया जाएगा. इसके साथ ही विपक्षी पार्टियों की तरफ से हिंदू वोटों को बांटने की कोशिशों को लेकर भी बातचीत होगी. इससे पहले रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बैठक बुलाई, जिसमें इन कार्यक्रमों को लेकर फैसले किए गए. इसके बाद वरिष्ठ नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व को जानकारी देने के लिए दिल्ली कूच किया है..
पार्टी के हर मोर्चे को दिया जाएगा टारगेट
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि, ‘यूपी के हर मोर्चे को विधानसभा क्षेत्रवार अपने कार्यक्रमों और बैठकों को पूरा करने के लिए तय दिनों का समय दिया जाएगा. हर मोर्चे को हर विधानसभा क्षेत्र तक पहुंचना है’. सूत्रों ने बताया है कि, ‘इस सूची में पन्ना प्रमुख सम्मेलन मंडलवार, छह क्षेत्रों में सदस्यता अभियान, कमल दीवाली, हर बूथ पर 100 सदस्यों को शामिल किया जाना और उन 81 सीटों पर रैलियां शामिल हैं, जो बीजेपी पिछले विधानसभा चुनावों में हार गई थी’.
मुस्लिम मतदाताओं के वर्चस्व वाली विधानसभाओं पर खास फोकस
बताया जा रहा है कि प्रत्येक मोर्चे को हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यक्रम करना होगा. ‘उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने हैं. वर्तमान में 110 विधानसभा क्षेत्र हैं जहां मुस्लिम मतदाता लगभग 40 प्रतिशत हैं. 44 सीटों पर यह प्रतिशत बढ़कर 40-49 प्रतिशत हो गया है, जबकि 11 सीटों पर मुस्लिम मतदाता लगभग 50-65 प्रतिशत हैं. हर मोर्चे को हर विधानसभा क्षेत्र तक पहुंचना है.
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पिछली बार फहराया था 312 सीटों पर भाजपा का झंडा
आपको बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 403 सीटों पर से 312 पर जीत दर्ज की थी. पार्टी को इस दौरान कुल वोटों का 39.67 फीसदी हिस्सा मिला था. वहीं, समाजवादी पार्टी के खाते में 47 सीटें, बीएसपी को 19 और कांग्रेस को महज 7 सीटों पर जीत मिली थी.
इधर विपक्षी भी अपने-अपने रथ लेकर हैं तैयार
इस बार की चुनावी तैयारी मे विपक्ष भी काफी आगे आगे चल रहा है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी से किसान न्याय यात्रा कर चुनावी शंखनाद कर चुकी हैं. उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ‘समाजवादी विजय यात्रा’ मंगलवार से शुरू होगी. जबकि सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा के सहारे उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की मुहिम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) लोहिया शुरू करने जा रही है. यात्रा का शंखनाद भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली वृंदावन (मथुरा) से होगा. राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और महासचिव आदित्य यादव आज सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा शुरू करेंगे. बसपा भी ब्राह्मण सम्मेलन के जरिए चुनावी एजेंडे को आगे बढ़ा चुकी है