Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में एक महीने से अधिक समय तक गहलोत सरकार गिराने की भरपुर कोशिश कर चुकी बीजेपी और उसे बचाने के लिए जोर अजमाईश कर चुके कांग्रेसी नेता विधानसभा सत्र के दौरान आज कोरोना प्रबंधन पर आपस में भिड गए और जमकर हंगामा करने लगे. हालात यह हो गए कि विधानसभा को आधे घंटे के लिए स्थगित करना पड गया.
दरअसल, भाजपा के मालवीय नगर विधायक काली चरण सरार्फ ने गहलोत सरकार पर जनता को राशन वितरण मामले में भेदभाव करने का आरोप लगाया. सरार्फ का कहना था कि सरकार ने जहां-जहां कांग्रेस के विधायक थे, उन क्षेत्रों में तो विधायकों से और जिन क्षेत्रों में भाजपा विधायक थे, वहां प्रशासनिक अधिकारियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के माध्यम से राशन किट बंटवाए.
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भाजपा विधायक कालीचरण की इस बात का संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने जबर्दस्त तरीके से विरोध किया. धारीवाल ने कहा कि सभी क्षेत्रों में भाजपा विधायकों और नेताओं की अनुशंसा के अनुसार ही राशन सामग्री का वितरण किया गया है. उनके पास भाजपा विधायकों की अनुशंसा के पत्र भी मौजूद हैं.
बस इस बात पर विधानसभा में हंगामा खडा हो गया. भाजपा विधायकों ने सरकार पर कोरोना काल में भेदभाव बरतने के आरोप लगाते हुए एक साथ जोर जोर से बोलना शुरू कर दिया. दूसरी और कांग्रेस विधायकों ने भी तेज-तेज बोलना शुरू कर दिया. इस दौरान सदन सभापति आसन के लिए बने नियमों की भी दोनों पक्षों की ओर से नजर अंदाज करते हुए धज्जियां उडाई गईं.
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मंत्री शांति धारीवाल ने तो इतना कह दिया कि भाजपा विधायक काली चरण सर्राफ को इसके लिए माफी मांगनी होगी, अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उनको सदन की कार्रवाई से बाहर निकालने के लिए वो प्रस्ताव लाएंगे. इसके बाद जमकर दोनों पक्षों के नेता एक दूसरे के सामने आ गए. दोनों पक्षों के नेताओं ने सभापति के बार-बार शांत रहने के अनुरोध को भी नहीं सुना. इस पर सभापति ने सदन को आधे घण्टे के लिए स्थगित कर दिया.