Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में हाल ही में हुए जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों के परिणामों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर झूंठा भ्रम फैलाने का गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में आए जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव परिणामों के बाद किसान आंदोलन को फीका करने के लिए बीजेपी हाईकमान के आदेश पर केंद्रीय मंत्रियों ने झूठ फैलाया है. सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी नतीजों को अपनी बड़ी जीत की तरह प्रदर्शित कर रही है जो आंकड़ों के विश्लेषण में गलत साबित होता है.
वोट प्रतिशत भी हमारा ज्यादा और कांग्रेस के प्रधानों की संख्या भी पहले से बढ़ी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 21 जिलों की 222 पंचायत समितियों पर हुए मतदान में से कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा मत मिले हैं. कांग्रेस को 40.87% वोट मिले हैं जबकि बीजेपी को 40.58% वोट ही मिले हैं. इस तरह कांग्रेस को भाजपा से 0.29% ज्यादा वोट मिले हैं. वहीं 222 पंचायत समितियों में भाजपा और कांग्रेस के बराबर 98-98 और अन्य पार्टियों के 26 प्रधान चुने गये हैं. जबकि 2015 में इन पंचायत समितियों में बीजेपी के 112 और कांग्रेस के 67 प्रधान थे. ऐसे में अबकी बार कांग्रेस के प्रधानों की संख्या पहले से 31 बढ़ी है जबकि बीजेपी के प्रधानों की संख्या 14 कम हुई है.
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कोरोना महामारी की रोकथाम पर रहा फोकस
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे बताया कि कोरोना के दौरान राजस्थान सरकार का पूरा ध्यान महामारी की रोकथाम पर था. इसलिये कांग्रेस ने प्रदेश-केंद्रीय स्तर के नेताओं को इन चुनावों में प्रचार हेतु नहीं भेजा ताकि भीड़ इकट्ठा न हो, महामारी का फैलाव रुक सके. वहीं बीजेपी के केंद्रीय मंत्री तक इन चुनावों में प्रचार के लिये उतर गये. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, अर्जुन मेघवाल, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ समेत कई नेताओं ने चुनाव प्रचार में कोरोना के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाईं और अपनी राजनीति के लिये आमजन के जीवन को खतरे में डाला. सीएम गहलोत ने कहा कि जब हमारे प्रदेश के 2500 लोग और दो विधायक कोरोना के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं तब हम सबकी जिम्मेदारी है कि कोरोना संक्रमण को गंभीरता से लिया जाये, लेकिन भाजपा के नेताओं ने कोरोना संक्रमण का ध्यान नहीं रखा.
भाजपा चुनाव जीतने के लिये आमजन के जीवन से भी समझौता कर सकती है
सीएम गहलोत ने कहा कि जब हमारा सारा ध्यान जीवन और आजीविका बचाने पर था तब भाजपा नेताओं के लिये राजनीति जरूरी थी. हैदराबाद के नगर निगम चुनावों में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों का जाकर कोरोना प्रॉटोकोल का उल्लंघन करना इनकी सोच दर्शाता है. यह दिखाता है कि भाजपा चुनाव जीतने के लिये आमजन के जीवन से भी समझौता कर सकती है.
ऐसा हौआ खड़ा करने की कोशिश की जैसे कांग्रेस का हो गया हो सफाया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा के केंद्रीय और प्रदेश के नेताओं ने चुनाव नतीजों को भ्रामक रूप से मीडिया के सामने प्रचारित कर ऐसा हौआ खड़ा करने की कोशिश की जैसे कांग्रेस का सफाया हो गया हो. सीएम गहलोत ने कहा जबकि सच्चाई यह है कि राजस्थान के किसानों ने भाजपा को 18 महीनों में 18 प्रतिशत कम वोट देकर किसान आंदोलन का साथ दिया है. राजस्थान के किसान पूरी तरह नये कृषि कानूनों के खिलाफ हैं इसलिये उन्होंने भाजपा के विरोध में वोट किया है
प्रदेश के इन 21 जिलों में हुए चुनाव
आपको बता दें, प्रदेश के अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौडगढ, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर में चार चरणों में पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव सम्पन्न हुए हैं.