Politalks.News/MadhyaPradesh. आज पूरे देश में गणेश चतुर्थी उत्सव पूरे धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. हमारे देश में आमतौर पर किसी अच्छे और शुभ कार्य करने के लिए श्री गणेशाय नमः लिखा जाता है. वैसे भी आज गणेश उत्सव की शुरुआत हुई है. आज मध्य प्रदेश में भाजपा के लिए बप्पा गणपति ने वर्षों पुरानी ‘कसक’ दूर कर दी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के रजवाड़े में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ‘चुनावी मिलन’ का गेम खेला. आइए आज आपको मध्यप्रदेश के शहर ग्वालियर लिए चलते हैं.
देश की राजनीति में ग्वालियर क्षेत्र को मध्यप्रदेश कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है. माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर और आसपास के जिलों में कांग्रेस पार्टी को आगे ले जाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. सिंधिया के निधन के बाद उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया इस क्षेत्र में कांग्रेस को आगे बढ़ाते रहे. लेकिन अब कांग्रेस से बगावत के बाद सिंधिया के पास भाजपा से राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश की सत्ता में आधी हिस्सेदारी भी आ गई है.
मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की इन दिनों सरगर्मी तेज हो गई है. इसको देखते हुए भाजपा के साथ कांग्रेस ने भी कमर कस ली है और चुनाव प्रचार के लिए एक्टिव हो गई है. सबसे महत्वपूर्ण ग्वालियर की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर भाजपा और कांग्रेस दोनों की नजरें लगी हुई हैं. भाजपा केंद्रीय आलाकमान से मिले निर्देशों के बाद राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के गढ़ ग्वालियर से ही उपचुनाव का शनिवार को ‘ज्योति’ (ज्योतिरादित्य सिंधिया) के साथ ‘श्री गणेशाय नमः’ किया. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के गढ़ से कई निशाने साधे.
बता दें, भाजपा ग्वालियर में अगले तीन दिनों के अपने कार्यक्रम में कार्यकर्ता सदस्यता अभियान भी चला रही है. 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने की वजह से ग्वालियर बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए अहम है. इसलिए यहां पर चुनाव जीतने के लिए दोनों ही पार्टियां कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती हैं. भाजपा के तीन दिन के सदस्यता समारोह का कांग्रेस विरोध कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि कोरोना संकट चल रहा है, ऐसे में भाजपा का यह अभियान लोगों की जान को खतरे में डाल सकता है.
कांग्रेसी से भाजपाई होने के बाद पहली बार ग्वालियर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का हुआ विरोध-प्रदर्शन
भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश में सरकार बदलने के बाद आज पहली बार ग्वालियर पहुंचे. सिंधिया के साथ केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य मंत्री भी मौजूद थे. ग्वालियर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जब सिंधिया को शिवराज सिंह के साथ देखा तो उनका विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. कांग्रेस कार्यकर्ता ज्योतिरादित्य सिंधिया से इस कदर नाराज थे कि उनका विरोध करने के लिए सुबह से ही कई दिग्गज नेता पहुंच गए थे. लेकिन इससे पहले पुलिस ने कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर लिया.
यही नहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए सभा स्थल पर काले कपड़े पहनकर आए लोगों को प्रवेश नहीं दिया गया. कांग्रेस नेत्री रश्मि पवार काले कपड़े पहनकर सिंधिया का विरोध करने पहुंची, उन्हें भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पूर्व मंत्री बालेंद्र शुक्ला, भगवान सिंह यादव, पूर्व सांसद रामसेवक सिंह गुर्जर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. यह पहला मौका था जब सिंधिया का ग्वालियर में इतना बड़ा विरोध हुआ हो. हालांकि भाजपा के लिए यह दांव राहत वाला भी कहा जा सकता है. सही मायने में सीएम शिवराज सिंह यही चाहते थे कि सिंधिया का ग्वालियर में जितना विरोध होगा उतना पार्टी को फायदा भी मिलेगा.
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के ग्वालियर दौरे से पहले कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने ट्वीट कर हमला बोला, उन्होंने कहा कि सिंधिया समर्थक आज अपनी राजनैतिक अंकसूची में पिताजी का नाम बदल दिया है. यहां आपको बता दें कि ग्वालियर के कई कांग्रेसी नेता भाजपा के कोरोना संक्रमण काल में सार्वजनिक पंडाल लगाने से काफी नाराज हैं.
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सिंधिया ने साधा कमलनाथ और कांग्रेस पर निशाना
उसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब मंच से कांग्रेस की आलोचना शुरू की तब प्रदेश भाजपा इकाई से लेकर केंद्रीय आलाकमान का खुशी का ठिकाना नहीं रहा. भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तो 4 महीने पहले लॉकडाउन घोषित किया था, लेकिन प्रदेश में तो उसी दिन लॉकडाउन लागू हो गया था जिस दिन यहां कांग्रेस सरकार बनी और कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ की सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे थे. भाजपा के इस तीन दिवसीय सदस्यता अभियान में ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मौजूद रहेंगे.
कांग्रेस का दुपट्टा पहने सिंधिया ने भाजपा के साथ पुराने कार्यकर्ताओं को भी साधने की कोशिश
ग्वालियर में एक घटना ने एक बार तो वहां मौजूद सब लोगों को हैरत में डाक दिया. दरअसल, भाजपा के सदस्यता अभियान के मंच पर ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस का दुपट्टा डाले दिखाई दिए, जबकि बाकी नेता मंच पर भाजपा का दुपट्टा डाले हुए थे. इस पर कयास लगाया गया कि इसी बहाने सिंधिया ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को रिझाने की कोशिश की, लेकिन उनकी दाल नहीं गली. बाद में उन्होंने भाजपा का दुपट्टा गले में डाल लिया.