पॉलिटॉक्स न्यूज. कोरोना के संकट काल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक्सपर्ट से वार्ता का दौर बदस्तूर जारी है. बीते दिनों उन्होंने पूर्व अमेरिकी राजनयिक निकोलस बर्न्स से कोरोना की विकट परिस्थितियों के साथ भारत की राजनीति पर भी बात की. वार्ता के दौरान राहुल ने भारत-अमेरिका में सहिष्णुता के डीएनए संबंधी एक टिप्पणी की थी जिसे लेकर बीजेपी के नेता खासे नाराज हैं. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने इस संबंध में राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ‘सामंती फोटोफ्रेम में फिक्स’ परिवार को भारत की संस्कृति, संस्कार के संकल्प से सराबोर सहिष्णुता समझ में नहीं आएगी.
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पूर्व अमेरिकी राजनयिक निकोलस बर्न्स (Nicholas Burnson) से डिजिटल संवाद के दौरान दावा किया था कि अमेरिका और भारत सहिष्णुता एवं खुलेपन के डीएनए के लिए जाने जाते थे जो अब गायब हो गया है और तथा विभाजन पैदा करने वाले खुद को राष्ट्रवादी कह रहे हैं.
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इस बार पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा, ‘भारत के सहिष्णुता के डीएनए के बदलने का ज्ञान देने वाले कांग्रेसी अज्ञानियों को समझना होगा कि ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया:’, सनातन संस्कृति-संस्कार ही भारत का डीएनए था, है और रहेगा. देश अपनी संस्कृति, संस्कार, सहिष्णुता के किसी ‘पोलिटिकल पाखंड की प्रयोगशाला’ में डीएनए टेस्ट का मोहताज नहीं है.’
मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता देश की छवि खराब करने की साजिश में लगे हैं. कभी आतंकवादियों के मारे जाने पर सवाल, कभी सर्जिकल स्ट्राइक पर बवाल, कोरोना से लड़ाई पर असमंजस फैलाना और अब देश को असहिष्णु साबित करने का प्रपंच, कांग्रेस एवं उसके नेताओं द्वारा देश की संस्कृति, संस्कार, सुरक्षा एवं संकल्प के प्रति अज्ञानता की पराकाष्ठा है.
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नकवी ने कहा कि भारत की इसी संस्कृति-संस्कार-संकल्प ने इतने बड़े देश को ‘अनेकता में एकता’ के सूत्र से बांध रखा है. कांग्रेस को ‘बोगस बैशिंग ब्रिगेड’ बताते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता नकवी ने कहा कि पिछले एक दशक से ज्यादा समय से ‘सबका साथ, सबका विकास’ के संकल्प से काम करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असहिष्णुता के सबसे बड़े शिकार रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह ‘साजिशी सिंडिकेट’ देश को बदनाम करने में पागलपन की हद तक पहुंच गया है.
बता दें, एक्सपर्ट निकोलस बर्न्स फिलहाल हार्वर्ड के जॉन एफ केनेडी स्कूल में ‘प्रैक्टिस ऑफ डिप्लोमेसी एंड इंटरनेशनल पॉलिटिक्स’ विभाग में प्रोफेसर हैं, साथ ही यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटिकल अफेयर्स के अंडर सेक्रेटरी और भारत-अमेरिका एटमी समझौते के मुख्य वार्ताकार भी रह चुके हैं.