पॉलिटॉक्स ब्यूरो/पटना. बिहार के उप मुख्यमंत्री के साथ साथ वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को बिहार का वित्तीय वर्ष-2020-21 के लिए बजट पेश किया. इस बार का वित्तीय बजट कुल 2 लाख 11 हजार 761 करोड़ रुपए है, जो कि पिछली बार पेश किए गए बजट के मुकाबले 11 हजार 260 करोड़ रुपए अधिक है. पिछली बार 2 लाख 501 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया था. इस बार के बजट में बिहार सरकार ने सबसे ज्यादा फोकस शिक्षा पर रखा है. इसके लिए सबसे अधिक 35 हजार 191 करोड़ रुपए का फंड रखा गया है. दूसरे नंबर पर सड़क निर्माण और तीसरे नंबर पर स्वास्थ्य को तवज्जो मिली है जिनके लिए क्रमश: 17 हजार 345 करोड़ और 10 हजार 937 करोड़ का फंड है.
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शिक्षा विभाग
- शिक्षा के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का फंड
- बांका में उन्नयन योजना शुरू जिसके अंतर्गत 9वीं एवं 10वीं के छात्रों इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पढ़ाई कराई जाती है.
- इस योजना को सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लागू करने की योजना तैयार की है.
- 5565 विद्यालयों में खर्च होंगे 50.08 करोड़ रुपए
- 2019-20 में कंपोजिट स्कूल ग्रांट के लिए लक्षित 72 हजार विद्यालयों के लिए 403 करोड़ का बजट
- सिमुलतला आवासीय विद्यालय के आधारभूत संरचना के लिए 75 करोड़ रुपए होंगे खर्च
कृषि विभाग
- कृषि विभाग को 3152.81 करोड़ रुपये का बजट
- मौसम के अनुकूल खेती पर जोर, हैप्पी बुआई की तकनीक और जल संरक्षण को बढ़ावा
- 2019-20 से 2023-24 तक पांच सालों के लिए 60.05 करोड़ रुपए की स्वीकृति
- जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार राज्य जैविक मिशन का गठन होगा जिसके लिए 155.88 करोड़ रुपए का प्रावधान
- वर्मी कम्पोस्ट, हरी खाद, जैव उर्वरक के व्यवहार के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जायेगा.
- 21,000 एकड़ में जैविक खेती का लक्ष्य
- फसल की नई किस्म एवं नई बुआई की विधियों को बढ़ावा दिया जाएगा.
- एजेंसी द्वारा राज्य के किसानों का जैविक प्रमाणीकरण का कार्य फ्री होगा.
- कृषि विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता लाने हेतु शुरू की गई ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था के तहत अब तक 1.13 करोड़ किसान पंजीकृत हो चुके हैं तथा विभिन्न योजनाओं की राशि उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में भेजी जा रही है.
- मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत फसल की नई किस्म एवं नयी बुआई की विधियों को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए वर्ष 2019-20 से वर्ष 2023-2024 तक 5 साल में 6,065.50 लाख रुपए खर्च होंगे.
- जैविक खेती प्रोत्साहन योजना में 2019-20 से वर्ष 2021-22 तक 3 साल में 155.88 करोड़ रुपए खर्च होंगे. किसानों को जैविक इनपुट के रूप में 11,500 रुपए प्रति एकड़ की दर से अग्रिम अनुदान दिया जायेगा. वर्मी कम्पोस्ट, हरी खाद, जैव उर्वरक के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जाएगा.
- जैविक प्रमाणीकरण के लिए भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी द्वारा राज्य के किसानों का जैविक प्रमाणीकरण का कार्य निःशुल्क किया जायेगा. 2020-21 में 21 हजार एकड़ में जैविक प्रमाणीकरण किया जाएगा.
- फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों की सहायता के लिए कृषि मशीनों पर 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है.
- 2020-21 में फसल अवशेष के मूल्य संवर्धन के लिए कार्यक्रम चलाये जायेंगे, जिससे किसानों को फसल अवशेष का भी मूल्य प्राप्त होगा.
- 2019-20 में शुरू की गई खेत में ही जल संचय की नई योजना के तहत 60 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं.2020-21 में इस योजना के तहत खेत में तालाब के निर्माण तथा संचित वर्षाजल के उपयोग से तीनों कृषि मौसम में उपयुक्त फसल चक्र को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा.
- बिहार के कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा निर्मित कृषि यंत्रों पर किसानों को 10 प्रतिशत अधिक अनुदान एवं इन यंत्रों के परीक्षण में लगने वाले शुल्क की शत-प्रतिशत राशि की प्रतिपूर्ति करने का प्रावधान किया गया है.
- 2020-21 में राज्य में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा को गति प्रदान करने के लिए कृषि अभियंत्रण/कृषि व्यवसाय प्रबंधन/जैव प्रौद्योगिकी/फूड टेक्नोलॉजी/सामाजिक विज्ञान के नए महाविद्यालयों की स्थापना की जाएगी.
- राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शोध को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिभा सम्मान योजना की शुरुआत की जाएगी, जिसमें विश्वविद्यालय के द्वारा पेटेंट कराने, फसल की नई किस्म विकसित करने आदि प्रमुख उपलब्धियों के लिए विश्वविद्यालय को अनुसंधान प्रोत्साहन ग्रान्ट दिया जाएगा.
- इसके साथ ही कृषि छात्रों में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने के लिए स्नातकोत्तर स्तर पर प्रतिभा को सम्मानित करने के उद्देश्य से छात्रों को प्रतिभा स्टाइपेंड योजना की शुरुआत की जाएगी.
स्वास्थ्य विभाग
- स्वास्थ्य विभाग को 10 हजार करोड़ का बजट, आईजीआईएमएस को बनाया जाएगा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल
- आजीआईएमएस में 138 करोड़ की लागत से 100 बेड के अत्याधुनिक स्टेट कैंसर संस्थान का निर्माण 2020 में पूरा हो जाएगा
अन्य
- ग्रीन बजट पेश करने वाला पहला राज्य बना बिहार, जल-जीवन-हरियाली योजना पर खर्च होंगे 6 हजार करोड़
- पथ निर्माण के लिए 17 हजार करोड़ का बजट, 121 करोड़ की लागत से मीठापुर फ्लाईओवर से जुड़ेगा करबिगहिया और चिरैयाटांड़
- 509 करोड़ की लागत से गोपालगंज से मुजफ्फरपुर और सारण को जोड़ने के लिए 18.5 किलोमीटर लंबी सड़क का होगा निर्माण
- चार हजार से अधिक टोलों को जोड़ने के लिए 2888 करोड़ की मंजूरी, 848 किलोमीटर होगा सड़क निर्माण
- राजगीर में 472 एकड़ में 176 करोड़ की लागत से जू-सफारी का निर्माण, 2020 के अंत तक पूरा होगा कार्य
- नमामि गंगे पर 6145 करोड़, अमृत मिशन पर 2657 करोड़ एशियन डेवलपमेंट बैंक पर 1122 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
- पटना शहर में अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल का निर्माण 2020 तक पूरा होगा, 302 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
- राज्य सेवाओं में नियुक्ति के लिए महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण, अब तक 20,572 महिलाओं को मिला लाभ
- अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग के लिए 11,911 करोड़ रुपए का बजट
- हर घर नल का जल और पक्की नाली-गली पर सरकार का विशेष फोकस, 2020 तक पाइप से पानी पहुंचाने का लक्ष्य
इनके अलावा, ग्रामीण विकास विभाग को 16014.88 और ग्रामीण कार्य विभाग को 9619 करोड़ रुपए दिए है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग को 1178.92 करोड़ रुपए का फंड मिला है.



























