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बिहार में भाजपा, जदयू और लोजपा के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है. जेडीयू नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने आज पटना में इसकी घोषणा की. भाजपा के हिस्से में पटना साहिब, पाटलीपुत्र, साराण, आरा, बक्सर, औरंगाबाद, मधुबनी, बेगुसराय, उजियारपुर, पूर्वी चंपारण, शिवहर, दरभंगा, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, अररिया, महाराजगंज और सासाराम सीट आई है जबकि जेडीयू के खाते में सुपौल, किशनगंज, कटिहार, गोपालगंज, सीवान, भागलपुर, सीतामढ़ी, जहानाबाद, काराकाट, गया, पूर्णिया, मधेपुरा, बाल्मिकीनगर, मुंगेर, बांका, झांझरपुर और नालंदा सीटें आई हैं.

वहीं, एलजेपी के उम्मीदवार वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, नवादा और जमुई से मैदान में उरतेंगे. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की नवादा सीट के एलजेपी के खाते में जाने के बाद साफ हो गया है कि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए दूसरी सीट तलाशनी होगी. पिछले कई दिनों से यह कयास लगाया जा रहा था कि नवादा सीट एलजेपी के खाते में जा सकती है. ‘पॉलिटॉक्स’ में इस बारे में 15 मार्च को रिपोर्ट प्रकाशित की थी. सूत्रों के अनुसार गिरिराज सिंह को बेगूसराय से मैदान में उतारा जा सकता है.

बिहार में भाजपा, जदयू और लोजपा के सीटों के बंटवारे के बाद गिरिराज सिंह के सामने ही सीट का संकट नहीं आया है, भागलपुर सीट जेडीयू के हिस्से में जाने से भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन भी इसी संकट से जूझ रहे हैं. बता दें कि शाहनवाज भागलपुर सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं. हालांकि 2014 में उन्हें यहां से हार का सामना करना पड़ा था.

गौरतलब है कि बिहार में भाजपा और जेडीयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि एलजेपी के हिस्से 6 सीटें आई हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में एनडीए बिहार की 31 सीटें जीतने पर कामयाब हुआ था, पर उस वक्त जेडीयू एनडीए का हिस्सा नहीं था. भाजपा ने जेडीयू के साथ सीटों के बंटवारे पर सहमति बनाने के लिए अपनी जीती हुई 5 सीटें छोड़ी हैं. सीटों का बंटवारा होने के बाद सबकी नजर उम्मीदवारों की घोषणा पर है.

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