‘कभी भी आग लगाने को तैयार..’ सहनी का चिराग पर तीखा वार

स्वयं के राजनीतिक भविष्य को लेकर भड़के वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी, बीजेपी पर भी बोला बड़ा हमला, गठबंधन की संभावनाओं पर भी है नजर

mukesh sahani vs chirag paswan in bihar politics
mukesh sahani vs chirag paswan in bihar politics

बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मी के बीच विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान पर करारा तंज कसा है. सहनी ने बिना नाम लिए कहा कि बीजेपी के ‘हनुमान’ कभी भी आग लगा सकते हैं, इसलिए उन पर नजर रखी जाए. यह बयान स्पष्ट तौर पर चिराग की तरफ इशारा कर रहा है, जिन्हें अक्सर बीजेपी का ‘हनुमान कहा जाता है. हाल में एनडीए से अलग हुए मुकेश सहनी ने भारतीय जनता पार्टी पर भी बड़ा हमला बोला है.

वीआईपी प्रमुख ने बीजेपी द्वारा उनके राजनीतिक भविष्य पर की गई टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण देते हुए चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि वे दूसरे दलों की तरफ ताकझांक न करें. वे अपने घर को संभालें. कहीं खुद ही आग न लग जाए. उन्होंने कहा बीजेपी हमारे लिए अच्छा क्यों बोलेगी. मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे अपने घर को देखें और इस बात पर ध्यान दें कि कहीं आग न लग जाए.

निषाद समाज में है खासी पकड़

मुकेश सहनी की निषाद समुदाय के बीच अच्छी खासी पकड़ है और इस पकड़ को देखते हुए ही उन्हें चुनाव में बड़ा फायदा दिला सकता है. यही वजह है कि महागठबंधन सहनी को साथ लेकर चलना चाह रहा है, बस टकराव सीट बंटवारे को लेकर है. हालांकि सहनी कई बार कह चुके हैं कि उनकी कोशिश बिहार की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने की है लेकिन उनका हालिया बयान महागठबंधन में उनकी बढ़ती भूमिका और भविष्य की योजनाओं को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि उनके लिए सीटों की संख्या मायने नहीं रखती. उनका लक्ष्य सभी सीटों पर मिलकर लड़ना है ताकि आने वाले समय में बिहार में महागठबंधन की सरकार बन सके. 

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सहनी का यह बयान बिहार की चुनावी राजनीति में नए समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है, जहां बीजेपी और एनडीए के सामने एक मजबूत चुनौती पेश की जा सकती है.

पिछले विधानसभा चुनाव में 4 सीटें

मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी ने 2018 में राजनीति में कदम रखा और 2019 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा. हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिल सकी. 2020 में वीआईपी ने एनडीए के साथ मिलकर 11 सीटों पर चुनाव लड़ा और चार सीटों पर जीत हासिल हुई. अब सहनी बिहार की राजनीति में एक जाना पहचाना नाम है. राजनीतिक विशेषकों का मानना है कि इस बार उनके खाते में 6 से ज्यादा सीटें आ सकती हैं, बशर्तें इस बार वे 15 सीटों पर चुनाव लड़ें. यही मांग सहनी ने भी की है जिस पर फिलहाल मंथन जारी है. हालांकि महागठबंधन के साथ वीआईपी को मिलकर करीब करीब तय है.

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