Bihar politics: बिहार में साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सरगर्मिया तेज हो चली हैं. सभी राजनीतिक दलों ने अपनी राजनीतिक मोहरे सेट करना शुरू कर दिया है. इसी बीच एआईएमआईएम के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बड़ा बयान देते हुए सियासी हलचलों को बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने बिहार में महागठबंधन के नेताओं से संपर्क किया है, ताकि बिहार में किसी भी कीमत पर आगामी चुनाव में एनडीए को सत्ता में लौटने से रोका जा सके. हालांकि ओवैसी ने अपनी शर्तों पर महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ना स्वीकार किया है.
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ओवैसी ने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने महागठबंधन के कुछ नेताओं से बात की है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम नहीं चाहते कि बीजेपी या एनडीए बिहार की सत्ता में वापस आए. अब यह फैसला उन राजनीतिक दलों पर निर्भर है, जो एनडीए को बिहार की सत्ता में लौटने से रोकना चाहते हैं.
‘सभी सीटों पर भी लड़ने को तैयार’
ओवैसी के अनुसार, उन्होंने महागठबंधन के नेताओं से बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है. हमने पहले भी साथ आने की कोशिश की है और इस बार भी कर रहे हैं, ताकि ये लोग बाद में दोष ना दे सकें. हालांकि ओवैसी ने यह भी साफ किया कि अगर वे (महागठबंधन) तैयार नहीं हैं, तो हम हर सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि सीटों की संख्या का सटीक एलान करना जल्दबाजी होगी.
बिहार में पार्टी का इकलौता विधायक
AIMIM बिहार के सीमांचल क्षेत्र में मजबूत स्थिति रखती हैं. ये अधिकांश मुस्लिम बहुल इलाके हैं. बीते बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने राज्य की पांच सीटों पर कब्जा जमाया था. हालांकि साल 2022 में पार्टी को बड़ा झटका लगा और ओवैसी की पार्टी के चार विधायक लालू की राजद में शामिल हो गए. इस बार ओवैसी ने अपनी शर्तों पर महागठबंधन के साथ आने की हामी भरते हुए कहा कि अगर ऐसा न हुआ तो उनकी पार्टी न सिर्फ सीमांचल बल्कि उससे बाहर भी उम्मीदवार उतारेगी. सूत्रों की मानें तो ओवैसी अपने लिए प्रदेश में 25 से अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं. अब देखना ये होगा कि बिहार में महागठबंधन की सूत्रधार राजद और कांग्रेस कितनी सीटों पर ओवैसी को सहमत कर पाते हैं.