Politalks News/Rajasthan. प्रदेश में हुए गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन (Gehlot Cabinet Reshuffle) के बाद गहलोत-पायलट गुट को लेकर किए जा रहे एकजुटता के दावों की पोल परत दर परत खुलती ही जा रही है. खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और उनके द्वारा नियुक्त किए गए सलाहकारों द्वारा किसी न किसी बहाने पायलट कैम्प पर जुबानी तीर चलाए जा रहे हैं. जहां सबसे पहले सलाहकार नियुक्त होते ही निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने अपनी भड़ास सचिन पायलट (Sachin Pilot) के खिलाफ निकाली तो वहीं उसके बाद सीएम गहलोत खुद पिछले साल हुई सियासी कलह को लेकर पायलट कैम्प के विधायकों को निशाने पर लेते रहे हैं. अब इसी कड़ी में सीएम गहलोत के नवनियुक्त सलाहकार और सिरोही (Sirohi) से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा (Sanyam Lodha) ने पूर्व पीसीसी चीफ रहे सचिन पायलट पर जोरदार तंज कसते हुए कहा कि, ‘2018 में कांग्रेस ने भांग खाकर टिकट बांटे थे.’ अब यहां संयम लोढ़ा यह भूल गए कि पायलट पर निशाना साधने के चक्कर में वो कांग्रेस पार्टी पर भी सवाल उठा गए, जिस पार्टी का सिपाही होने का वो दावा करते रहे हैं. यही नहीं लोढ़ा ने कांग्रेस के पदाधिकारियों पर भी सवाल उठाए हैं.
दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते लगातार बढ़ती महंगाई के खिलाफ कांग्रेस (Congress) की 12 अक्टूबर को होने वाली ‘महंगाई हटाओ रैली’ की तैयारियों को लेकर गहलोत सरकार के सभी प्रभारी मंत्री बीते दो दिन से अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बैठक कर रहे थे. इसी कड़ी में सिरोही जिले के प्रभारी बने उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी सोमवार को जिले के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे थे. इस बैठक में हाल ही में मुख्यमंत्री के सलाहकार बने निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर सिरोही और मारवाड़ जंक्शन विधानसभा में गलत टिकट बांटने के आरोप लगाए. साथ ही ऐसे लोगों को कांग्रेस का पदाधिकारी बनाने के आरोप लगाए जिनके बूथ पर कांग्रेस कमजोर है.
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सीएम गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने कांग्रेस पर ही निशाना साधते हुए कहा कि, ‘सिरोही और मारवाड़ जंक्शन 2018 के विधानसभा चुनाव में ऐसी विधानसभा थी, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आपकी गलती सुधारते हुए अपने उम्मीदवारों की जमानत जब्त करवाई और भाजपा को भी हरा दिया. क्या सारे नेता भांग खाकर टिकट बांट रहे थे, जो उनके दिए टिकट पर कांग्रेस उम्मीदवार 35000 और 40,000 से चुनाव हारे?’ यही नहीं संयम लोढ़ा ने कांग्रेस पदाधिकारियों पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि, ‘पदाधिकारी बनाने से पहले कम से कम उनके खुद के बूथ का रिजल्ट मंगवा कर कांग्रेस पार्टी को देखना चाहिए क्योंकि जिनके खुद के बूथ से कांग्रेस पीछे रह जाती है वह कांग्रेस के पदाधिकारी बनकर आ जाते हैं. इसलिए अगर कमजोरी ही निकालनी है तो रिकॉर्ड सामने रखें और उसके बाद फैसला करें.’
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संयम लोढ़ा ने आगे कांग्रेस के पदाधिकारियों पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि जिले में कांग्रेस के लिए गड्ढा खोदते हैं, वही बड़े नेताओं के साथ फोटो खिंचवाते दिखते हैं. हाल ही में हुए पंचायत चुनाव परिणामों पर सवाल उठाने वाले पदाधिकारियों पर निशाना साधते हुए संयम लोढ़ा ने कहा कि इन जिलों में हर कांग्रेस के आदमी का मन दुखता है कि हम कहां आकर खड़े हो गए. अभी पंचायत चुनाव की रिजल्ट की बात होती है तो यहां के नेता रिजल्ट की बात बहुत करते हैं, लेकिन जयपुर जाकर ज्ञापन देने वाले नेताओं को खुद के बूथ का रिजल्ट देखना चाहिए. लोढ़ा ने आगे कहा कि हमारे जिलों में चप्पे-चप्पे में कांग्रेसी है, लेकिन पदाधिकारी बनाने से पहले उन पदाधिकारियों के बूथ के रिजल्ट मंगवा कर देखे जाएं ताकि यह पता रहे कि जिसे हम पदाधिकारी बना रहे हैं वह इस लायक भी हैं या नहीं.