Politalks. News/Punjab-Delhi. हाल ही में संसद में पारित हुए कृषि सम्बंधित बिलों के विरोध में पहले सांसद हरसिमरत कौर ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया और अब अकाली दल और बीजेपी की 22 साल पुरानी दोस्ती टूट गई है. शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कृषि विधेयकों के विरोध में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होने की घोषणा कर दी है. शनिवार देर शाम पार्टी की कोर समिति की बैठक के बाद सुखबीर सिंह बादल ने यह घोषणा की.
सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘शिरोमणि अकाली दल की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई कोर समिति की आज रात हुई आपात बैठक में भाजपा नीत राजग से अगल होने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया.’ इससे पहले राजग के दो अन्य प्रमुख सहयोगी दल शिवसेना और तेलगु देशम पार्टी भी अन्य मुद्दों पर गठबंधन से अलग हो चुके हैं. बता दें, मोदी सरकार के जरिए लाए गए कृषि बिल का पूरे देश में विरोध देखा जा रहा है. किसानों के साथ विपक्ष की ओर से भी मोदी सरकार के कृषि बिल का विरोध किया जा रहा है. यही कारण है कि मोदी सरकार को उसके सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल ने एक और झटका देते हुए कृषि बिल के विरोध में एनडीए का साथ छोड़ दिया है.
शिरोमणि अकाली दल की ओर से काफी वक्त पहले से ही मोदी सरकार के जरिए लाए गए कृषि बिलों का विरोध किया जा रहा है. विरोध के चलते अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने पहले ही केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया था. हालांकि तब अकाली दल का एनडीए को समर्थन जारी था लेकिन अब अकाली दल ने कृषि बिल के विरोध में एनडीए से अलग होने का फैसला लिया है. इसके साथ ही अकाली दल ने एनडीए से समर्थन वापस ले लिया है.
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अकाली दल ने कहा, ‘हमने एमएसपी (MSP) पर किसानों की फसलों के सुनिश्चित विपणन की रक्षा के लिए वैधानिक विधायी गारंटी देने से मना करने पर बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से अलग होने का फैसला किया. इसके साथ ही सिख और पंजाबी मुद्दों पर भी सरकार असंवेदनशील थी.’ अकाली दल और बीजेपी की दोस्ती 22 साल पुरानी थी.
शिवसेना के बाद अकाली दल का साथ छूटने से बीजेपी को लगा झटका
अब चूंकि यह गठबंधन टूट गया है तो निस्संदेह शिवसेना के बाद अपने दूसरे सबसे पुराने सहयोगी को खोना बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है. गौरतलब है कि शिवसेना के बाद अकाली दल को भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी के रूप में देखा जा रहा था. परंतु शिवसेना पहले ही एनडीए से अलग हो चुकी है और अब अकाली दल भी कृषि विधेयकों को लेकर नाराजगी के कारण राजग से अलग हो गया है.
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शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के बीच उस समय नाराजगी खुलकर सामने आ गई थी जब किसान बिल के विरोध में शिरोमणि अकाली दल की नेता और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने संसद में पेश किए गए कृषि से संबंधित दो विधेयकों के विरोध में पिछले हफ्ते बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि थीं और अकाली दल, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी भी थी. लेकिन अब शिरोमणि अकाली दल ने एनडीएस ने नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है.
याद दिला दें, विधेयक का पुरजोर विरोध करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि पंजाब के किसानों ने अन्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है. अकाली दल नेता ने लोकसभा में कहा था, ”मैं एक घोषणा करना चाहता हूं कि हमारी मंत्री हरसिमरत कौर बादल मंत्रिमंडल से इस्तीफा देंगी,”सुखबीर ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी ने शुरू में इन अध्यादेशों का समर्थन किया था.