Politalks.News/Goa. आगामी चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Baenerjee) सभी दलों को झटका दे रही थी लेकिन इस बार झटका उन्हें लगा है. बंगाल चुनाव में सफलता का परचम लहराने वाली TMC (Trinmool Congress) गोवा (Goa Assembly Election) में भी इस परचम को लहराना चाहती है लेकिन उसकी यह राह इतनी आसान नहीं होने वाली. तीन महीने पहले TMC में शामिल हुए महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (MGP) के पूर्व विधायक लवू मामलातदार ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. यहीं नहीं मामलातदार ने TMC सहित उनकी पार्टी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) पर भी जमकर निशाना साधा है. तो वहीं पूर्व विधायक ने टीएमसी पर सांप्रदायिक होने के साथ साथ चुनावों से पहले वोटों के लिए हिंदुओं और ईसाइयों के बीच विभाजन की कोशिश करने का आरोप भी लगाया.
अन्य दलों को झटका देने वाली TMC को गहरा झटका तब लगा जब गत सितंबर के अंतिम सप्ताह में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए पूर्व विधायक लवू मामलातदार ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. पूर्व विधायक के साथ इस्तीफा देने वालों में राम मांडरेकर, किशोर परवार, कोमल परवार और सुजय मलिक का नाम शामिल है. इस्तीफे के साथ ही मामलातदार ने ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, ‘हम ऐसी पार्टी के साथ नहीं रहना चाहते जो गोवा को बांटने की कोशिश कर रही है. मैं टीएमसी में शामिल हुआ था क्योंकि मैं ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी के प्रदर्शन से पूरी तरह प्रभावित था.’
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मामलातदार ने आगे कहा कि, ‘मेरा मानना था कि टीएमसी एक बहुत ही धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, लेकिन पिछले 15-20 दिनों में मैंने जो कुछ भी देखा, उससे मुझे पता चला है कि यह तो बीजेपी से भी ज्यादा बदतर है. हम टीएमसी में इस उम्मीद के साथ शामिल हुए थे कि यह गोवा और गोवावासियों के लिए उज्जवल दिन लाएगी. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि टीएमसी गोवा और गोवा के लोगों को नहीं समझ पायी है.’ इस दौरान उन्होंने TMC के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर भी जमकर निशाना साधा.
तृणमूल छोड़ने वाले सदस्यों ने अपने त्याग पत्र में प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाले I-PAC का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘जिस कंपनी को आप सभी ने गोवा में अपने अभियान के लिए काम पर रखा है, वह गोवा के लोगों को बेवकूफ बना रही है. वे गोवा के लोगों की नब्ज नहीं समझ पाए हैं. हमने पाया है कि पश्चिम बंगाल में शुरू की गई लक्ष्मी भंडार योजना के तहत, केवल 500 रुपये दिए जाते हैं, जबकि यहां वे गृह लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को 5,000 रुपये देने का वादा कर रहे हैं, जो लगभग असंभव है. योजना का वादा पूरी तरह से गोवा से आंकड़े एकत्र करने के लिए है. यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि गोवा गृह लक्ष्मी योजना में आप सभी ने जिस कंपनी को काम पर रखा है, उसके लिए यह चुनाव के लिए डेटा का एक संग्रह है, क्योंकि उनके पास जमीन पर कोई डेटा नहीं है.’
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साथ ही उन्होंने अपने त्यागपत्र में ये भी लिखा कि, ‘जब टीएमसी सरकार पश्चिम बंगाल में महिलाओं के उत्थान में विफल रही है, तो हमें नहीं लगता कि वह प्रदेश की हमारी माताओं और बहनों के लिए कोई अच्छा काम करेगी.’ यही नहीं इन नेताओं ने TMC पर गोवा को धर्म के आधार पर विभाजित करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि, ‘तृणमूल ने एमजीपी के सुदिंडा धवलीकर के साथ गठजोड़ करके गोवा को धर्म के आधार पर विभाजित करने की कोशिश की है. हम एआईटीसी और एआईटीसी गोवा का प्रबंधन करने वाली कंपनी को राज्य के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को तोड़ने की अनुमति नहीं देंगे और हम इसकी रक्षा करेंगे.’