पॉलिटॉक्स न्यूज़/मध्यप्रदेश. गृह मंत्रालय की तरफ से मजदूरों को घर वापसी के आदेश मिलने के बाद भारतीय रेलवे ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए राज्य सरकारों से किराया लेने की बात कही थी. इस संबंध में शुक्रवार को जारी एक आदेश में कहा गया था कि किराए में शयनयान श्रेणी के टिकट की कीमत, 30 रुपये का सुपरफास्ट शुल्क और प्रति यात्री भोजन तथा पानी के लिए 20 रुपये शामिल होंगे. जिसके बाद कई राज्य सरकार मजदूरों से ही रेल का किराया ले रही है. मध्यप्रदेश में भी नासिक से भोपाल आयी विशेष ट्रेन में यात्रियों से किराया वसूला भी गया.
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक के बाद एक 3 ट्वीट कर इस मुद्दे पर शिवराज सिंह सरकार पर हमला बोला है. कमलनाथ ने अपने ट्वीट में लिखा है,”कांग्रेस पार्टी पिछले एक माह से मांग कर रही थी कि देश भर के विभिन्न राज्यों में जो प्रवासी मज़दूर भाई, छात्र फंसे है उन्हें वापस अपने-अपने घर लाने के लिये विशेष ट्रेनें चलायी जाए, केन्द्र सरकार ने एक माह बाद निर्णय लिया कि विशेष ट्रेनें चलायी जायेगी, निर्णय स्वागत योग्य है.”
कांग्रेस पार्टी पिछले एक माह से माँग कर रही थी कि देश भर के विभिन्न राज्यों में जो प्रवासी मज़दूर भाई , छात्र फँसे है उन्हें वापस अपने-अपने घर लाने के लिये विशेष ट्रेनें चलायी जावे।
केन्द्र सरकार ने एक माह बाद निर्णय लिया कि विशेष ट्रेनें चलायी जायेगी,निर्णय स्वागत योग्य है।
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अपने दूसरे ट्वीट में कमलनाथ ने कहा कि इसके लिये यह तय हुआ कि मज़दूरों से किराये की राशि नहीं ली जायेगी, इसका वहन राज्य सरकारे करेगी, लेकिन जिस प्रकार से तस्वीरें सामने आयी कि नासिक से भोपाल आयी विशेष ट्रेन में यात्रियों से किराया वसूला गया, वो बेहद आपत्तिजनक है.
इसके लिये यह तय हुआ कि मज़दूरों से किराये की राशि नहीं ली जायेगी , इसका वहन राज्य सरकारे करेगी।
लेकिन जिस प्रकार से तस्वीरें सामने आयी कि नासिक से भोपाल आयी विशेष ट्रेन में यात्रियों से किराया वसूला गया , वो बेहद आपत्तिजनक है।
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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, “कोरोना महामारी के लॉकडाउन के चलते मज़दूर का पहले ही रोज़गार छीन चुका है, उसके पास खाने को राशन तक नहीं है, ऐसे संकट के दौर में उससे घर वापसी का किराया वसूला जाना बेहद शर्मनाक है. सरकार इस मामले में संज्ञान लेकर तत्काल किराया वसूली पर रोक लगाये, प्रदेश के वापस घर आ रहे मज़दूर भाइयों के किराये की राशि का खर्च सरकार ख़ुद वहन करे”
कोरोना महामारी के लॉकडाउन के चलते मज़दूर का पहले ही रोज़गार छीन चुका है , उसके पास खाने को राशन तक नहीं है , ऐसे संकट के दौर में उससे घर वापसी का किराया वसूला जाना बेहद शर्मनाक है।
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इससे पहले रविवार को एक ऑनलाइन प्रेसवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या कम दिखाने के लिए प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान वाली भाजपा सरकार कोरोना की कम जांचें करवा रही है. कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में कोरोना के रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास पर्याप्त नहीं हैं.
कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान पर कोरोना प्रसार को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘कौन से कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस की जांच हो रही है? जांच कम की जा रही है, ताकि संक्रमित व्यक्ति कम मिलें. कोरोना जांच को दबाया जा रहा है. केवल (बड़े शहरों) भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं बड़े-बड़े शहरों और गिने चुने जिलों के मुख्यालयों में जो भी बीमार हो गया उसकी जांच कराई जा रही है. कौन सी व्यवस्थित जांच सभी जिलों में हो रही है?’
प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व सीएम ने कहा आज कस्बों एवं गांवों के लोगों की कोरोना की जांच का प्रश्न है. 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले कमलनाथ ने दावा किया कि यदि उनकी सरकार होती तो कोरोना से बेहतर तरीके से निपटा जाता, जिले-जिले जांच किट भेजी जाती. कमलनाथ ने कहा कि आज जो मजदूर संक्रमण लेकर गांव-गांव में जा रहे हैं, उनका क्या होगा? कमलनाथ ने कहा, ‘आज शिवराज चिल्ला-चिल्ला कर कहते हैं कि हमने (पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार) क्या किया? मेरी तत्कालीन सरकार ने 28 जनवरी को कोरोना की तैयारी शुरू की थी. शिवराज सिंह चौहान तब इस तैयारी के लिए मजाक उड़ाते थे.’
पूर्व सीएम कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जब कोरोना महामारी घोषित नहीं हुई थी, तब शिवराज कोरोना का मजाक उड़ाया करते थे और मेरी सरकार को गिराने में लगे थे.’ कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था चौपट होने और नौजवानों की बेरोजगारी की चुनौती का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने राज्य सरकार से प्रदेश के सभी लोगों की तीन महीने का बिजली-पानी का बिल माफ करने, नगर निगम एवं अन्य प्रकार के कर, छोटे व्यापारियों का एक करोड़ रूपये तक का कर्ज माफ करने की मांग की है.
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आगे कमलनाथ ने कहा, ‘मैंने अखबारों में पढ़ा है कि मध्य प्रदेश में राशन की दुकानों में राशन नहीं है और चार मई से शराब की दुकानें खुलने वाली हैं. राशन की दुकानें नहीं चल पाएंगी और शराब की दुकानें चल पाएंगी, इसकी मुझे बड़ी चिंता है.’