‘भय बिन होए न प्रीत’, कोरोना की दूसरी डोज लगवाना अनिवार्य! सख्ती करनी पड़े तो करें- सीएम गहलोत

मास्क की तरह ही कोरोना की दूसरी डोज पर अनिवार्य रूप से लगाने का प्रावधान करने की जरूरत, वैक्सीन नही लगवाने का निर्णय उस एक व्यक्ति का हक नही, अगर वह व्यक्ति संक्रमित होता है तो समाज पर उसका व्यापक असर पड़ता है और अन्य लोगों में संक्रमण फैलता है, बूस्टर डोज के लिए केंद्र पर बनाना पड़ेगा दबाव- सीएम गहलोत

ashok gehlot cm rajasthan 16139889631
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Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे कोरोना (Corona) के मामलों को लेकर चिंतित गहलोत सरकार ने जल्द ही पूरे प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति के लिए कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज अनिवार्य रूप से लगवाने का प्रावधान लागू करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमने बूस्टर डोज के लिए केन्द्र सरकार को भी कहा गया है, लेकिन अभी केन्द्र का इसे लेकर कोई विचार नहीं है. उन्होंने साफ कर दिया है कि जब दूसरी डोज लगेगी तभी तो बूस्टर डोज भी लग पाएगी. इसलिए सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी डोज पर अनिवार्य रूप से लगाने का प्रावधान करने की जरूरत है.

शनिवार को सीएम आवास पर कोरोना को लेकर हुई बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को दूसरी डोज पर काम करने को कहा है. सीएम गहलोत ने कहा कि वैक्सीन लगवाने में किसी व्यक्ति की मनमर्जी नहीं चलेगी क्योंकि यह दूसरे लोगों की जिंदगी से भी जुड़ा सवाल है. सीएम गहलोत ने कहा कि इस वैरिएंट्स का मिजाज समझ में नहीं आ रहा है. लेकिन दोनों डोज लगवाने वाले लोगों की मौत की संख्या कम है. अमेरिका जैसे देशों में इसे लेकर सख्ती हो रही है. सीएम गहलोत ने कहा कि लापरवाही करने वालों को दुनिया भर में नौकरी से निकाला जा रहा है. सीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि वैक्सीन को लेकर घर-घर दस्तक अभियान को आगे बढाएं, इसको लेकर सख्ती करनी पड़े तो करनी पड़ेगी.

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भय बिन होए न प्रीत: सीएम गहलोत ने कहा कि भय बिना प्रीति नहीं होती है. वैक्सीन नही लगवाने का निर्णय उस एक व्यक्ति का हक नही है. अगर वह व्यक्ति संक्रमित होता है तो समाज पर उसका व्यापक असर पड़ता है. लोगों में संक्रमण फैलता है. ऐसे में हर व्यक्ति को वैक्सीन की दोनों डोज लगाना जरूरी है. सरकार का कर्तव्य है कि वह दूसरी डोज के लिए लोगों को प्रेरित करे और तैयारी रखे.

केंद्र की बिना अनुमति नहीं लगा सकते कोरोना की बूस्टर डोज
बैठक में इस बात को लेकर सुझाव आया कि राजस्थान सरकार के पास वैक्सिंग की डोज उपलब्ध है तो उन्हें फ्रंटलाइन लाइन वर्क्स को बूस्टर डोज लगानी शुरू कर देनी चाहिए. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही काम करना पड़ता है. वैक्सीन का पूरा काम भारत सरकार ही देख रही है. बिना अनुमति के तीसरी डोज नहीं लगा सकते.

बूस्टर डोज के लिए केंद्र बनाना पड़ेगा दबाव
बैठक में अधिकारियों और चिकित्सा विशेषज्ञों ने स्थितियों और तैयारियों को लेकर प्रजेंटेशन दिया. खास तौर से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर की सख्ती से पालना पर जोर दिया गया. विशेषज्ञों ने कोरोना के ओमीक्रोन वैरिएंट को लेकर चिंता जाहिर की और यात्रा करने वालों की गहनता से मॉनिटरिंग पर जोर दिया. बैठक में मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार पर भी हमला बोला. सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार का कर्तव्य है कि वह बूस्टर डोज की तैयारी रखे. लेकिन केन्द्र अभी से वैक्सीन के एक्सपोर्ट की तैयारी में लगी है. ये दो डोज ही नहीं लगवा पा रहे हैं तो बूस्टर डोज कैसे लगा पाएंगे ? सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि हमें केन्द्र पर लगातार दबाव बनाते रहना पड़ेगा. सीएम गहलोत ने कहा कि फ्री वैक्सीन का निर्णय भी केन्द्र को दबाव के बाद ही करना पड़ा था.

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डेंगू-ब्लैक फंगस पर भी चिंता
बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश में जारी डेंगू और ब्लैक फंगस को लेकर भी चिंता जाहिर की. सीएम गहलोत ने डेंगू और ब्लैक फंगस पर अधिकारियों और चिकित्सा विशेषज्ञों से विस्तार से जानकारी ली. इस दौरान सीएम गहलोत ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि प्रभावित परिवारों को सरकार द्वारा घोषित पैकेज का पूरा लाभ मिलना चाहिए. उन्होंने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के निदेशक को निर्देश दिए कि कोरोना के चलते जिन वाजिब पत्रकारों की मृत्यु हुई है उन्हें भी पैकेज का लाभ सुनिश्चित करें. क्योंकि हर पत्रकार का अधिस्वीकरण नहीं होता है. गहलोत ने यह भी कहा कि अधिकारी स्वच्छता को लेकर भी समुचित प्लानिंग करें.

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