पॉलिटॉक्स न्यूज/राजस्थान. बीजेपी के राजस्थान अध्यक्ष सतीश पूनियां ने एक बार फिर गहलोत सरकार और बाड़ाबंदी पर निशाना साधा है. भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से प्रेस वार्ता करते हुए सतीश पूनियां ने जैसलमेर के होटल में ठहरे कांग्रेस विधायकों द्वारा संगीत कार्यक्रम का आनन्द लेने वाले वीडियो पर कहा कि कांग्रेस सरकार की हकीकत जनता पहले ही जान चुकी है. प्रदेश की जनता कोरोना से पीड़ित है, प्रदेश में अपराध बढ़ रहे हैं और सरकार बाड़े में बंद होकर संगीत का आनन्द लेने में मस्त व्यस्त है.
इससे पहले सतीश पूनियां ने जैसलमेर के सूर्यागढ़ रिजॉर्ट में विधायकों की मौज मस्ती के लिए संगीत कार्यक्रम को लेकर टवीटर पर भी निशाना साधा. इस वायरल वीडियो में विधायकों के मनोरंजन के लिए राजस्थानी गायकों की मंडली को बुलाया गया है जो एक हॉल में गा बजा रहे हैं और विधायक मजे ले रहे हैं. इस पर टवीट करते हुए पूनियां ने लिखा, ‘बेवफा तेरा यूं मुस्कुराना.. भूल जाने के काबिल नहीं हैं.’
दाद देता हूं इन मांगणयार गायकों की दिलेरी का,इन्होंने राजस्थान की जनता का संदेश पांच सितारा होटल में बैठी सरकार तक पहुंचाया।
"बेवफा तेरा यूँ मुस्कुराना,
भूल जाने के काबिल नहीं हैं।"
बेवफा=कोरोना की कठिन घड़ी में जनता को भूल कर होटल में बैठी सरकार#बाड़े_में_सरकार@BJP4Rajasthan pic.twitter.com/fbfTl5TFK9— Satish Poonia (@DrSatishPoonia) August 7, 2020
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वहीं पत्रकारों के समक्ष पूनियां ने सरकार को फेल बताते हुए कहा कि बाड़े में रहकर भी सरकार कह रही है कि हम बाड़े में नहीं हैं. कांग्रेस सरकार के विधायक होटल के बाड़े में संगीत का आनन्द लेकर राजस्थान की जनता को चिड़ा रहे हैं. इससे यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री एवं राज्य सरकार को प्रदेश की जनता की कोई फिक्र नहीं है.
वहीं फोन टैपिंग को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में डाॅ. पूनियां ने कहा कि सरकार फोन टेप करती है, यह पिछले कई प्रकरणों से जगजाहिर हो चुका है. फोन टैपिंग की एक प्रक्रिया होती है, जिसको सरकार ने नहीं अपनाया बल्कि गैरकानूनी तरीके से काम कर रही है. पूनियां ने अपने पिछले बयान को दोहराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बात तो लोकतंत्र और नैतिकता की करते हैं लेकिन जिन विधायकों का मुख्यमंत्री को समर्थन चाहिए, उन पर भी उनको विश्वास नहीं है.
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पूनियां ने आरोप जड़ते हुए कहा कि विधायकों को मुख्यमंत्री गहलोत ने बाड़े में कैद कर रखा है और उनको एक-दूसरे के कमरे में जाने की भी इजाजत नहीं है. इससे स्पष्ट है कि सरकार भयभीत है, डरी हुई है. विधायकों पर इस तरीके के अविश्वास के कारण पूरे प्रदेश में अस्थिरता और अराजकता की स्थिति बनी हुई है, जो बहुत ही चिंताजनक है. ऐसी सरकार राजस्थान की जनता का क्या भला करेगी तो खुद डरी हुई है. डरी हुई और कमजोर सरकार कब तक बचेगी?