बेनीवाल की मोदी सरकार से अपील: अपना राज हठ छोड़कर किसानों की पीड़ा को समझें, बिलों को वापस लें

आंदोलन में दिवगंत हुए सभी किसानों को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की तरफ से बेनीवाल ने श्रद्धांजलि अर्पित की, यह दुःखद है की 3 सप्ताह से अधिक समय हो गया और कड़कड़ाती ठंड व कोरोना महामारी के मध्य अन्नदाता सड़को पर बैठा है- हनुमान बेनीवाल

हनुमान बेनीवाल की मोदी सरकार से अपील
हनुमान बेनीवाल की मोदी सरकार से अपील

Politalks.News/Rajasthan/Farmers Protest. केन्द्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ 40 से ज्यादा संगठनों के हजारों किसान 22 दिनों से दिल्ली बोर्डर्स पर आंदोलनरत हैं. किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने पर अड़े हुए हैं, वहीं सरकार ने कानूनों को वापस लेने से साफ इनकार कर दिया है. इसी बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने केन्द्र सरकार से अपील की है कि अपना राज हठ छोड़कर किसानों की पीड़ा को समझते हुए केंद्र द्वारा लाये गए तीनों कृषि बिलों को वापस लें.

सांसद हनुमान बेनीवाल ने एक के बाद एक ट्वीट्स करते हुए कहा कि देश मे चाहे कोई भी संकट आया हो या हाल ही के कोरोना के संकट काल की बात करे, देश के अन्नदाता ने विपरीत हालात में भी जनता का पेट भरा, परन्तु यह दुःखद है की 3 सप्ताह से अधिक समय हो गया और कड़कड़ाती ठंड व कोरोना महामारी के मध्य अन्नदाता सड़को पर बैठा है.

अपने दूसरे ट्वीट में सांसद बेनीवाल ने कहा कि मैं केंद्र सरकार का पुनः किसान आंदोलन की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए यह मांग करता हुँ कि वो अपना राज हठ छोड़कर किसानों की पीड़ा को समझते हुए केंद्र द्वारा लाये गए 3 कृषि बिलो के कारण किसानों को आंदोलन करना पड़ रहा है ,आंदोलित किसानों से सकारात्मक वार्ता करे.

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वहीं एक अन्य ट्वीट में सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि देश के अन्नदाता के हित मे उक्त 3 बिलों को वापिस लेने की जरूरत है, इस किसान आंदोलन में सिंघू नाके पर कल संत राम सिंह जी सिंगड़े वाले ने किसानों की व्यथा को देखते हुए आत्महत्या कर ली और एक दर्जन आंदोलनकारी किसान सर्दी व अन्य कारणों से अपनी जान गंवा चुके है. इन सब हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार को तत्काल कृषि बिलो को वापिस लेने की जरूरत है. उक्त आंदोलन में दिवगंत हुए सभी किसानों को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की तरफ से मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हुँ.

बता दें, कृषि कानूनों को लेकर गुरुवार को बीजेपी मुख्यालय में बैठक हुई. इसमें पार्टी के महासचिवों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहे. वहीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई हुई. अदालत में किसी किसान संगठन के ना होने के कारण कमेटी पर फैसला नहीं हो पाया. दूसरी ओर कड़ाके की हाड़ कंपा देने वाली ठंड में किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है, किसान कानून वापसी की मांगों पर अड़े हैं.

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