रालोपा विधायकों के कांग्रेस को समर्थन की खबरों पर बोले हनुमान बेनीवाल- रालोपा, रालोपा है बसपा नहीं

इस प्रकार बाड़ेबंदी करना चुने हुए विधायकों का है अपमान, जाहिर है उन्हें खुद की पार्टी के विधायकों पर ही नहीं है भरोसा, रालोपा का प्रत्येक निर्णय जनता के सम्मान से जुड़ा हुआ है, पार्टी अपने विधायकों के सम्बंध में गहलोत प्रायोजित सभी संभावनाओं का खंडन करती है- हनुमान बेनीवाल

A5 4759127 835x547 M(11)
A5 4759127 835x547 M(11)

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में आगामी 19 जून को तीन सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव होने हैं, जिसको लेकर प्रदेश में जबरदस्त सियासत का दौर जारी है. बुधवार को जहां विधायकों को लालच दिए जाने की शिकायतों के बाद कांग्रेस व निर्दलिय विधायकों की सीएम गहलोत की अध्यक्षता में देर रात तक बैठक हुई. वहीं सीएम गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बीजेेपी पर विधायकों को 25 करोड रूपये का लालच देने का आरोप लगाया. इससे पहले मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसीबी में शिकायत कर विधायकों को लालच देने वाले लोगों पर कठोर कार्यवाही की मांग की. शुक्रवार सुबह राजनीतिक गलियारों में रालोपा के दो विधायकों के कांग्रेस को समर्थन देने की खबरें आने लगीं. शाम होते होते रालोपा विधायकों के समर्थन की खबर को रालोपा मुखिया व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने निराधार बताया.

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के दो विधायकों के कांग्रेस को समर्थन देने की खबर सुर्खियों में आने के बाद रालोपा मुखिया व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से सीएम गहलोत पर जमकर निशाना साधा. सांसद बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री जी जब खुद अपनी पार्टी के विधायक नही संभाल पा रहे है ऐसे में वो दुसरी पार्टी में सैन्ध कैसे करेंगे ? गहलोत जी खुद कोरोना के संक्रमण के बावजूद मेडिकल प्रोटोकॉल की अवेहलना करके एक होटल मे खुद की पार्टी के विधायकों की बाडाबंदी करवाकर बैठे हैं, ऐसे में जाहिर है उन्हें खुद की पार्टी के विधायकों पर ही भरोसा नहीं है.

कांग्रेस व निर्दलिय विधायकों को होटल शिव विलास में रोके जाने को लेकर सांसद बेनीवाल ने कहा कि इस प्रकार बाड़ेबंदी करना चुने हुए विधायकों का अपमान है जबकि आरएलपी के तीनों विधायक अपने-अपने क्षेत्र में जनता के मध्य है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने जमीनी संघर्ष करके अपनी पहचान बनाई है, ऐसे में सीएम गहलोत वहम में नहीं रहे क्योंकि रालोपा, रालोपा है, बसपा नहीं.

यह भी पढ़ें: लोकतंत्र का मुखौटा पहन राजनीति कर रही बीजेपी ने विधायकों को दिया 25-25 करोड का ऑफर- सीएम गहलोत

रालोपा के विधायकों के कांग्रेस को सर्मथन देने की खबर मीडिया संस्थानों में प्रकाशित होने को लेकर सांसद बेनीवाल ने कहा कि मेरी लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ से जुड़े मित्रों से अपील है कि किसी मामले को बिना अधिकृत पुष्टि के प्रसारित नहीं करे. कुछ लोग जो नैतिकता को परे रखकर अपनी मीडिया की जिम्मेदारी के स्थान पर दल विशेष के प्रवक्ता का जिम्मा ज्यादा संभाल रहे है, उनसे मेरा अनुरोध है की मीडिया की मजबूती से ही लोकतंत्र मजबूत होगा. ऐसे में मीडिया को मजबूत करने का कार्य करे. सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि रालोपा का प्रत्येक निर्णय जनता के सम्मान से जुड़ा हुआ है. रालोपा राज्यसभा चुनाव को लेकर पार्टी के विधायकों के सम्बंध में गहलोत प्रायोजित सभी संभावनाओं का खंडन करती है.

Google search engine