पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पिछले एक महीने से जारी लॉक डाउन के कारण विभिन्न राज्यों में प्रवासी राजस्थानी लोग फंसे हुए है. प्रवासियों की घर वापसी के लिए नागौर सांसद व रालोपा मुखिया हनुमान बेनीवाल द्वारा गहलोत सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए हैश टैग प्रवासी राजस्थानियों को वापस लाओ डिजिटल अभियान चलाया. इससे पहले भी प्रवासियों की वापसी के लिए सांसद बेनीवाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गृह मंत्री अमित शाह से मांग कर चुके है.
सांसद हनुमान बेनीवाल ने आरोप लगाया कि प्रवासी राजस्थानियों की वापसी के लिए विगत दिनों केंद्र सरकार से हमने मांग की, गृह मंत्रालय के अफसरो से संपर्क किया, यही नहीं राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव से बात की और प्रवासी राजस्थानियों को मेडिकल प्रोटोकॉल की पालना करवाते हुए राजस्थान लाने की मांग की. बेनीवाल ने बताया कि मार्च माह के अंत मे राज्य सरकार ने समस्त एसडीएम के माध्यम से प्रवासियों की सूचना संकलित की और शनिवार को पुनः सूचना मांगकर केवल यह साबित किया कि या तो अधिकारी सरकार के नियंत्रण में नही है या फिर सरकार केवल कागजी टाईम पास कर रही है.
सांसद बेनीवाल ने कहा कि प्रत्येक विषय को राज्य के मुख्यमंत्री केंद्र पर डाल देते हैं इससे उनकी खुद की मंशा पर भी सवाल खड़ा होता है, अब कह रहे है सभी को प्रदेश में ले आएंगे. अगर ले आएंगे तो सीएम साहब राजनैतिक मतभेदों को भुलाकर राज्य वार लाने के आदेश निकालें, क्योंकि अप्रेल के पहले हफ्ते तक सरकार के पास पटवारी / ग्राम सेवको ने मेहनत कर डाटा भेज दिये थे.बेनीवाल ने कहा कि कल कोंग्रेस के कई नेता कह रहे थे लॉकडाउन सही नही है, वो यह क्यो भूल जाते है कि लॉकडाउन राज्य व देश के आम अवाम के स्वास्थ्य के लिए किया गया है, यह कोई राजनैतिक विषय नही है, फिर भी कोंग्रेस का कोई विधायक सेनेटाइजर छिड़काव के नाम पर लॉकडाउन तोड़ता नजर आया तो किसी विधायक ने जरूरतमंद को यह कहकर राशन देने से मना कर दिया क्योंकि उसने मोदी जी का नाम ले लिया.
बेनीवाल ने आगे कहा कि केन्द्र हर संभव प्रयास कर रही है महामारी से बचाव के लिये ऐसे में पक्ष-विपक्ष का सम्मिलित दायित्व बनता है प्रवासी प्रदेश वासियों के लि. आपकी सरकार ने कुछ समय पूर्व प्रवासी प्रदेश वासियों के लिए जिन IAS अफसरों के नम्बरो की सूची सार्वजनिक की उन्होंने नम्बर स्वीच ऑफ कर लिए तो कई अफसरों ने फोन उठाने बंद कर दिये. इसलिए प्रबल इच्छा शक्ति से राज्य सरकारों से बात करके प्रवासी प्रदेश वासियों को राजस्थान लाया जाए.
सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि यह वक्त राजनीति से ऊपर उठकर जरूरतमंदों की मदद करने का है. ऐसे में प्रवासी राजस्थानी जिस मानसिक अवसाद से गुजर रहे हैं उसको ध्यान में रखते हुए उन्हें राजस्थान लाना अत्यंत आवश्यक है. प्रवासी राजस्थानी यहां आकर होम आइसोलेशन में रहने के लिए भी तैयार हैं.
सांसद बेनीवाल ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय को भी अवगत कराया है वहीं राजस्थान के मुख्य सचिव से भी इस संबंध में बात की है. वहीं आज चलाए डिजिटल अभियान में सांसद हनुमान बेनीवाल ने तथा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रवासी राजस्थानियों की वापसी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ट्वीट करके मांग की. प्रवासी राजस्थानियों को वापस लाने की मांग को लेकर ट्विटर पर चलाए गए डिजिटल अभियान ने राजस्थान सहित देश के प्रमुख मुद्दों में जगह बनाई.
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सांसद हनुमान बेनीवाल ने डिजिटल अभियान के तहत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ट्वीट कर राजस्थान के सीमावर्ती जिलों सहित विभिन्न जिलों में क्वारेन्टाईन किए गए प्रवासी राजस्थानी मजदूरों व अन्य लोगों को उनके घर तक छोड़ने की मांग की. सांसद बेनीवाल ने कहा कि इस मांग को बार-बार दोहराने के बावजूद राज्य सरकार के जिम्मेदारों ने कई स्थानों पर तो क्वारेन्टाईन अवधि को पूर्ण कर चुके लोगों को पैदल जाने पर मजबूर कर दिया, वहीं कई स्थानों पर अभी तक क्वारेन्टाईन कर रखा है. जबकि वो 20 दिन से अधिक समय अवधी वहां पूरी कर चुके है. बेनीवाल ने आगे कहा कि यह मामला तो सम्पूर्ण रूप से राज्य सरकार का है उसके बावजूद इसमें लापरवाही की गई.
मुख्यमंत्री @ashokgehlot51 जी को यह पूछना चाहूंगा और मांग भी करूँगा कि राजस्थान के विभिन्न जिलों में तथा सीमावर्ती जिलों में प्रवासियों को क्वॉरेंटाइन कर रखा था उन्होंने उस अवधि को पूर्ण कर लिया तथा स्वस्थ है …
2/1@RajCMO— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) April 26, 2020