Politalks.News/WestBengal. पश्चिम बंगाल के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य में सियासी सरगर्मियां भी बढ़ रही हैं. प्रदेश के सिलीगुड़ी में में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ सोमवार को एक रैली के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस में भारी झड़प हो गई. इस पर बीजेपी ने दावा किया है कि इस झड़प में पार्टी के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई. इस खबर के बाद अब प्रदेश की सियासत गरमा गई है. जिसके चलते ममता सरकार के खिलाफ अब बीजेपी ने आज को नॉर्थ बंगाल में 12 घंटे के बंद का एलान किया है.
दरअसल, सोमवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ता सिलीगुड़ी शहर स्थित राज्य के अस्थायी उत्तर बंगाल सचिवालय उत्तर कन्या तक एक रैली कर रहे थे. बता दें, यूथ बीजेपी के कार्यकर्ता ममता सरकार के कथित कुशासन और बेरोजगारी जैसे मामलों पर उपेक्षा के खिलाफ यह मार्च निकाल रहे थे. यहां आपको बता दें, सिलीगुड़ी के फूलबाड़ी जंक्शन पर में एक मार्च का नेतृत्व पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रेसिडेंट सांसद दिलीप घोष और सयंतन बसु कर रहे थे, तो वहीं दूसरे मार्च की अगुआई भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और पार्टी नेता मुकुल रॉय कर रहे थे.
धारा 144 के बावजूद मोर्चा निकालने पर हुई पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प
दरअसल, बीजेपी के मार्च को देखते हुए पुलिस ने क्षेत्र में धारा 144 लागू करने की घोषणा कर दी थी. लेकिन भाजपा नेताओं ने इसे अनुसना कर दिया. इस पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए रास्तों पर बैरिकेड्स लगा दिए. भाजयुमो कार्यकर्ता दोपहर करीब 2 बजे सिलीगुड़ी के तीन लेन चौराहे पर पहुंचे और मोर्चाबंदी करने की कोशिश की. बैरिकेड्स को हटाना शुरू कर दिया. इस पर पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की. कामयाब न होने पर वॉटर कैनन और आंसू गैस का भी इस्तेमाल करना पड़ा. स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए भारी पुलिस बल को बुलाया गया. इस झड़प में भाजपा कार्यकर्ता और पुलिस के जवानों के अलावा कई पत्रकार भी घायल हो गए.
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बीजेपी का दावा कि एक कार्यकर्ता मारा गया
इसी बीच बीजेपी ने दावा किया है कि झड़प में उसके कार्यकर्ता सिर्फ घायल ही नहीं हुए हैं, बल्कि एक कार्यकर्ता की मौत भी हुई है. बंगाल बीजेपी के प्रेसिडेंट दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि कार्यकर्ता की मौत पुलिस की गोली से हुई है. बंगाल बीजेपी ने अपने ट्वीटर हैंडल से वीडियो भी ट्वीट किया है. इसमें लिखा है. बाद में, बीजेपी नेताओं ने पुलिस ज्यादती का आरोप लगाते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ज्ञापन भी सौंपा.
पुलिस का क्या कहना है?
वेस्ट बंगाल की पुलिस ने आरोप लगाया कि रैली के दौरान काफी हिंसा की गई थी. आगजनी, तोड़फोड़, पथराव भी किया गया. लेकिन पुलिस ने काफी धैर्य से काम लिया था. किसी भी तरह का लाठीचार्ज नहीं किया गया. पुलिस का कहना है कि हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए उसने सिर्फ वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोले दागे. पुलिस ने माना कि एक शख्स की मौत हुई है, लेकिन कहा कि मौत के कारण की जानकारी नहीं है. पोस्टमार्टम के बाद ही इसका पता चलेगा.
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राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है- राष्ट्रपति शासन की मांग: विजयवर्गीय
बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया कि राज्य में “कानून व्यवस्था चरमरा गई है और बीजेपी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.” विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि, ‘पश्चिम बंगाल में पुलिस का अपराधीकरण हो गया है. शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर जिस तरह से हमला किया गया है, वह दिखाता है कि राज्य के तंत्र का पूरी तरह से राजनीतिकरण हो गया है.’ वहीं तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पत्थर फेंके और “तृणमूल कांग्रेस के गुंडे” उनके साथ मिल गए और उन्होंने देसी बम फेंके. सूर्या ने कहा, ‘यह तानाशाही जारी नहीं रह सकती है. इस अलोकतांत्रिक, अत्याचारी सरकार को बेदखल करने के लिए हम सभी लोकतांत्रिक ताकतों से साथ आने का आह्वान करते हैं.’