Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने अगले महीने अक्टूबर में शुरू होने जा रहे ‘प्रशासन शहरों के संग‘ अभियान से पहले ही जनता को बड़ी राहत देते हुए मकानों के बकाया पर ब्याज व जुर्माना में शत-प्रतिशत छूट के साथ ही भू-रूपांतरण, उप विभाजन जैसे कार्यों पर ब्याज दर में कटौती का तोहफा दे दिया है. इसके साथ ही पुनर्ग्रहण शुल्क लेकर 31 मार्च 2022 तक निर्माण अवधि को बढ़ाने का भी आदेश दिया गया है. इस तरह गहलोत सरकार ने करीब 2.75 लाख ऐसे भूखण्डधारियों को बड़ी राहत दी है जिनकी कॉलोनियों के नियमन कैंप तो लग गए, लेकिन उन्होंने अब तक अपने भूखण्डों या मकानों का पट्टा नहीं लिया है. ऐसे प्रकरण में जब से नियमन कैंप लगा है, तब से अब तक का 15% की दर से ब्याज वसूला जाता है, जो अब नहीं लगेगा. नगरीय विकास विभाग ने गुरुवार को एक आदेश जारी करते हुए यह छूट देने की घोषणा की है, जिसका लाभ मार्च 2022 तक मिलेगा.
गहलोत सरकार की ओर से जारी आदेशों के तहत आवासन मंडल, विकास प्राधिकरण और न्यास की ओर से आवंटित ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी ए के मकानों की बकाया किश्त और बकाया राशि एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज व जुर्माना में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी. यह छूट 31 मार्च, 2022 तक लागू होगी. इस 15 सितबंर से यह छूट मिलना शुरू होगी. पहले छूट की अवधि 31 जुलाई को खत्म हो गई थी. इसी तरह भू-रूपांतरण, भूखंड आवंटन, उपविभाजन व पुनर्गठन, भवन विनियम और टाउनशिप नीति से संबंधित प्रक्रियाओं में ब्याज को घटाया गया है. अब तक 15 या 12 प्रतिशत ब्याज लगता था, जिसे घटाकर नौ प्रतिशत कर दिया गया है. प्रशासन शहरों के संग अभियान के चलते यह कमी गई है.
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यहां आपको बता दें, यह लाभ केवल 17 जून 1999 से पहले बसी कॉलोनी वालों को मिलेगा. इसके बाद बसी कॉलोनी के मामले में सरकार ने कोई राहत नहीं दी है. नगरीय विकास विभाग और जयपुर जेडीए के अधिकारियों की माने तो इन दोनों ही तरह की कैटेगरी के पूरे प्रदेशभर में लगभग 2.75 लाख लोग हैं. जयपुर जेडीए रीजन में ही इस तरह के 41600 से ज्यादा भूखण्डधारी हैं.
उदाहरण के तौर पर कोई कॉलोनी 17 जून 1999 से पहले की बसी है और उनका नियमन कैंप जनवरी 2001 में लग गया है. माना कि उस कॉलोनी में 100 भूखण्ड हैं और उनमें से 90 भूखण्डधारियों ने उसी समय पट्टा ले लिया. शेष 10 भूखण्डधारियों ने अब तक पट्टा नहीं लिया. अब वे लोग अपने भूखण्डों का पट्टा लेना चाहते हैं तो उन्हे लगने वाली नियमन राशि पर जनवरी 2001 से अब तक का ब्याज 15 फीसदी की दर से देना पड़ता है. सरकार ने इसी ब्याज की राशि को माफ कर दिया है.
यूडीएच ने प्रशासन शहरों के संग अभियान को देखते हुए अभियान अवधि में पुनर्ग्रहण शुल्क में 60 प्रतिशत की राहत दी है. इस राहत के साथ यह शुल्क जमा करवाकर 31 मार्च, 2022 तक निर्माण अवधि को बढ़ाया जा सकेगा. विभाग की ओर से भूखंड पर तय अवधि में निर्माण नहीं करने पर यह शुल्क लगाया जाता है.भवन निर्माण अनुज्ञा अवधि में इसी अनुसार बढ़ोतरी मानी जाएगी. निर्माण अवधि बढ़ाने की यह छूट पहले इस 31 दिसंबर तक लागू थी. मंत्री शांति धारीवाल की मंजूरी के बाद यूडीएच ने यह आदेश जारी किए हैं.
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10 लाख पट्टे जारी होंगे अभियान में
सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने प्रदेश में 2 अक्टूबर से ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान शुरू करने का निर्णय किया है. नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने इस अभियान में पूरे प्रदेश में 10 लाख पट्टे जारी करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए पिछले दिनों संभागवार नगरीय विकास विभाग, यूआईटी और स्थानीय निकायों के अधिकारियों संग बैठक की थी और उनके यहां आ रही समस्याओं को जाना था.