धर्म और कट्टरता की सियासत के साये में पश्चिम बंगाल का गर्म होता चुनावी माहौल

अयोध्या में विवादित 'बाबरी' ढांचे के विध्वंस के 33 साल पूर्ण होने के अवसर पर विधायक हुमायूं कबीर रखने जा रहे हैं बाबरी की आधारशिला, पार्टी ने मामले से हाथ खींचे, हाईकोर्ट ने रोक से किया इनकार

babri masjid
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पश्चिम बंगाल में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले चुनावी माहौल तो गर्म है ही, धार्मिकता का चोला ओड़े कट्टरता की सियासत भी चरम पर है. इसकी वजह है बाबरी मस्जिद, जिसे लेकर पश्चिम बंगाल में कुछ बड़ा होने की आशंका पहले से ही जताई जा रही है. फिलहाल मामला प्रशासन की मुस्तैदी की वजह से शांत है. दरअसल, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिला स्थित बेलडांगा में तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर आज बाबरी मस्जिद की नींव रखने की तैयारी कर रहे हैं. उनके समर्थक सुबह से सिर पर ईंट लेकर निर्माण स्थल की तरफ निकलने लगे हैं.

चूंकि कोलकाता हाईकोर्ट ने मस्जिद निर्माण पर रोक लगाने से इनकार किया था. इस वजह से स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर है. अदालत के निर्देश के बाद तीन हजार से अधिक पुलिस जाब्ता यहां तैनात है. दरअसल 6 दिसंबर को अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस के 33 साल पूर्ण हो चुके हैं. इस याद को ताजा रखने के लिए विधायक हुमायूं कबीर ने इसे धार्मिकता का रंग देते हुए सियासत गढ़ी और मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में ‘बाबरी’ के नाम से ही ​मस्जिद की आधारशिला रखने का ऐलान किया. मामला बढ़ा तो पार्टी ने हुमायूं कबीर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया. हालांकि हुमायूं अपने कहे पर अटल हैं और कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं.

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हुमायूं के अनुसार, कार्यक्रम में सऊदी अरब से धार्मिक नेताओं केो बुलाया गया है, जबकि 400 से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गयी है. 25 बीघा में कार्यक्रम होना है, जिसके लिए 150 फीट लंबा और 80 फीट चौड़ा स्टेज तैयार किया गया है. कार्यक्रम में तीन लाख से अधिक लोगों के जुटने की उम्मीद जताई जा रही है. कार्यक्रम स्थल NH-12 के करीब है, इसलिए भी प्रशासन ज्यादा सतर्कता बरत रही है. दोपहर 12 बजे मस्जिद की शिलान्यास रखने का कार्यक्रम है.

इधर, सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने पूरे मामले से खुद को अलग किया हुआ है. पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कबीर की इस घोषणा से पार्टी का कोई संबंध नहीं है. वहीं एक पार्टी नेता का कहना है कि रेठनगर सीट से विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए हुमायूं कबीर ने यह विवाद खड़ा किया है. वर्तमान में हुमायूं मुर्शिदाबाद की भरतपुर सीट से विधायक हैं. इससे पहले कांग्रेस और बीजेपी के टिकट पर भी चुनाव लड़ चुके हैं.

इससे पहले अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी विवादित ढांचे ध्वस्त मामले में 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर से करीब 25 किमी दूर, अयोध्या में सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ की वैकल्पिक जमीन आवंटित की गई थी. हालांकि, अब तक इसका निर्माण शुरू नहीं हुआ है. इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) के अनुसार, प्रस्तावित जमीन पर मस्जिद और सामुदायिक सुविधाओं का निर्माण प्रस्ताव रखा गया था. हालांकि अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) की तरफ से मस्जिद के लेआउट प्लान को मंजूरी नहीं मिल पायी है.

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