लंबे समय से देश में चल रहे अयोध्या मामले में अब एक नई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद में निर्मोही अखाड़ा ने यह याचिका दाखिल की है. याचिका में केंद्र सरकार की अयोध्या में अधिग्रहीत की गई अतिरिक्त जमीन को वापस देने की अर्जी का विरोध किया है. अखाड़ा ने कहा है कि केंद्र के जमीन अधिग्रहण करने से अखाड़ा द्वारा संचालित कई मंदिर नष्ट हो गए. ऐसे में केंद्र को ये जमीन किसी को भी वापस करने के लिए नहीं दी जा सकती. राम जन्मभूमि न्यास को अयोध्या में बहुमत की जमीन नहीं दी जा सकती. सुप्रीम कोर्ट को पहले भूमि विवाद का फैसला करना चाहिए.
अखाड़ा ने ये याचिका केंद्र सरकार की जनवरी की याचिका पर दाखिल की है जिसमें सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वो विवादित भूमि के अलावा अधिग्रहीत की गई जमीन को वापस लौटाना चाहता है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की अर्जी पर सुनवाई नहीं की है. केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि 67 एकड़ का जमीन सरकार ने अधिग्रहण किया था, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था. सरकार चाहती है कि जमीन का बडा हिस्सा राम जन्भूमि न्यास को दिया जाए और सुप्रीम कोर्ट इसकी इज़ाजत दे.
गौरतलब है कि अयोध्या मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट विवादास्पद 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने का फैसला सुनाया था. इसके बाद सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के माध्यम से विवाद सुलझाने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया था.