अतुल राय 2019 के लोकसभा चुनाव का चर्चित चेहरा. चर्चित इसलिए क्योंकि जिस मोदी लहर में बड़े-बड़े सूरमा ध्वस्त हो गए, उस चुनाव में अतुल राय बिना प्रचार के घोसी लोकसभा सीट से चुनाव जीतने में कामयाब हुए. लेकिन अतुल को चुनाव जीतने के बाद जाना तो संसद था. लेकिन वो जेल पहुंच गए.

दरअसल चुनाव के दौरान अतुल राय पर बलिया की एक युवती ने दुष्कर्म, धोखाधड़ी, धमकी देने समेत कई धाराओं में केस दर्ज कराया था. युवती की तरफ से यह एफआईआर वाराणसी के लंका थाने में दर्ज कराई गई. रिपोर्ट के अनुसार अतुल राय पर युवती ने आरोप लगाया कि वो उसे लंका इलाके के एक अपार्टमेंट के एक फ्लैट में झांसा देकर ले गए और वहां उसका यौन शोषण किया. केस दर्ज होने के बाद ही अतुल चुनावी क्षेत्र से गायब हो गए थे.

बलात्कार का मुकदमा दर्ज होने के बाद से पुलिस अतुल की तलाश में लगातार दबिश दे रही थी. लेकिन अतुल को कुछ पता नहीं लग पा रहा था. आज बसपा सांसद ने अदालत के सामने सरेंडर कर दिया. उन्होंने वाराणसी जिला मजिस्ट्रेट की अदालत में जाकर आत्मसमर्पण किया है. वाराणसी कोर्ट ने आरोपी अतुल राय को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अब संसद नियमों के अनुसार अगर किसी सांसद पर आपराधिक मुकदमा दर्ज है तो पुलिस उसे बिना किसी अनुमति से गिरफ्तार तो कर सकती है लेकिन पुलिस को गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर इसकी सूचना लोकसभा अध्यक्ष को देनी होती है.

ऐसे में भले ही अतुल राय ने फरारी के चलते सांसद के तौर पर शपथ न ली हो लेकिन जीत के सर्टिफिकेट के साथ ही सांसद के तौर पर उनकी पारी शुरू हो चुकी है. अब उन्हें संसद सद्स्य होने के नाते विशेषाधिकार हासिल होगा.

अतुल को बसपा ने घोसी लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था. यहां उनका मुकाबला बीजेपी के हरिनारायण राजभर से था. उन्होंने चुनाव में बिना प्रचार किए बीजेपी के उम्मीदवार को लगभग सवा लाख मतों से मात दी है. चुनाव में आया यह नतीजा हर किसी के लिए चौकाने वाला रहा था.

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