राजस्थान विधानसभा में सोमवार को पक्ष विपक्ष के बीच नोकझोंक का सिलसिला हमेशा की तरह जारी रहा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वित्त एवं विनियोग विधेयक 2019 पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे. गहलोत ने अपने संबोधन में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और भाजपा पर जमकर कटाक्ष किए.
सीएम गहलोत ने कहा, एक समय था, राजस्थान में लगातार तीन चार अकाल पड़े थे. हम लोगों का शानदार वित्तीय प्रबंधन रहा. उस समय के अकाल सूखे का हमने मुकाबला किया. हम घबराए नहीं. आपके नेताओं द्वारा बदनामी की गई. भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री और नेता यहां नहीं हैं. पता नहीं आज वे भाजपा की नेता हैं भी या नहीं. उन्होंने कहा था, राजस्थान का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली की सड़कों पर कटोरा लेकर वाजपेयी सरकार से भीख मांग रहा है. मैंने कहा, वसुंधरा जी, मुझे गर्व होगा, राजस्थान की जनता की भूख मिटाने के लिए मैं भीख मांगूं, मुझे शर्म नहीं आएगी. … भूखे मेरेंगे, इतना भयंकर अकाल पड़ गया है. भूखे मरने की बात छोड़ो, मेरी सरकार रहते हुए एक आदमी को भूखा नहीं सोने दूंगा.
मुख्यमंत्री गहलोत ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ से बार-बार कहा, उस समय आप ही वसुंधरा के मुख्य सलाहकार थे. ऐसे शब्द आपने ही बताए होंगे, जब मुझे लापरवाह मुख्यमंत्री कहकर बजट भाषण में पिछली सरकार ने कोसा था. उन्होंने कटारिया से कहा, आपकी नेता को तो बुला लेते. भाजपा पर हमला करते हुए गहलोत ने कहा, मेरी सरकार को हर बार बदनाम किया कि अशोक गहलोत आते हैं तो अकाल पड़ते हैं. आपको फिर से बधाई. मानसून की बारिश इस बार अच्छी हुई है.
बता दें, सोमवार को बजट पर हुई बहस पर मुख्यमंत्री के जवाब से पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि ‘उप मुख्यमंत्री सदन में हैं नहीं. जब सीएम बोलते हैं तो डिप्टी सीएम नहीं रहते. जब वे होते हैं तो सीएम उपस्थित नहीं रहते. दुर्भाग्य है. ये है इनका डिसिप्लिन.’ कटारिया सोमवार दोपहर बाद 4.35 बजे संबोधित कर रहे थे. कटारिया के तंज कसते ही हंगामा शुरू हो गया. कांग्रेस विधायकों ने कहा, आपकी नेता को भी बुलाके देख लो. इसके एक मिनट बाद उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी सदन में पहुंच गए. पायलट के पहुंचते ही कांग्रेस विधायकों हंगामा शुरू कर दिया कि अब वसुंधरा को भी बुलाओ. उत्तेजित सदस्यों को सभापति ने नई परंपरा नहीं लाने की हिदायत देकर चुप कराया.
बहस में भाग लेते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों के 2600 करोड़ रुपए के बकाया बिलों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अडानी का पैसा चुकाने में तो सरकार ने फुर्ती दिखाई, लेकिन पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों ने आपका क्या बिगाड़ा है? कांग्रेस नेता अडानी का नाम भाजपा से जोड़ते थे. अब लोकसभा चुनाव के बाद वही अडानी आपको क्यों प्यारे लगने लगे? बजट में कहा कि जनता पर नया टैक्स नहीं लगाया, जबकि आपने तो जजिया कर लगाया है.
राठौड़ ने कहा, पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाने के बाद सरकार वित्त एवं विनियोग विधेयक में संशोधन लाई और डिपो पॉइंट की जगह यूजर पॉइंट पर वैट लागू कर दिया. आज उत्तर भारत में राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की कीमत सबसे ज्यादा है. सरकार ने बजट में प्राकृतिक गैस पर भी वैट 5.5 से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है. बिजली खरीद में वेरिएबल कास्ट पर लगने वाले फ्यूल चार्ज को भी कांग्रेस सरकार ने 18 पैसे से बढ़ाकर 55 पैसे प्रति यूनिट कर दिया है.