लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राजस्थान में बदलेगा सत्ता-संगठन का चेहरा

कांग्रेस के गलियारों में इन दिनों बस दो ही चर्चाएं जोरों पर है. एक तो ये कि लोकसभा में कांग्रेस की कितने सीटें आएंगी. दूसरी- परिणाम के आधार पर क्या मंंत्रीमंडल और पार्टी संगठन में बदलाव होगा? सूत्रों की मानें तो लोकसभा परिणाम के बाद राजस्थान सरकार और कांग्रेस संगठन में फेरबदल देखने को मिल सकता है. यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इस बदलाव के संकेत खुद राजस्थान प्रभारी महासचिव अविनाश पांडेय ने दिए हैं.

पांडेय ने आलाकमान के निर्देशों के तहत राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दौरान एक-एक गतिविधियों की खुफिया रिपोर्ट तैयार की है जिसे वे राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को सौपेंगे. रिपोर्ट में राहुल गांधी को वॉर रूम से लेकर चुनाव प्रचार, मंत्रियों और विधायकों का रोल जैसे फीडबैक दिए जाएंगे. यह रिपोर्ट पर्यवेक्षकों और प्रत्याशियों से मिले फीडबैक के आधार पर तैैयार की गई है. देश में अंतिम चरण का मतदान खत्म होने के बाद पांडे्य यह रिपोर्ट राहुल को हैंडओवर कर देंगे.

आलाकमान से होगी चर्चा
रिपोर्ट आने के बाद राहुल गांधी अपने लेवल पर इसका मंथन करेंगे. उसके बाद प्रभारी अविनाश पांडेय, सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ सचिन पायलट के साथ सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेेल को लेकर चर्चा होगी. रिपोर्ट के तहत जिन विधायकों और मंंत्रियों की परफॉर्मेंस अच्छी होगी, उन्हें पदोन्नत किया जाएगा.

वहीं जिन्होंने भितरघात किया, उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने के पूरे आसार हैं. यानी भितरघात करने वाले विधायकों के मंत्री बननेे के चांस बेहद कम हो जाएंगे. मंत्रियों पर मंत्रिमंडल से बाहर होने की तलवार भी लटक सकती है.

परफोर्मेंस बनेगा पैमाना
अगर प्रभारी के संकेतों को समझा जाए तो यही निकलकर सामने आ रहा है कि गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार तय है. परफॉर्मेंस देने वाले विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा और नहीं देने वालों को हटाया जाएगा. हालांकि मंत्रिमंडल में फेरदबल और विस्तार में इतनी जल्दबाजी नहीं होने की बातेें भी सामने आ रही है. ऐसे में अंदेशा यही है कि यह फेरबदल दिवाली तक हो सकता है. यह भी माना जा रहा है कि मंत्रियों की फेहरिस्त में कई नए चेहरों को भी शामिल किया जा सकता है. वहीं कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जाने के आसार हैं.

मिलेगा नया पीसीसी चीफ
चुनावी परिणाम से पहले यह चर्चा भी कांग्रेस में गर्म हैं कि क्या अब पीसीसी को नया मुखिया मिलेगा, क्योंकि सचिन पायलट को इस पद पर रहते हुए पांच साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है. जानकारों का यह भी कहना है कि सचिन पायलट खुद इस पद पर रहने को लेकर ज्यादा इच्छुक नहीं हैं. इसकी वजह है- पायलट के पास डिप्टी सीएम होने के साथ अन्य विभाग भी हैं.

हालांकि इन बातों की पुष्टि अभी कोई नहीं कर रहा है. कईं नेताओं का ऑफ द रिकॉर्ड कहना है कि जुलाई बाद नया पीसीसी चीफ जरुर बनेगा.

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