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विधानसभा सत्र के चलते और राहुल गांधी के इस्तीफे का पटाक्षेप नहीं होने के कारण राजस्थान सरकार के मंत्रीमंडल में किसी भी तरह के फेरबदल की अटकलों पर फिलहाल विराम लग गया है. साथ ही राजनीतिक नियुक्तियों पर भी ब्रेक लग गए है. अब विधानसभा सत्र के बाद अगस्त या फिर दिवाली से पहले यह फेरबदल और नियुक्तियां होना तय है. हालांकि दिल्ली से लेकर जयपुर तक इसके लिए लॉबिंग जारी है.

सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने यह दोनों अहम काम फिलहाल अपने हाथ में लिए हैं. मंत्रीमंडल फेरबदल-विस्तार और निुयक्तियों में बसपा और निर्दलीय विधायकों को भी मौका मिलना तय है. अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस कोटे के कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है. लोकसभा चुनाव परिणाम और उसमें परफोर्मेंस के आधार पर नेताओं को मौका दिया जाएगा.

मौजूदा मंत्रियों को देने हैं सवालों के जवाब
विधानसभा का सत्र 27 जून से शुरु हो जाएगा. इसके लिए मंत्री सवालों का जवाब देने की तैयारी में जुट गए हैं. ऐसे में यह तय है कि सत्र समाप्ति से पहले किसी भी तरह का बदलाव मंत्रीमंडल में नहीं होगा. आलाकमान से भी अभी सीएम अशोक गहलोत ने इस बारे में अभी कोई चर्चा नहीं की है. वहीं राजनीतिक नियुक्तियों की सुगबुगाहट भी अब बंद हो गई है. इन दोनों कामों के लिए आलाकमान की अनुमति जरुरी है लेकिन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफा प्रकरण के चलते पूरी कांग्रेस ऊहापोह में है. हालांकि नियुक्तियों के बारे में बताया जा रहा है कि नामों की फाइल प्रियंका गांधी के पास पहुंच चुकी है. लेकिन प्रियंका गांधी अभी इस्तीफा प्रकरण को हैंडल करने में बिजी है. ऐसे में पूरी संभावना है कि अब जो भी होगा, अगस्त माह में होगा. किसी कारणवश यह बदलाव अगस्त में नहीं होता है तो दिवाली से पहले होना फाइनल है.

कुछ के विभाग बदलेंगे तो कुछ की होगी छुट्टी
मंत्रीमंडल फेरबदल और विस्तार के तहत कुछ मौजूदा मंत्रियों की चाहत और परफोर्मेंस को देखते हुए उनका कद बढ़ाया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, रमेश मीणा और गोविंद डोटासरा जैसे शानदार काम करने वाले मंत्रियों को और अच्छे विभागों का उपहार दिया जा सकता है. वहीं कुछ मंत्रियों ने दूसरे विभाग देने पर अच्छा काम कर दिखाने की गुहार लगाई है. लोकसभा चुनाव में खराब परफोर्मेंस और कार्यकर्ताओं की फीडबैक के आधार पर कुछ मंत्रियों की छुट्टी होने की संभावना भी नजर आ रही है.

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