पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के गुजरात में शराबबंदी के बावजूद आसानी से शराब उपलब्ध होने के बयान के बाद उठा विवाद थमा नहीं है. इससे गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी बौखलाए हुए हैं. गुजरात मे घर-घर में शराब मिलने का मुद्दा उठाने पर गहलोत की आलोचना करते हुए रूपाणी ने कहा कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए. गुजरात में भाजपा की सरकार है और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है. विवाद शुरू करने के पांच दिन बाद भी वह इस मुद्दे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.
गुजरात सीएम रूपाणी की मांग पर इस मुद्दे को लेकर माफी मांगना तो दूर, सीएम गहलोत ने उल्टे बुधवार को तीन अलग-अलग ट्वीट किए. उनका एक ट्वीट था, मुख्यमंत्री रूपाणी अच्छी तरह जानते हैं और गुजरात के ज्यादातर लोग भी जानते हैं कि गुजरात में पड़ोसी राज्यों से तस्करी के जरिए शराब गुजरात पहुंचती है. उन्हें पड़ोसी राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों से तालमेल बनाकर रखना चाहिए, जिससे कि शराब की तस्करी रोकने के उपाय किए जा सकें. जैसे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब में ड्रग तस्करी रोकने के लिए कर रहे हैं. इसके बाद गहलोत (Ashok Gehlot) का दूसरा ट्वीट था- लेकिन गुजरात सरकार और रूपाणी जी ने कभी भी इसके बारे में बात नहीं की. उन्होंने गुजरात में शराब की तस्करी सख्ती से रोकने के लिए कभी भी पड़ोसी राज्यों से सहयोग नहीं मांगा.
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गौरतलब है कि दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच शराबबंदी को लेकर विवाद रविवार को शुरू हुआ था. गहलोत (Ashok Gehlo) ने कहा था कि गुजरात में शराबबंदी के बावजूद शराब आसानी से मिल जाती है. उन्होंने कहा था कि जब वह 2017 में विधानसभा चुनाव के सिलसिले में गुजरात में थे, तब उन्होंने देखा कि शराबबंदी के बावजूद शराब आसानी से मिल जाती है और राज्य में बड़े पैमाने पर शराब पीने का चलन है.
गहलोत के बयान पर रूपाणी ने कहा था कि यह 6.5 करोड़ गुजरातियों का अपमान है. इसके अगले दिन उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री से माफी मांगने को कहा. उन्होंने कहा कि गहलोत में अगर साहस है तो उन्हें करोड़ों गुजरातियों के सम्मान के खिलाफ बोलने और उन्हें पियक्कड़ बताने के लिए माफी मांगनी चाहिए. मैं उनसे माफी मांगने की मांग करता हूं.
गहलोत को गुजरात के ही कुछ बड़े नेताओं और कांग्रेसियों का समर्थन भी मिल रहा है. गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह बाघेला ने, जो अब राकांपा में चले गए हैं, गहलोत के बयान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि गुजरात में कहीं भी एक किलोमीटर के दायरे में शराब मिल जाती है. इसके अलावा गुजरात प्रदेश कांग्रेस ने भी एक विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें 2018-19 में अवैध शराब की जब्ती के आंकड़े पेश करते हुए सवाल पूछा है कि इन आंकड़ों पर मुख्यमंत्री रूपाणी खामोश क्यों हैं? इस तरह गहलोत के बयान से गुजरात के मुख्यमंत्री रूपाणी शराबबंदी को लेकर आलोचना के घेरे में आ गए हैं. Ashok Gehlot माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं. मामला और आगे बढ़ गया है. भविष्य में शराबबंदी के मुद्दे पर कांग्रेस गुजरात में आंदोलन खड़ा कर सकती है