दो दिग्गजों की मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में शुरू हुई एक नई चर्चा, कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने शनिवार को जयपुर में अशोक गहलोत से की मुलाकात, 2 घंटे तक दोनों की हुई मुलाकात, हलांकि सचिन पायलट ने राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम के लिए अशोक गहलोत को किया है आमंत्रित, ऐसे में अशोक गहलोत ने पायलट के निमंत्रण को स्वीकारा और 11 जून को इस कार्यक्रम जाने का बनाया मन! वही गहलोत-पायलट की इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर तेजी से वीडियो हो रहा वायरल और लोग कर रहे है अलग-अलग तरह की चर्चा, कहा जा रहा है कि 400 मीटर दूरी तय करने में सचिन पायलट को लग गए कई साल, अगर पहले इस तरह से होती मुलाकात तो पार्टी और प्रदेश में बदलते समीकरण, वही अब भी माना जा रहा है कि गहलोत-पायलट की मुलाकात के बाद अब बदलेगा कांग्रेस का सियासी नरेटिव, 2020 के सियासी संकट के बाद दोनों नेताओं में हुआ था टकराव, इसके बाद लगातार दोनों के बीच आरोप प्रत्यारोप का चला था दौर, इतना ही नहीं गहलोत ने पायलट के लिए ‘नकारा’ और ‘निकम्मा’ जैसे शब्दों का किया था प्रयोग, लेकिन फिर भी पायलट ने गहलोत को लेकर नहीं दिया था कोई विवादित बयान, इसके बाद एक बार फिर 25 सितंबर 2022 की घटना के बाद भी दोनों नेताओं में हुआ था टकराव, इशारों में दोनों ने एक दूसरे को लेकर दिए थे कई बयान, 25 सितंबर की घटना को लेकर कहा जाता है कि गहलोत ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने से रोका था! वही भारत जोड़ो यात्रा के समय भी राहुल गांधी ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत के साथ प्रदेश में की थी यात्रा और दिया था एकता का संदेश, लेकिन कहा जाता है कि इसके बाद भी गहलोत-पायलट के बीच कुछ भी ठीक नहीं हुआ था, ऐसे में अब शनिवार की मुलाकात के बाद माना जा रहा है की अब आने वाले समय में प्रदेश कांग्रेस में देखने को मिलेगी एक नई तस्वीर, सियासी पंडितों का अब यह सवाल है कि क्या गहलोत-पायलट ने सभी गिले-शिकवे कर दिए दूर? वही एक चर्चा तो यह भी है कि पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा का कार्यकाल भी हो रहा है पूरा, इसके बाद माना जा जा है कि सचिन पायलट को बनाया जा सकता है प्रदेश अध्यक्ष! लेकिन इन सभी चर्चाओं के बीच अशोक गहलोत का वो बयान याद आता है जब उन्होंने कहा था कि राजनीति में जो होता है, वह दिखता नहीं, जो दिखता है, वह होता नहीं