Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर अपने चरम पर है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार दोपहर पत्रकारों से मुखातिब होते हुए विधानसभा सत्र बुलाने और बहुमत कांग्रेस के पास होने की बात की. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी का मन बहुत प्रेशर में है. इसलिए वह कहते हैं कि हमारे पास बहुमत है. बहुमत है तो फिर बाडे में क्यों बंद है.
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि सीएम गहलोत ने जो बयान बहुमत को लेकर दिया है. इन दिनों में जो बयान सीएम गहलोत ने मीडिया में दिए है इससे लगता है कि वो काफी तनाव में है. अंदर से दुखी होकर जो भी उनके मन में आता है उसको वह बोल रहे हैं. पत्रकारों से बातचीत में सीएम गहलोत ने कहा कि ऑडियो की जांच अमेरिका से जांच करवा लो. ऐसी भाषा किसी ने अभी तक नहीं बोली होगी. क्या हिंदुस्तान में आॅडियो की जांच होना संभव नहीं है या हिंदुस्तान की इतनी भी काबिलियत नहीं है कि उसकी जांच के लिए अमेरिका भेजना पड़े. मैंने सीएम गहलोत से एक सवाल किया था आपका ओएसडी किस हैसियत से ऑडियो टेप करता है और कैसे जारी करता है, इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं दिया. मुख्यमंत्री जी का मन बहुत प्रेशर में है इसलिए वह कहते हैं कि हमारे पास बहुमत है. बहुमत है तो फिर बाडे में बंद क्यों है.
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कांग्रेस के पास बहुमत होने के सवाल पर कटारिया ने कहा कि बहुमत दिखाई दे रहा है लेकिन सीएम गहलोत घबराए हुए इसलिए हैं कि उन्होंने विधायकों को इकट्ठा तो कर लिया लेकिन जब वह फ्लोर में जाएंगे और उनके पक्ष में वोट देंगे, इसके बारे में उनके अंदर ही अंदर कोई ना कोई अंतर्द्वंद है. इस कारण से जिस भाषा का प्रयोग सीएम गहलोत कर रहे हैं, मुझे लगता है कि वो घबराए हुए हैं. सभी लोग आपके पक्ष में है तो बाडेबंदी की जरूरत क्या है दूसरी पार्टियों की भी बाडाबंदी कर रखी है. फ्लोर टेस्ट के बारे में आप कह रहे हो दूसरी तरफ आप कोर्ट में जाकर उलझ रहे हो.
विधानसभा सत्र आयोजित होने की चर्चाओं पर कटारिया ने कहा कि आपको पूरा भरोसा है तो आप पहले ही दिन उसी रास्ते चलते और जाकर अपना फ्लोर टेस्ट करवा कर अपना बहुमत साबित करवा देते. आपकी हिम्मत ही नहीं और अब सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट भी इसके बारे में सुन रहा है. सोमवार को भी सुनेगा. उससे पहले किसी भी प्रकार आप खुद विधानसभा का सत्र बुला नहीं सकते. विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को प्रार्थना करनी होगी. राज्यपाल ही सदन बुलाने के लिए डायरेक्शन देंगे. बहुमत उनके पास है नहीं इसलिए उनकी भाषा इतनी नीची जा रही है, जो कि इतने लंबे राजनीतिक जीवन जीने वाले तीन तीन बार मुख्यमंत्री बनने वाले को यह शोभा देने वाली बात नहीं है.
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मुख्यमंत्री के मध्य प्रदेश और अब राजस्थान में सरकार गिराने के आरोपों पर कटारिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में सिर्फ चार पांच विधायकों का डिफरेंस था. यहां पर 25 का डिफरेंस है अगर बीजेपी पूरी ताकत भी लगा ले तो भी हमारी संख्या नहीं बनती. इसका मतलब जब तक कांग्रेस का घर जब तक नहीं टूटता है तब तक हम लोग कुछ कर ही नहीं सकते. इसलिए हम देख रहे हैं. पहले ही दिन से हम कह रहे हैं यह झगड़ा कांग्रेस का आपसी है और जैसे आप एक दूसरे पर बयान देते रहे हो यह जगजाहिर है. इसे छुपाने के लिए बीजेपी को बदनाम करने के लिए आरोप लगाए जाते है. इसके बाद भी अगर कोई कानूनी कार्रवाई करनी है तो करो कौन आपको मना कर रहा है.