देश के शीर्ष फिल्मकारों, कलाकारों, बुद्धिजीवियों ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है जिसमें भीड़ की हिंसा और जय श्रीराम के नारे के दुरुपयोग पर चिंता जाहिर की है. इस पत्र पर श्याम बेनेगल, अदूर गोपालकृष्णन, अपर्णा सेन, रामचंद्र गुहा सहित 62 गणमान्य लोगों के दस्तखत हैं. इसके जवाब में प्रसून जोशी की अगुवाई में कंगना रनौत सहित कई कलाकारों ने भी पत्र जारी करते हुए मोदी सरकार के साथ एकजुटता दिखाई. अब इस मामले में मशहूर सिंगर आशा भोसलें का नाम भी शामिल हो गया है. मौजूदा माहौल पर कटाक्ष करते हुए आशा भोसले ने ट्वीट किया, ‘दम मारो दम, बोलो सुबह शाम, हरे कृष्णा हरे राम… क्या मैं इस सदाबहार गाने को गा सकती हूं?’

यह 70 के दशक में बनी देव आनंद की फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा का सुपरहिट गीत है. इस गीत को आशा भोसलें ने आवाज दी है. अब आशा भोसलें के मौजूदा ट्वीट के अलग-अलग अर्थ लगाए जा रहे हैं. बड़ी संख्या में कई प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. उनके ट्वीट के बाद राजनीति में थोड़ी बहुत हलचल भी शुरू हो गयी है.

कई लोग आशा भोसलें के ट्वीट को मौजूदा माहौल में संवेदनाहीन मानते हैं. उनका कहना है कि धर्म के नाम पर हिंसा की घटनाएं हो रही हैं और आशा भोसले को मजाक सूझ रहा है. ज्यादातर लोगों का कमेंट यह है कि धर्म के मामलों को राजनीति से अलग रखना चाहिए. एक कमेंट यह भी है कि आरडी बर्मन का संगीतबद्ध किया गाना दम मारो दम…संगीतकारों के लिए एक मिसाल है. आशाजी आप आगे बढ़ें. हम आपके साथ हैं.

एक शख्स ने लिखा है कि आशाजी, आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी. हम प्रभु का नाम आदर सम्मान से लेते हैं. उन्माद पैदा करने के लिए प्रभु का नाम लेना ठीक नहीं है. एक ने लिखा, आप भी अंधेरे को बढ़ावा देने वालों में शामिल हो गईं. बहरहाल आशा भोसले का ट्वीट सोशल मीडिया पर जबर्दस्त तरीके से हिट हो रहा है. डेढ़ लाइन के कमेंट पर हजारों प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. आशा भोसले की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया सोमवार तक नहीं आई थी.

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