Politalks.News/Delhi/Asaduddin Owaisi. हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने संघ पर निशाना साधते हुए संसद और तमाम विधानसभाओं में मुस्लिम प्रतिनिधित्व की वकालत की है. ओवैसी ने कहा कि हिंदुत्व राजनीति में एक समुदाय विशेष का दबदबा चाहता है और संघ संसद में हमारी मौजूदगी नहीं चाहता. वे नहीं चाहते कि मुसलमान राजनीति में उतरे. ओवैसी ने हिंदुत्व को झूठा बताते हुए ओवैसी ने यूएपीए कानून को निर्दोष मुस्लिमों और दलितों पर अत्याचार बताया. हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व संघ संसदीय राजनीति में मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व के खिलाफ है क्योंकि संसद और विधानसभाओं में मुस्लिम प्रतिनिधित्व ही संघ को चुनौती दे सकता है.
ओवैसी ने एक ट्वीट करते हुए संघ और हिंदुत्व पर हमला किया. ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा- ‘हिंदुत्व इस झूठ पर बना है कि केवल एक समुदाय के पास सभी राजनीतिक शक्ति होनी चाहिए और मुसलमानों को राजनीति में भाग लेने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए. संसद और विधानसभाओं में हमारी अधिक उपस्थिति हिंदुत्व संघ के खिलाफ चुनौती का काम करेगी, अगर अपनी मौजूदगी कायम कर पाए तो जश्न मनाएंगे.’
Hindutva is built on the lie that only 1 community should've all political power & Muslims should've no right to participate in politics. Our very presence in Parliament & Assemblies is an act of defiance against Hindutva Sangh would celebrate if we simply ceased to exist one day https://t.co/rgQt8dxYh2
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 21, 2020
गौरतलब है कि ओवैसी बिहार में पांच विधानसभा सीटों पर मिली जीत से खासे उत्साहित हैं और बंगाल व यूपी सहित राजस्थान में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. ओवैसी मुस्लिमों के बड़े नेता के तौर पर जाने जाते हैं. मौजूदा वक्त में ओवैसी की टिप्पणी इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि संसदीय चुनावों में मुस्लिम प्रतिनिधित्व घटा है. ऐसे में बिहार की पांच सीटों पर ओवैसी की जीत को कई मायने निकाले जा रहे हैं. बिहार की सफलता को ओवैसी की पार्टी के राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बन कर उभर कर सामने आने से जोड़ा जा रहा है.
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एआईएमआईएम की स्थापना 1927 में की गई थी. शुरू में यह पार्टी केवल तेलंगाना तक सीमित थी. 1984 से AIMIM लगातार हैदराबाद लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करती आ रही है. तेलंगाना और महाराष्ट्र के बाद पार्टी ने अब बिहार में अपना खाता खोला है. अब पश्चिम बंगाल, यूपी और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों पर ओवैसी की नजरें हैं.
ओवैसी ने यूएपीए कानून पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे मुस्लिम और दलितों के खिलाफ किया जाने वाला कानून बताया. ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि यह साफ हो चुका है कि अनलॉफुल एक्टिविटिज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) एक कठोर कानून है और इसका इस्तेमाल केवल निर्दोष मुस्लिमों, दलितों और असंतुष्टों को कैद करने के लिए किया जाता है. उन्होंने कहा कि दशकों से मुस्लिम और दलित युवाओं पर अत्याचार और उन्हें कलंकित करने के लिए ‘रेडिक्लाइजेशन’ का इस्तेमाल किया जाता रहा है. यह विश्वास करना मुश्किल है कि अब यह ‘धर्म तटस्थ’ होने जा रहा है.
Let’s be clear, UAPA is a draconian law that’s only used to imprison innocent Muslims Dalits & dissenters. For decades ‘radicalisation’ has been used to torture & stigmatise Muslim & Dalit youth. Hard to believe that this is going to be a genuine “religion neutral” exercise…1/2 https://t.co/Rqfcz70UgG
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 21, 2020
बता दें, 2014 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में इस पार्टी को सात सीटों पर जीत मिली थी, जबकि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टी दो सीटों पर जीत दर्ज कराने में कामयाब रही थी. बिहार में पांच सीटें जीतने के बाद पार्टी के हौसले बुलंद हैं. इस पार्टी ने अपने मुख्यालय हैदराबाद के बाहर विधानसभा की सबसे अधिक सीटें पहली बार जीती हैं. अब पार्टी मुस्लिम बाहुल्य राज्यों में एंट्री करने की तैयारी कर रही है.