पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. सीपीआई नेता कन्हैया कुमार पर राजद्रोह का केस चलाने की मंजूरी देकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार चारों और से घिर गई है. एक ओर जहां बीजेपी आप सरकार को ये कहकर घेर रही है कि जनता के दबाव में और मौजूदा हालातों को भांपते हुए आखिरकार दिल्ली सरकार को कन्हैया पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए मजबूर होना पड़ा. वहीं कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम कन्हैया कुमार के समर्थन में उतर गए और कहा कि दिल्ली सरकार को राजद्रोह कानून की समझ नहीं है. बता दें, शुक्रवार को आप सरकार ने चार साल बाद कन्हैया कुमार पर राजद्रोह का केस चलाने की स्वीकृति दे दी. भाकपा नेता पर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है. कन्हैया के साथ 7 अन्य लोगों पर भी देशद्रोह का मामला चलेगा.
इससे पहले बीजेपी लगातार आरोप लगाती आ रही है कि आप सरकार कन्हैया कुमार और अन्य लोगों को अभियोजन की स्वीकृति ना देकर मामले में कार्यवाही को रोक रही है. जैसे ही सरकार ने कन्हैया पर राजद्रोह का केस चलाने की स्वीकृति दी, बीजेपी ने ये कहकर दिल्ली सरकार को घेरना शुरु कर दिया कि दिल्ली हिंसा जैसी गंभीर स्थिति को भांपते हुए सरकार ने ऐसा किया है. इससे पहले खुद कन्हैया कुमार ने एक ट्वीट करते हुए केस चलाने के लिए आप सरकार को धन्यवाद दिया.
एक अन्य ट्वीट में कन्हैया ने लिखा, ‘एक अन्य ट्वीट में कन्हैया कुमार ने कहा कि सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरुरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन क़ानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है’.
सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरुरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन क़ानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 28, 2020
वहीं देश के पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने दिल्ली सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की. ट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता ने लिखा, ‘राजद्रोह कानून के बारे में केंद्र सरकार की तरह ही दिल्ली सरकार की भी समझ कम है. मैं भारतीय दंड सहिंता(आईपीसी) की धारा 124ए और 120बी के तहत कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ राजद्रोह का केस चलाने की मंजूरी देने का कड़ा विरोध करता हूं’.
Delhi Government is no less ill-informed than the central government in its understanding of sedition law.
I strongly disapprove of the sanction granted to prosecute Mr Kanhaiya Kumar and others for alleged offences under sections 124A and 120B of IPC.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 29, 2020
इस संबंध में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे 3 साल लटकाए रखा, लेकिन जनता के सामने आखिरकार उन्हें झुकना पड़ा. जावडेकर ने एक ट्वीट में लिखा, ‘जनता के दबाव में, आखिरकार दिल्ली सरकार को जेएनयू मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए मजबूर होना पड़ा. 3 साल तक अरविंद केजरीवाल इसे टालते रहे लेकिन उन्हें जनता के सामने झुकना पड़ा’.
लोगो के दबाव के कारण आखिर दिल्ली सरकार @AamAadmiParty को #JNU मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देनी पड़ी। 3 साल दिल्ली के मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal यह अनुमति टालते रहे लेकिन आखिर उन्हें जनता के आगे झुकना पड़ा। @BJP4India @AmitShah @JPNadda
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) February 28, 2020
इस मामले में आम आदमी पार्टी ने मामले में कार्यवाही अवरुद्ध करने के बीजेपी के आरोपों को खारिज किया. आप विधायक और प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली सरकार के विधि विभाग ने उचित विचार-विमर्श के बाद गृह विभाग को इस मामले में अपनी राय दी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने 20 फरवरी को मंजूरी प्रदान की. चढ्ढा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने नीतिगत और सैद्धांतिक तौर पर ऐसे किसी मामले में हस्तक्षेप नहीं किया और ना करती है. हमारी सरकार ने पिछले पांच साल में किसी मामले में अभियोजन नहीं रोका है.
गौरतलब है कि जेएनयू में नारेबाजी का वीडियो 9 फरवरी, 2016 को सामने आया था, जिसमें कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाए गए थे. वीडियो सामने आने के बाद छात्र संघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ , लेकिन पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली सरकार से इसके लिए अनुमति नहीं मिलने की जानकारी दी थी. कोर्ट ने स्पेशल सेल को निर्देश दिया था कि वो दिल्ली सरकार से रुख साफ करने को कहे. हालांकि ये मामला चार साल से लटका रहा. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फिर से खत लिखकर केजरीवाल सरकार से केस चलाने की मंजूरी देने की अपील की थी.
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स्पेशल सेल के पत्र पर सरकार ने अब राजद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति दी है. राजद्रोह मामले में कन्हैया कुमार के अलावा उमर खालिद, अनिर्बान, आकिब हुसैन, मुजीब, उमर गुल, बशरत अली और खालिद बसीर पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया जाएगा.