Politalks.News/Bharat. पतंजलि के मुखिया योगगुरु बाबा रामदेव और आईएमए के बीच जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है बल्कि दोनों ओर से जुबानी जंग और तेज होती जा रही है. एलोपैथी पद्धति और उसके डॉक्टर्स पर दिए गए बयान के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बाबा रामदेव पर इस बार ‘कार्रवाई‘ की मांग कर रहा है. दूसरी ओर ‘रामदेव भी दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं’. उम्मीद थी कि दोनों के बीच अब मामला निपट जाएगा लेकिन यह भी ‘लंबा’ होता जा रहा है. एलौपेथी को लेकर दिए गए विवादित बयान को वापस लेने के बाद भी बाबा रामदेव के तेवर बरकरार हैं. ऐसे में एक बार फिर योग गुरु रामदेव ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आईएमए को ‘ललकारा‘ है. एलौपेथिक डाॅक्टर्स और सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव को अरेस्ट किए जाने के ट्रेंड्स पर बाबा ने दो टूक कहा है कि ‘अरेस्ट तो उनका बाप भी नहीं कर सकता बाबा रामदेव को‘.
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रामदेव बाबा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में रामदेव कहते हुए दिख रहे हैं कि वह लोग कभी सोशल मीडिया में रामदेव की गिरफ्तारी का ट्रेंड चलाते हैं तो कभी रामदेव ठग है चलाते हैं चलाने दीजिए, अब यह गुण हम भी सीख गए हैं और जो हम लोग ट्रेंड चलाते हैं वह सबसे ऊपर ही रहता है. बुधवार को सोशल मीडिया पर इस वीडियो को ट्वीट करते हुए रामदेव के ऊपर निशाना साधा जा रहा है. सोशल मीडिया यूजर्स ने रामदेव की गिरफ्तारी की मांग करते हुए हजारों की संख्या में पोस्ट लिखे. जिसमें कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने भी रामदेव को आड़े हाथ लिया है. यहां आपको बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रामदेव को ‘महाठग’ कहा था. सही मायने में बाबा रामदेव पूरे देश भर के एलोपैथिक डॉक्टरों के निशाने पर हैं. विवादित बयानों के बाद रामदेव की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं.
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आईएमए ने 1000 हजार करोड़ रुपए की मानहानि का भेजा नोटिस
आईएमए ने पतंजलि के संस्थापक रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. कुछ जगह पर डॉक्टरों ने रामदेव और पतंजलि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया. इसके साथ ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड ने योग गुरु रामदेव को एक हजार करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है’. नोटिस में रामदेव से अगले 15 दिन में उनके बयान का खंडन वीडियो और लिखित माफी मांगने को कहा गया है. दूसरी ओर फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए और पूरे देश में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ पर बाबा रामदेव को ‘कानूनी नोटिस’ भेजा है. एसोसिएशन ने कहा कि वह बाबा रामदेव द्वारा सस्ते प्रचार के लिए किए गए निराधार और विवेकहीन दावों की निंदा करता है.
एफएआईएमए ने खुले तौर पर रामदेव को अपने दावों के पीछे सबूत देने या फिर माफी मांगने की चुनौती दी है, साथ ही ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है. बता दें कि पिछले दिनों बाबा ने कहा था कि एलोपैथिक दवाएं खाने से लाखों लोगों की मौत हुई है. उन्होंने ‘एलोपैथी को स्टुपिड और दिवालिया साइंस कह दिया था’. इस पर विवाद बढ़ने और केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के कड़े एतराज के बाद रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया था. तब माना जा रहा था कि विवाद थम जाएगा, लेकिन 24 मई को रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथिक पर सवाल उठा दिए. रामदेव ने इस बार पतंजलि के लेटरपैड पर लिखी एक चिट्ठी में आईएमए से 25 सवाल किए. इस पर उनके हस्ताक्षर भी है.