Politalks.News/Punjab.पंजाब की सियासत विधानसभा चुनाव से पहले इतनी उबाल मारेगी यह किसी ने सोचा नहीं था. करीब 1 महीने पहले तक पंजाब में फिर से कांग्रेस सरकार बनाने का दावा करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह के सुर एक दम से इतने बदल जाएंगे ये ना तो कांग्रेस आलाकमान ने सोचा था और ना ही सूबे के अन्य विपक्षी दलों ने सोची होगी. कैप्टन साहब कांग्रेस से अलग होने का एलान पहले ही कर चुके हैं और इस बात पर आज उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुहर भी लगा दी है. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि, ‘हां मैं नई पार्टी बनाने जा रहा हूं’. साथ ही अमरिंदर ने प्रेसवार्ता के दौरान अपने विरोधियों पर भी जमकर निशाना साधा और भाजपा से गठबंधन पर पत्ते नहीं खोलते हुए दिल्ली कूच की घोषणा भी कर दी. अमरिंदर के इस ‘सियासी एलान-ए-जंग’ पर नवजोत सिंह सिद्धू का पलटवार आ चुका है. सिद्धू ने कहा कि, ‘बीजेपी के वफादार सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को ईडी कंट्रोल करती थी’. जानकार सूत्रों की माने तो आने वाले चुनाव दिलचस्प होने वाले हैं. हालांकि अमरिंदर आज इस महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस में अकेले नजर आए इसको लेकर भी सियासी चर्चाओं का दौर जारी है.
पंजाब कांग्रेस में जारी सियासी कलह आगामी विधानसभा चुनाव तक क्या रंग खिलाएगी यह कोई नहीं जानता. लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार प्रदेश कांग्रेस के नेताओं पर हमलावर हैं तो वहीं अन्य नेता भी उनके खिलाफ मुखर हैं. कैप्टन की पाकिस्तानी मित्र आरूसा आलम और ISI से उनके संबंधों की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि कैप्टन ने एक नया राग छेड़ दिया है. अमरिंदर ने बुधवार को एक प्रेसवार्ता कर नई पार्टी बनाने का एलान कर दिया. प्रेसवार्ता के दौरान कैप्टन ने कहा कि ‘हां, मैं एक पार्टी बना रहा हूं. अब सवाल ये है कि पार्टी का नाम क्या है, ये मैं आपको नहीं बता सकता क्योंकि ये मैं खुद नहीं जानता. जब चुनाव आयोग पार्टी के नाम और चिन्ह को मंजूर करता है, मैं आपको बता दूंगा. लेकिन यह साफ़ है कि हम सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे’.
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साथ ही अमरिंदर ने अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘कुछ लोग सुरक्षा उपायों को लेकर मेरा मजाक उड़ाते हैं. लेकिन मैं यह साफ़ कर दूँ कि मेरी बेसिक ट्रेनिंग एक सैनिक की है, और मेरे प्रशिक्षण की अवधि से लेकर सेना छोड़ने तक 10 वर्षों तक मैं आर्मी में रहा. इसलिए मुझे पता है कि सुरक्षा के लिए क्या ठीक है क्या नहीं’. अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘एक आर्मीमैन होने के साथ ही मैं 9.5 साल तक पंजाब का गृह मंत्री रहा, लेकिन कोई जो 1 महीने तक गृह मंत्री रहा है, ऐसा लगता है कि वह मुझसे ज्यादा जानता है. मैं या कोई और ये कभी नहीं चाहता कि पंजाब परेशान रहे’. इस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में BSF का दायरा बढ़ाने का भी समर्थन किया. अमरिंदर ने कहा कि, ‘इससे पंजाब पुलिस को और मजबूती मिलेगी साथ ही जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं उनका रवैया गैर जिम्मेदाराना है’.
साथ ही अमरिंदर ने इस प्रेसवार्ता में अपने सरकार के 4.5 साल के कार्यकाल का लेखा जोखा भी पेश किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कैप्टन अपना मेनिफेस्टो भी लेकर आए थे. इस दौरान अमरिंदर ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री रहते उन्होंने अधिकांश वादों को पूरा कर दिया. इन 4.5 वर्षों के दौरान जब मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर था, हमने जो हासिल किया है उसके सभी कागजात यहां दिए गए हैं’. साथ ही अमरिंदर सिंह ने कहा कि, ‘2 महीने में नई आई CM चरणजीत चन्नी की सरकार कुछ नहीं कर सकती. एक बिल्डिंग बनाने में भी 4 साल लग जाते हैं. जो काम हमने पास किए, वो वही काम कर रहे हैं’. प्रेसवार्ता के दौरान अमरिंदर ने गुरूवार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने की भी बात कही. अरमिंदर सिंह के नई पार्टी बनाने के एलान के बाद उनके धुर विरोधी नवजोत सिंह सिद्धू कहां चुप रहने वाले थे.
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नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर के एलान के बाद उन पर निशाना साधते हुए कैप्टन के बीजेपी का वफादार होने का आरोप लगाया. नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि,’अमरिंदर सिंह ने हमेशा खुद को बचाने के लिए पंजाब को दांव पर लगाया. अमरिंदर सिंह पंजाब के न्याय और विकास हासिल करने की राह में नकारात्मक शक्ति थे’. सिद्धू ने आगे कहा कि, ‘हम कांग्रेस के 78 विधायक हैं और आप सोच भी नहीं सकते हैं कि हमें क्या हासिल हुआ है. बीजेपी के वफादार सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को ईडी कंट्रोल करती थी’.
वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह के नई पार्टी बनाने का बयान सामने आने के बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयान ने भी पार्टी की सियासी गर्मी बढ़ा दी है. हुड्डा ने कहा कि, ‘कैप्टन अमरिंदर सिंह उनके मित्र थे, हैं और रहेंगे. नई पार्टी बनाने के बाद भी कैप्टन उनके मित्र रहेंगे’.
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इधर कहा तो यह भी जा रहा है कि कांग्रेस के कई विधायक एवं नेता अमरिंदर सिंह के टच में हैं. अगर ऐसा है तो फिर प्रदेश कांग्रेस की टेंशन कम होने की बजाय और ज्यादा बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. कैप्टन के साथ फिलहाल कौन-कौन से कांग्रेसी नेता जा सकते हैं, इसको लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है. अमरिंदर सिंह आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी या किसी अन्य दल के साथ गठबंधन करेंगे इसे भी लेकर असमंजस जारी है. लेकिन अमरिंदर द्वारा नई पार्टी के एलान के बाद कांग्रेस के सामने पार्टी में बगावत और टूट रोकने की दोहरी चुनौती है. इसीलिए पार्टी के दिग्गज नेता स्थिति पर नजर बनाकर रखे हुए हैं. कैप्टन ने कहा कि उनके संपर्क में कई कांग्रेसी नेता है. वक्त आने पर इसके बारे में बताएंगे.