राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के अध्यक्ष एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने आज संसद भवन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में आयोजित हुई सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की बैठक में भाग लिया. राष्ट्रीय राजमार्गों की डिजाइन तथा गुणवत्ता से जुड़े विषय पर आयोजित हुई इस बैठक में सांसद बेनीवाल ने राज्य सरकार की बजट घोषणा के क्रम में बीकानेर से कोटपुतली तक प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण का टेक अप एनएचएआई को करने की मांग रखी. साथ ही राजस्थान में सड़कों के विकास से जुड़े कई मुद्दों को उठाते हुए सड़क सुरक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुझाव मंत्रालय को दिए. उन्होंने यहां व्यापक जनहित को प्राथमिकता दी जाने की मांग पूरजोर से रखी. इनके अलावा मानासर फाटक पर बने आरओबी की डिजाइन के साथ हुई छेड़छाड़ के लिए जिम्मेदार अभियंताओं व संवेदक पर सीबीआई में एफआईआर दर्ज करवाने और राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण व विकास से जुड़ा कोई भी कार्य सीधे भारत सरकार के नियंत्रण में होने की मांग भी रखी.
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सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के कई कार्य और विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य राज्य के सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास है ऐसे में समन्वय के अभाव में विभिन्न परियोजनाओ के कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो जाता है. उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक सुझाव देते हुए कहा कि यह कार्य सीधे भारत सरकार के नियंत्रण में होने से भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगेगा. उसके लिए अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी का कार्यालय प्रत्येक जिले में होने की अनिवार्यता पर भी जोर दिया. सांसद ने नागौर में भी एनएचएआई का कार्यालय स्वीकृत करने की मांग की है.
नागौर को परियोजना से जोड़ने पर दिया जोर
सांसद हनुमान बेनीवाल ने राज्य सरकार की बजट घोषणा के क्रम में बीकानेर से कोटपुतली तक प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण का टेक अप एनएचएआई को करने की मांग रखी. वहीं जयपुर से फलोदी तक प्रस्तावित ग्रीनफील्ड थार एक्सप्रेस वे के संबंध ने सुझाव देते हुए कहा कि अभी नागौर से कुचामन होते हुए जयपुर जाने वाले राज्य राजमार्ग को सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करके इसे ही ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित करना ज्यादा बेहतर होगा, क्योंकि वर्तमान परियोजना के अनुसार इसमें 66 प्रतिशत भूमि नागौर व डीडवाना-कुचामन जिले की भूमि अवाप्त होगी और इससे किसानों की उपजाऊ जमीन को भारी नुकसान होगा. बेनीवाल ने बताया कि भूमि अवाप्ति के बाद किसानों को स्थाई लाभ नहीं होगा क्योंकि इस परियोजना को सरकार के एक मंत्री व बीजेपी के कुछ नेताओं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अलग मोड़ दिया जा रहा है. उन्होंने नागौर शहर सहित प्रमुख कस्बों को इसमें जोड़ने पर जोर दिया.
नागौर-जोधपुर डीपीआर पर उठाया सवाल
सांसद हनुमान बेनीवाल ने नागौर से जोधपुर जिले के नेतड़ा तक स्वीकृत फॉर लेन सड़क के लिए बनाई गई डीपीआर पर सवालिया निशान उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि वीकेएस इंफ्राटेक मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कम्पनी ने 218 लाख रूपए का काम मात्र 86 लाख में लिया और कम्पनी ने बिना कार्यालय खोले और एक्सपर्ट अभियंताओं के बिना ही डीपीआर का कार्य किया. ऐसे में जब डीपीआर बनाने में एक्सपर्ट नहीं होंगे तो तो निश्चित तौर उस सड़क की डिजाइन अच्छी नहीं बनेगी और दुर्घटनाएं होगी. बेनीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में गुणवत्ता सुधारने के लिए डीपीआर प्रणाली में गहन सुधार की जरूरत है.
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उन्होंने उक्त योजना में जवाबदेही तय करने और अयोग्य ठेकेदारों सहित कंसल्टिंग फर्मों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार की मंशा के विपरीत कार्य करने वाले ठेकेदारों और अभियंताओ के खिलाफ आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने सहित राजस्थान के सालासर से नागौर व बीकानेर से नागौर तक फोर लेन सड़क का कार्य शीघ्रता से स्वीकृत करने की मांग की.
बेनीवाल ने राजस्थान के नागौर-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के समय सड़क के पास नाले के निर्माण में हुए फर्जीवाड़े व भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान या देश में कई भी ऐसी स्थिति भविष्य में नहीं बने उसके लिए मंत्रालय के मॉनिटरिंग सिस्टम में सुधार करवाने की आवश्यकता है.
सुविधाओं में सुधार की मांग भी रखी
आरएलपी प्रमुख ने पाली जिले के देसूरी उपखंड और राजसमंद जिले के चारभुजा क्षेत्र के मध्य अरावली की पहाड़ियों में देसूरी की नाल से गुजरने वाले रास्ते का जिक्र करते हुए कहा कि सड़क की डिजाइन सही न होने की वजह से इस मार्ग पर स्थित सबसे खतरनाक पंजाब मोड़, शनि महाराजा मंदिर मोड़, नाग देवता मोड़ पर हादसे होते रहते है. इस मार्ग को खूनी सड़क भी कहा जाता है. ऐसे में केंद्र से सुधार हेतु विशेष कार्य योजना बनाए जाने की मांग रखी. वहीं भारतमाला परियोजना के तहत अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे में राजस्थान के हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, फलोदी, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, पाली, बालोतरा और सांचौर आदि जिलों से भूमि अवाप्त की गई मगर गुजरात व पंजाब की तर्ज पर मुआवजा नहीं दिए जाने, टोल लेने के बावजूद सुविधाओं का संचालन प्रारंभ न होने का हवाला देते हुए सुविधाएं बढ़ाए जाने पर जोर दिया.
नागौर के इन मुद्दों पर रखी बात
- सांसद हनुमान बेनीवाल ने कृषि मंडी तिराहे गोगेलाव तक 6.2 किमी फॉर लेन सड़क निर्माण कार्य के लिए कार्य कर रही कंपनी का टेंडर निरस्त करने के लिए मंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया. साथ ही गोगेलाव से अमरपुरा जोड़ने वाले बाईपास की वित्तीय स्वीकृति जल्द से जल्द जारी करने की मांग की. इसके अतिरिक्त..
- जल्द से जल्द नया टेंडर करके गुणवत्ता के साथ कार्य करवाने
- विजय वल्लभ चौक से मानासर तक बनी सीसी सड़क में रखी कमियो को दूर करने
- राजकीय मिर्धा कॉलेज व जेएलएन चिकित्सालय के पास एफओबी बनाने
- सीआरआईएफ के अंतर्गत मेड़ता सिटी से मुंडवा तक 62 किमी, मुंदीयाड़ से जोरावरपुरा तक 16 किमी व नागौर से भेड़, बासनी व बैराथल तथा पांचला मार्ग पर बनी 32 किमी बनी सड़को में हुए भ्रष्टाचार के मामले की सीबीआई में एफआईआर दर्ज करवाने
- शेरानी आबाद में बाईपास और कुचेरा व बांठड़ी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर फ्लाई ओवर बनाने
- खींवसर में निर्माणाधीन फ्लाइ ओवर का कार्य गुणवत्ता के साथ शीघ्रता से कराने
- मुंडवा में पंजाबी बाबा प्याऊ से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग के हिस्से पर एक किमी फॉर लेन सड़क बनाने
- नागौर व डीडवाना-कुचामन जिले के विभिन्न खंडों से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट दुरस्त करने
- मुंडवा तिराहा से अठियासन पुल तक व पुराने बाईपास पर मेला मैदान से कृषि मंडी तिराहे तक फॉर लेन सड़क बनाने सहित कई विकास कार्यों की स्वीकृति की मांग दोहराई.